ओटीटी प्लेटफॉर्म कहानी कहने का माध्यम, देता है प्रयोग करने का मौका
डिजिटल डेस्क, नयी दिल्ली। जी5 के लिये डॉक्यूमेंट्री सीरीज ब्रेक प्वांइट और नेटफ्लिक्स के लिये अनकही कहानियां का सह निर्देशन करने वाली अश्विनी अय्यर तिवारी का मानना है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म ने पूरे मनोरंजन परिदृश्य को ही बदल दिया है और यह हर कहानीकार तथा निर्देशक को कुछ अलग हटकर कहने-करने का मौका देता है। बरेली की बर्फी और नील बट्टा सन्नाटा जैसी धांसू फिल्मों से दर्शकों को कुछ अलग कंटेट दिखाने वालीं युवा फिल्म निर्देशक अश्विनी अय्यर कहती हैं कि ओटीटी प्लेटफॉर्म ने कंटेट गेम को जीत लिया है और यह तब्दीली बेहतरी के लिये ही है।
उन्होंने फिल्म निर्माताओं और लेखकों के लिये ओटीटी प्लेटफॉर्म के महत्व पर प्रकाश डालते हुये कहा, ओटीटी उन्हें बेझिझक अलग-अलग कहानियां कहानियां कहने का मौका देता है और वो भी उस भाषा में, जिसमें उन्हें सहजता महसूस होती है। यह उन्हें प्रयोग करने का मौका देता है और साथ ही कंटेट के पात्रों को अधिक जीवंतता देने वाले अलग अभिनेताओं को चुनने का अवसर देता है।
उन्होंने कहा,अब कहानियां लिखने का तरीका बदल गया है। निर्देशन का तरीका अब अधिक भयमुक्त है। कई लोग अपनी कहानियां लेकर आ रहे हैं और अब सिर्फ चंद निर्माता या लेखक ही फिल्में नहीं बना रहे हैं बल्कि पूरा इकोसिस्टम ही ऐसा बन गया है, जहां नये आइडिया सामने आ रहे हैं और नये लोगों को ऐसे प्लेटफॉर्म से कहानी कहने का मौका मिल रहा है, जो उनके लिये अधिक सटीक है।
उनका मानना है कि ओटीटी स्पेस सबको बराबर मौका देता है और वह उन सबको जगह देता है, जिनके पास कहने के लिये कोई कहानी है। उन्होंने कहा, अलग-अलग जॉनर में कई आइडिया सामने आ रहे हैं, जिनके आधार पर कंटेट तैयार होता है, जिसे अलग-अलग निर्देशक चाहे वे स्थापित हों या नये, अपने अनुसार ढाल रहे हैं।
अश्विनी ने कहा, अच्छी बात यह है कि यहां अलग-अलग बजट में सबको अपनी कहानियां कहने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा,हमारे पास बहुत सारा विदेशी कंटेट है। आज के इस दौर में, हम जब अलग-अलग भाषाओं की फिल्में देख रहे हैं, और हमें ऐसा लगता है कि अगर वह फिल्म हमारी भाषा , हमारे माहौल के अनुकूल है, तो उसे बनाना अब संभव है।
अश्विनी ने ऑस्कर में बेस्ट पिक्च र का अवार्ड जीतने वाली फिल्म का जिक्र करते हुये कहा,कोडा फ्रें च- बेल्जियन फिल्म ला फैमिली बेलिये का रूपांतरण है। इसकी कहानी ऐसी है और सभी पात्र ऐसे हैं कि वे हमेशा आपके दिल को छूयेंगे। अब निर्माता सिर्फ अच्छी कहानियों के पीछे भागते हैं, ऐसी कहानियां, जो हमें प्रेरित कर सकें और लोगों के सोचने के तरीके में बदलाव ला सकें। ओटीटी प्लेटफॉर्म कहानी कहने का माध्यम है, जहां सिर्फ कंटेट का महत्व है और बाकी सबकुछ उसके बाद आता है।
अश्विनी ने कहा, हम अब भी मनोरंजन के कारोबार में हैं लेकिन हमारे पास लोगों के दिल को छूने की क्षमता है और हम लोगों के दिल में भावनाओं का तूफान ला सकते हैं। यह समाज के सोचने के तरीके में बदलाव लाने का पहला कदम है। अश्विनी इन दिनों वेब फिल्म फाड़ू पर काम कर रही है। यह सोनी लिव के लिये बनायी जाने वाली फिल्म है।
(आईएएनएस)
Created On :   2 April 2022 4:01 PM IST