विश्व हिंदी दिवस: दिलों को जीतकर हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाना है : कुलपति प्रो. सुरेश

दिलों को जीतकर हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाना है : कुलपति प्रो. सुरेश
  • एमसीयू में विश्व हिंदी दिवस पर विशेष व्याख्यान
  • हिंदी, हृदय की भाषा है : प्रो. राममोहन पाठक
  • आज वैश्विक स्तर पर हिंदी की स्वीकार्यता बड़ी

डिजिटल डेस्क,भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के भारतीय भाषा विभाग द्वारा विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में "विश्व हिंदी : संकल्प, प्रयास और नवोन्मेष" विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के चाणक्य भवन स्थित द्रोणाचार्य सभाकक्ष में आयोजित इस व्याख्यान में मुख्य वक्ता नेहरु ग्राम भारती डीम्ड यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रो. राममोहन पाठक थे, जबकि अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.जी. सुरेश ने की

व्याख्यान की अध्यक्षता कर रहे हैं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.के.जी. सुरेश ने कहा कि आज वैश्विक स्तर पर हिंदी की स्वीकार्यता बड़ी है । उन्होंने कहा कि विश्व मे आज हिंदी की महत्वपूर्ण भागीदारी है । प्रो.सुरेश ने हिंदी को दिलों को जीतने की भाषा बताया । उन्होंने कहा कि हमें दिलों को जीतकर हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाना है ।

मुख्य वक्ता प्रो. राममोहन पाठक ने कहा कि हिंदी विश्व भाषा बनकर रहेगी । उन्होंने कहा कि अंक से आंकड़े बनते हैं और हिंदी तो हृदय की भाषा है। प्रो. पाठक ने कहा कि भाषा का प्रश्न, भाव और भावना का प्रश्न है।उन्होंने कहा कि हिंदी के लिए पिछले 8-10 साल स्वर्णिम काल रहे हैं । इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगले 30 सालों में हिंदी भाषा विश्व की संपर्क भाषा बन सकती है । व्याख्यान में विद्यार्थियों ने भी भाषण एवं कविताओं का पाठ किया । विषय प्रवर्तन भारतीय भाषा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. राखी तिवारी ने किया, जबकि संचालन प्रो. शिवकुमार विवेक ने किया।

Created On :   12 Jan 2024 10:44 AM GMT

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