क्या होती है क्रॉस ब्रीडिंग, जिसको लेकर फिल्म लाइगर चर्चा में है?
डिजिटल डेस्क, मुंबई। फिल्म लाइगर का ट्रेलर रिलीज हो चुका है। साउथ के एक्टर विजय देवरकोंडा दमदार अभिनय करते नजर आ रहे है। ट्रेलर में अभिनेत्री अनन्या पान्डेय भी साथ नजर आ रही है। बता दें कि इस फिल्म के ट्रेलर का लोग काफी समय से इंतजार कर थे। यह फिल्म 25 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है लेकिन इस फिल्म के एक कांसेप्ट ने दर्शकों के दिमाग के हिला दिया है।
क्या है मामला?
फिल्म लाइगर के ट्रेलर में एक्टर की मां कहती है- "एक लायन और टाइगर की औलाद है ये...क्रॉस ब्रीड है मेरा बेटा.." इसके बाद विजय देवरकोंडा दमदार अभिनय करते हुए कहते है- "न मैं लायन न मैं टाइगर...दोनों का मिक्स मैं हूं लाइगर"। यानि लाइगर, लायन और टाइगर का क्रॉस ब्रीड है। अब इस कांसेप्ट को लेकर लोग हैरान है। आखिर ये कैसे हो सकता है कि दो जानवरों की क्रॉस ब्रीडिंग या आसान भाषा में कहे तों दो अलग-अलग जानवरों के नस्लों के योग से एक इंसान पैदा हो जाए।
क्या कहता है विज्ञान?
विज्ञान के मुताबिक, दो अलग- अलग नस्लों और किस्मों के बीच प्रजनन प्रक्रिया (reproduction) से उत्पन्न शुद्ध जीव क्रॉस ब्रीड कहलाता है। यह आमतौर पर बेहतर गुणों वाली संतान पैदा करने के लिए किया जाता है। दुनिया भर में कई अलग-अलग प्रजातियों में क्रॉसब्रीडिंग के उदाहरण पाए जा सकते हैं, जैसे कि कुत्ते, मवेशी और घोड़े। पशुओं के प्रजनन में, क्रॉसब्रीड्स एक ही प्रजाति के भीतर क्रॉस होते हैं, जबकि हाइब्रिड विभिन्न प्रजातियों के बीच क्रॉस होते हैं। हालांकि, क्रॉस या हाईब्रीड ब्रीडिंग मनुष्यों पर सफल नहीं हो पाई है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मानव शरीर का डीएनए जानवरों से बहुत अलग है जिसके परिणामस्वरूप अंतःप्रजनन असंभव है। इस पर दुनिया के कुछ देश शोध भी कर रहें है।
इस फिल्म में क्रॉस ब्रिडिंग की बात की गई है, जिसमें लायन और टाइगर में क्रॉस ब्रीडिंग की वजह से लाइगर इंसान के रूप में पैदा हुआ है। ये पूरी तरह से काल्पनिक है। विज्ञान के मुताबिक, मेल लॉयन और फीमेल टाइगर के बीच क्रॉस ब्रीडिंग से बने जानवर को ‘लिगर’ कहते हैं। हालांकि, ये जानवर बहुत शांत स्वभाव का होता है। इस कारण लोग इसे पाल भी सकते है, जबकि फिल्म में दिखाए गए लाइगर काफी आक्रमक अंदाज का है जो फिर से इसके विरोधाभास है।
चूंकि फिल्म लाइगर एक स्क्रीप्टेड या फिर कह लें कल्पनाओँ पर आधारित है। इस कारण विज्ञान को इससे जोड़ कर सत्यापित करने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए।
Created On :   21 July 2022 8:28 PM IST