इस विधि से करें गणपति पूजा, विपदाएं होंगी दूर, बढ़ेगी सुख-समृद्धि 

Sankashti Chaturthi: Worship Ganpati with this method, troubles will go away
इस विधि से करें गणपति पूजा, विपदाएं होंगी दूर, बढ़ेगी सुख-समृद्धि 
संकष्टी चतुर्थी इस विधि से करें गणपति पूजा, विपदाएं होंगी दूर, बढ़ेगी सुख-समृद्धि 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी का व्रत किया जाता है। इनमें संकष्टी चतुर्थी को सभी कष्टों का हरण करने वाला माना जाता है। वैशाख माह की संकष्टी चतुर्थी 09 अप्रैल दिन रविवार को है। इसे विकट संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। संकष्टी चतुर्थी भगवान श्री गणेश जी को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन व्रत और भगवान गणेश की आराधना करने से सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है। 

इस दिन श्रद्धालू इस व्रत को करने के साथ ही भगवान श्री गणेश की पूजा आराधना करते हैं। इस दिन चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत रखकर गणेश जी की पूजा करते हैं और रात में चंद्रमा को अर्घ्य देते हैं। आइए जानते हैं संकष्टी चतुर्थी व्रत की तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व..

पूजा का शुभ मुहूर्त
09 अप्रैल 2023, रविवार सुबह 09:13 से सुबह 10:48 बजे तक
09 अप्रैल 2023, रविवार शाम 06.43 बजे से रात 09.33 बजे तक
चंद्रोदय समय: 09 अप्रैल 2023, रविवार रात 10.02

पूजन विधि
- सबसे पहले सुबह स्नान कर साफ और धुले हुए कपड़े पहनें। पूजा के लिए भगवान गणेश की प्रतिमा को ईशानकोण में चौकी पर स्थापित करें। - चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा पहले बिछा लें।
- भगवान के सामने हाथ जोड़कर पूजा और व्रत का संकल्प लें और फिर उन्हें जल, अक्षत, दूर्वा घास, लड्डू, पान, धूप आदि अर्पित करें।
- अक्षत और फूल लेकर गणपति से अपनी मनोकामना कहें, उसके बाद ओम ‘गं गणपतये नम:’ मंत्र बोलते हुए गणेश जी को प्रणाम करें।
- इसके बाद एक थाली या केले का पत्ता लें, इस पर आपको एक रोली से त्रिकोण बनाना है।
- त्रिकोण के अग्र भाग पर एक घी का दीपक रखें। इसी के साथ बीच में मसूर की दाल व सात लाल साबुत मिर्च को रखें।
- पूजन के बाद चंद्रमा को शहद, चंदन, रोली मिश्रित दूध से अर्घ्य दें. पूजन के बाद लड्डू प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   8 April 2023 4:06 PM IST

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