टिप्स: अर्जुन नायर ने बताया, नौकरी के अनिश्चित बाजार में कॉलेज फ्रेशर्स कैसे रखें कदम
डिजिटल डेस्क, इंदौर। दुनिया भर में आर्थिक अनिश्चितताओं के साथ ही एआई और ऑटोमेशन के कारण टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में जो हलचल मौजूद है, उसकी वजह से कॉलेज के नए ग्रेजुएट्स को चुनौती से भरे नौकरी बाजार में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। संस्थान अपने कर्मचारियों की छंटनी कर रहे हैं और उन्होंने नई नियुक्तियों पर विराम लगा दिया है और इस साल नई नौकरियां कम होती जा रही हैं। नई नियुक्तियों में आई कमी, खासतौर पर टियर 2 और 3 कॉलेजों में स्टूडेंट्स को प्रभावित कर रही हैं, क्योंकि संस्थान उन अभ्यर्थियों की नियुक्ति कर रहे हैं जो कई तरह के स्किल्स जानते हैं।
उपरोक्त चुनौतियों को देखते हुए, कॉलेज फ्रेशर्स को अपनी नौकरियों को लेकर सतर्क हो जाना चाहिए और उन्हें अपना कौशल बढ़ाने के लिए विचार करना चाहिए। सही तैयारी और आत्मविश्वास के साथ इंटरव्यू का सामना करने के लिए अर्जुन नायर ने कुछ टिप्स दिए गए हैं:
• अपस्किलिंग की ताकत से खुद को लैस करें: इंडस्ट्री संबंधी क्षेत्रों में अपस्किलिंग प्रोग्राम, तकनीकी क्षमता को ज्यादा उभारते हुए कॉलेज फ्रेशर्स के महत्व को और अधिक बढ़ाने का काम कर रहे हैं। कॉलेज से पास होने के तुरंत बाद, अपनी औपचारिक पढ़ाई को स्पेशलाइज्ड लर्निंग के साथ पूरा करना चाहिए, इससे उन्हें अपने साथियों से अलग नजर आने में मदद मिल सकती है। डिजिटल मार्केटिंग से लेकर डेटा साइंस, साइबरसिक्योरिटी तक, ऐसे कई सारे वांछित क्षेत्र हैं जहां फ्रेशर अपस्किल कर सकते हैं, इससे उन्हें बेहतर नौकरी पाने का मौका मिल सकता है।
• मार्गदर्शन और मेंटरशिप प्राप्त करें: एक मजबूत, विश्वसनीय सपोर्ट सिस्टम बनाने से काफी हद तक मदद मिल सकती है, खासकर जब नौकरी के अवसर बहुत कम हों। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या नेटवर्किंग कार्यक्रमों में संभावित मेंटर्स से मिलना और उनसे जुड़ना- इससे नई चीजें जानने और इंडस्ट्री की मांग के अनुसार आइडियाज तैयार करने का मौका मिल सकता है। इसके साथ ही, उद्यम और आत्मविश्वास का सही मेल प्रस्तुत करके, आपके कनेक्शन एक शानदार रेफरल और अच्छी नौकरी का कारण बन सकते हैं।
• दृढ़ता और लचीलापन विकसित करें: असफलताओं से उबरने और मनोबल को खोए बिना, विपरीत परिस्थितियों से लड़ने के लिए दृढ़ता की जरूरत होती है। खुद को व्यस्त और मानसिक रूप से तैयार रखकर संदेह और घबराहट के चक्र में फंसने से बचने में मदद मिलती है। वर्क प्रोफाइल के बड़े स्तर के लिए तैयार करने और उपयोगी बने रहने के लिहाज से लचीलापन हमेशा ही मददगार होता है और आपको नियोक्ताओं की नजर में सबसे अलग बनाता है।
• पर्सनल प्रोजेक्ट और फ्रीलांसिंग के माध्यम से अपनी योग्यता दर्शाएं: जब नौकरी के अवसर कम होते हैं तो अतिरिक्त प्रयास फायदेमंद साबित होता है। फ्रेशर्स को पर्सनल प्रोजेक्ट्स या फ्रीलांस वर्क लेना चाहिए ताकि उनका एक ऐसा पोर्टफोलियो तैयार हो सके, जिसमें उनकी स्किल और क्षमताएं नजर आएं। गिटहब, बेहांस जैसे प्लेटफॉर्म पर अपने कार्य प्रदर्शित कर ऑनलाइन मौजूदगी दिखाना हमेशा ही उपयोगी साबित होता है। इस सक्रिय तरीके से ना केवल फ्रेशर्स को व्यावहारिक अनुभव हासिल करने में मदद मिलती है, बल्कि संभावित नियोक्ताओं के समक्ष उनकी पहल और रचनात्मकता भी साबित होती है।
अनिश्चित नौकरी के बाजार में बेहतरीन भूमिकाएं निभा सकते हैं: यह भले ही एक सुहाना सफर ना हो लेकिन कॉलेज फ्रेशर्स मौजूदा परिस्थितियों के बावजूद, कोशिश, आत्मविश्वास और कौशल के सही मेल से अपने कॅरियर की अच्छी शुरूआत कर सकते हैं। और इन सबसे बढ़कर, कॉलेज फ्रेशर्स को इस बात में हमेशा यकीन करना चाहिए कि अच्छा समय ज्यादा दूर नहीं है।
Created On :   13 Sept 2023 4:44 PM IST