रेडियो में रोजगार के अपार अवसर : कुलपति प्रो के.जी .सुरेश
- पत्रकारिता विश्वविद्यालय में सत्रारंभ 2023
- आवाज की दुनिया' विषय पर हुई विशेष संगोष्ठी
- कम्युनिटी रेडियो के पितामह डॉ. आर. श्रीधर
डिजिटल डेस्क, भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय माखनपुरम में सत्रारंभ 2023 के अंतर्गत 'आवाज की दुनिया' विषय पर विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया । इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग एवं कर्मवीर रेडियो केन्द्र द्वारा आयोजित इस संगोष्ठी की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.( डॉ )के.जी. सुरेश ने की। गणेश शंकर विद्यार्थी सभागार में आयोजित इस विशेष संगोष्ठी में कम्युनिटी रेडियो के पितामह डॉ. आर. श्रीधर, आकाशवाणी के पूर्व चीफ न्यूज़ रीडर राजेंद्र चुघ, रेडियो शारदा जम्मू के डायरेक्टर रमेश हांगलू, कम्युनिटी रेडियो विशेषज्ञ मनोज कुमार ने अपने विचार नवागत विद्यार्थियों के समक्ष रखें।
अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो.(डॉ) के.जी. सुरेश ने आवाज के जादू के महत्व को समझाते हुए बताया कि रेडियो आज अनेक रुपों से गुजरते हुए एफ.एम. रेडियो के तौर पर समाज में विशेषकर युवाओं के बीच लोकप्रिय हो गया है। उन्होंने कहा कि रेडियो में रोजगार की अपार संभावनाएं और अवसर हैं। प्रो. सुरेश ने कहा कि विद्यार्थियों को रेडियो माध्यम के अनुसार प्रशिक्षित होना होगा एवं अपने कौशल को निखारना होगा। उन्होंने कहा कि मौन भी बहुत कुछ कहता है । कुलपति प्रो. सुरेश ने कहा कि रेडियो कर्मवीर से रेडियो माध्यम के लिए एक नई पीढ़ी तैयार होगी। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि अच्छा वक्ता बनने के लिए सबसे पहले अच्छा श्रोता बनना चाहिए ।
कम्युनिटी रेडियो के पितामह डॉ. आर. श्रीधर ने कहा कि अगले एक दशक में विजुअल रेडियो आज के समाचार चैनलों की जगह ले लेगा । आकाशवाणी के पूर्व चीफ न्यूज़ रीडर राजेंद्र चुघ ने युवाओं को आवाज सुधारने, उच्चारण दोषों को ठीक करने की सलाह दी। उन्होंने स्वर के आरोह, अवरोह को उदाहरण सहित विद्यार्थियों के सामने प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि ध्वनि ही रेडियो का आधार है । ध्वनि ही रेडियो से कही बात को मन में दृश्य रूप में अंकित करती है । जम्मू से रेडियो शारदा के डायरेक्टर रमेश हांगलू ने कहा कि रेडियो शारदा आज कश्मीरी पंडितों की आवाज बन गया है । उन्होंने कहा तीज़ त्यौहारों में देश एवं विदेश में रह रहे कश्मीरी पंडित इसे बड़े चाव से सुनते हैं । सामुदायिक रेडियो विशेषज्ञ मनोज कुमार ने कहा कि रेडियो में कोई भी विषयवस्तु प्रसारित करने से पूर्व, पहले उसकी पुष्टि किया जाना अत्यंत आवश्यक है।
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग के एचओडी डॉ संजीव गुप्ता ने कहा कि आवाज की दुनिया' में उच्चारण, वॉयस माड्यूलेशन, स्वर संस्कृति,पिच ,टेम्पो,लय का बहुत महत्व है। डॉ गुप्ता ने कहा कि रेडियो ने अब तकनीक के साथ कदमताल करना शुरु कर दिया है । रेडियो तकनीक और साउंड मॉड्यूलेशन के बारे में जानकारी देते हुए डॉ गुप्ता ने विद्यार्थियों से रेडियो में सहभागिता कर अच्छे आलेखक, अच्छे प्रस्तुतकर्ता बनने की बात कही । विशेष संगोष्ठी का संचालन कर्मवीर रेडियो के केंद्र निदेशक डॉ आशीष जोशी ने किया । इस अवसर पर कुलसचिव डॉ अविनाश वाजपेयी, रेडियो कर्मवीर केंद्र के प्रबंधक परेश उपाध्याय, डीन (अकादमिक )प्रो. पी शशिकला, विभागाध्यक्षगण, प्राध्यापक, कार्यक्रम अधिकारी एवं नवागत विद्यार्थी विशेष रुप से उपस्थित थे।
Created On :   18 Aug 2023 10:27 AM IST