शोध पर फोकस: हिंदी में शोध की राह होगी आसान, जिले के शोधार्थियों के लिए तोहफा
- पीजी कॉलेज से भी कर सकेंगे हिंदी में पीएचडी
- हिंदी विभाग को शोध केंद्र की मान्यता देने के लिए विशेषज्ञों का पैनल भेजा
- शोध संसाधनों, पुस्तकालय, शोध कार्य की ज़रुरी व्यवस्थाओं का किया निरीक्षण
डिजिटल डेस्क, सिवनी। हिंदी में पीएचडी करने के लिए अब जिले के शोधार्थियों को बड़े शहरों में भटकना नहीं पड़ेगा। जिले के अग्रणी पीजी कॉलेज में अब अपनी सहूलियत से हिंदी के शोधार्थी पीएचडी कर सकते हैं। राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय छिंदवाड़ा ने हिंदी विभाग को शोध केंद्र की मान्यता देने के लिए विशेषज्ञों का पैनल भेजा है।
हिंदी विभाग के प्रोफेसर सत्येन्द्र कुमार शेन्डे ने बताया कि राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज पांडे पैनल के मुखिया के रूप में तथा डॉ उर्मिला खरपूसे एवं डॉ वर्षा खुराना सदस्य के रूप में शामिल होकर शोध केंद्र की मान्यता को अंतिम रूप देंगे। हिंदी विभाग में उपलब्ध शोध संसाधनों, पुस्तकालय, शोध कार्य की ज़रुरी व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने और आवश्यक औपचारिकताओं के तुरंत बाद तीन सदस्यों के इस पैनल की अनुशंसा मिलते ही हिंदी विभाग को राजा शंकर शाह विश्वविद्यालयए छिंदवाड़ा के प्रामाणिक शोध केंद्र के रूप में मान्यता मिल जाएगी।
इनका कहना है-
सिवनी जिले के अग्रणी पीजी कॉलेज के हिंदी विभाग को शोध केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए हमने हर संभव तैयारी की है। शोध केंद्र बनने से जिले के युवा विद्यार्थियों को काफी फायदा होगा।
- डॉ रविशंकर नाग, प्राचार्य, पीजी कॉलेज, सिवनी
जिले के लगभग सभी कॉलेजों के हिंदी के युवा विद्यार्थियों में अच्छा उत्साह देखने को मिल रहा है। नेट परीक्षा पास करने वाले तथा एमए की डिग्री हासिल करने वाले युवा विद्यार्थी अब स्थानीय स्तर पर ही पीएचडी कर सकते हैं।
डॉ सविता मसीह, विभागाध्यक्ष, हिंदी
Created On :   8 Feb 2024 9:45 AM IST