शिक्षा: अच्छे मानव संसाधन के निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका- प्रमुख सचिव

अच्छे मानव संसाधन के निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका- प्रमुख सचिव
  • एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में प्रदेश स्तरीय समीक्षा बैठक सह कार्यशाला का आयोजन​
  • प्राचार्य व शिक्षकों को क्षेत्रीय शिक्षण संस्थान और पिरामल फाउंडेशन के विशेषज्ञों ने दिया प्रशिक्षण​
  • शत प्रतिशत परिणाम देने वाले प्राचार्यों व शिक्षकों को बधाई दी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (ई.एम.आर.एस.) भोपाल में गुरुवार को जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित ईएमआरएस के बोर्ड परीक्षा परिणामों की समीक्षा और प्रदेश स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें प्रदेश के 26 जिलों ​के 40 प्राचार्य और 80 शिक्षकों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला में क्षेत्रीय शिक्षण संस्थान (आर.आई.ई) के विषय विशेषज्ञों और पिरामल फाउंडेशन के सदस्यों ने प्रशिक्षण प्रदान किया।

​‘जनजातीय विद्यार्थियों का सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास हो उद्देश्य’

​प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य डॉ. ई. रमेश कुमार ने कार्यशाला को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि किसी राष्ट्र का निर्माण ईंट-सीमेंट से नहीं बल्कि मानव संसाधन से होता है एवं अच्छे मानव संसाधन के निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विभागीय विशिष्ट आवासीय विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना विभाग की प्राथमिकता है। इसके लिए प्राचार्यों और शिक्षकों में टीम बिल्डिंग और टीम वर्क बहुत जरूरी है। साथ ही टीम में काम का विभाजन भी जरूरी है ताकि प्रोडक्टिव रिजल्ट प्राप्त किए जा सकें। हमारा उद्देश्य होना चाहिए कि जनजातीय विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ खेल आदि गतिविधियों से उनका सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास भी हो। इन विद्यार्थियों के करियर बनाने में भी हमारी भूमिका होनी चाहिए। हमें पढ़ाई और करियर विकल्पों के बीच ब्रिज बनने का कार्य करना चाहिए। जनजातीय विद्यार्थियों के लिए नियमित केरियर गाइडेंस और मोटिवेशनल कक्षाओं का आयोजन करवाना चाहिए। इसके लिए विद्यालय के सफल पूर्व विद्यार्थियों व जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को विद्यालय में विशेष सत्र हेतु आमंत्रित किया जाना चाहिए।​प्रमुख सचिव ​ने बोर्ड परीक्षाओं मेंशत प्रतिशत परिणाम देने वाले प्राचार्यों व शिक्षकों को बधाई दी।

जनजातीय कार्य विभाग की उप सचिव सुश्री मीनाक्षी सिंह ने भी कार्यशाला को संबोधित किया और कहा कि अच्छे परिणाम लाने वाले प्राचार्यों से अनुभव साझा कर अन्य प्राचार्य सीखें। जनजातीय विद्यार्थियों को 12वीं कक्षा के बाद केरियर गाइडेंस की बहुत आवश्यकता होती है। इसके लिए एलुमनी मीट का आयोजन करें और पूर्व विद्यार्थियों के अनुभव विद्यार्थियों से साझा करवाएं।

इन जिलों से आए प्रतिभागी- कार्यशाला में सीहोर, श्योपुर, गुना, अलीराजपुर, बड़वानी, धार, इंदौर, झाबुआ, बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, बालाघाट, छिन्दवाड़ा, जबलपुर, मंडला, सिवनी, डिंडौरी, बैतूल, हरदा, नर्मदापुरम, सतना, सीधी, सिंगरौली, अनूपपुर, शहडोल और उमरिया जिलों के प्राचार्य व शिक्षक शामिल हुए। इस अवसर पर जनजातीय कार्य विभाग की अपर संचालक सीमा सोनी और सहायक संचालक अनूप हिरवे भी उपस्थित रहे। ज्ञानोदय विद्यालय भोपाल के प्राचार्य नीरज अब्राहम ने कार्यक्रम का संचालन किया।

Created On :   6 Jun 2024 3:54 PM GMT

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