शिक्षा नीति तैयार करने वाले 13 सदस्यीय पैनल में विश्वनाथन आनंद शामिल
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। तमिलनाडु सरकार ने मंगलवार को राज्य की शिक्षा नीति तैयार करने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) डी. मुरुगेसन की अध्यक्षता में 13 सदस्यीय समिति का गठन किया, जिसमें पूर्व विश्व शतरंज चैंपियन विश्वनाथन आनंद और संगीत शिक्षक टी.एम. कृष्णा भी शामिल हैं। यह घोषणा मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने की।
समिति के सदस्य विभिन्न वर्गो से लिए गए हैं। इसमें एक मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक, एक शतरंज चैंपियन, एक संगीतकार, एक लेखक और सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश के अलावा योजना आयोग के एक सदस्य शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पैनल एक साल के भीतर नई शिक्षा नीति तैयार करने के लिए अपनी सिफारिशें देगा।
तमिलनाडु सरकार ने 2021-22 के अपने अंतरिम बजट में कहा था कि वह राज्य की शिक्षा नीति तैयार करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाएगी। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, नई शिक्षा नीति तमिलनाडु की प्राचीन संस्कृति, इसकी वर्तमान स्थिति और भविष्य के उद्देश्यों को उजागर करेगी। गौरतलब है कि राज्य की डीएमके सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति की कई प्रमुख विशेषताओं पर लगातार आपत्ति जताती रही है, जिसमें सभी यूजीए पाठ्यक्रमों के लिए साझा प्रवेश परीक्षा आयोजित करना, त्रि-भाषा फॉमूले की शुरुआत और कक्षा 3, 5 व 8 के लिए साझा परीक्षा आयोजित करना शामिल है।
राज्य सरकार ने भी चार साल की डिग्री का विरोध किया है और कई निकास विकल्प भी दिए हैं। तमिलनाडु सरकार की राय है कि कई निकास विकल्प देने से पढ़ाई छोड़ने वाले छात्र फिर से पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित होंगे और दो प्रकार के स्नातक पैदा होंगे। पैनल में अध्यक्ष के अलावा, अन्य सदस्यों में सवीथा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एल. जवाहरनीसन, गणितीय विज्ञान संस्थान के सेवानिवृत्त प्रोफेसर आर. रामानुजम और राज्य योजना आयोग के सदस्य सुल्तान इस्माइल व आर. श्रीनिवासन, यूनिसेफ से संबद्ध शिक्षा विशेषज्ञ अरुणा रत्नम, तमिल लेखक एस. रामकृष्णन, पूर्व विश्व शतरंज चैंपियन विश्वनाथन आनंद, संगीत उस्ताद टी.एम. कृष्ण, शिक्षाविद तुलसीदास और एस. मदासामी, पंचायत यूनियन मिडिल स्कूल, किचनकुप्पम के प्रधानाध्यापक आर. बालु और आगाराम फाउंडेशन की जयश्री दामोदरन शामिल हैं।
(आईएएनएस)
Created On :   5 April 2022 7:30 PM IST