Ram Navami 2025: रामनवमी पर पुष्य नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग, इस विधि से करें रामलला की पूजा
- श्रीराम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है
- इस वर्ष रामनवमीं पर पुष्य नक्षत्र का संयोग बना है
- इसी दिन रवि पुष्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। हर साल देशभर में रामनवमी (Ram Navami) का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है, जो कि इस वर्ष 06 अप्रैल 2025, रविवार को है। पुराणों के अनुसार, यही वो दिन है जब त्रेता युग में भगवान राम ने माता कौशल्या की कोख से जन्म लिया था। श्रीराम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है और उन्हें एक आदर्श पुत्र, मित्र, पति और राजा के रूप में देखा जाता है।
ज्योतिषियों के अनुसार, इस वर्ष रामनवमीं पर पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है, जिससे यह दिन और भी मंगलकारी हो जाता है। इसके अलावा इसी दिन सुकर्मा और धृति योग का निर्माण भी हो रहा है। ऐसा माना जाता है कि, इस दिन व्रत रखने और पूरे विधि-विधान से पूजा करने से घर में सुख-शांति आती है और सभी दुख दूर हो जाते हैं। आइए जानते हैं रामनवमी पर पूजा का मुहूर्त और विधि...
राम नवमी पूजा मुहूर्त
शुभ मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 8 मिनट से दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक
मध्याह्न मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 7 मिनट से लेकर से दोपहर 12 बजकर 39 मिनट तक
इस विधि से करें पूजा
- इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि से निवृत्त हों और साफ वस्त्र पहनें।
- तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें लाल फूल और थोड़ा चावल डालकर भगवान सूर्य को अर्ध्य देकर व्रत का संकल्प लें।
- घर के मंदिर की सफाई कर गंगा जल का छिड़काव करें।
- भगवान राम की तस्वीर या मूर्ति रखें।
- इसके बाद भगवान को पीले फूल, पीला वस्त्र और चंदन अर्पित करें।
- भगवान को मिष्ठान, पंजीरी और खीर का भोग लगाएं।
- इसके बाद धूप, दीप और कपूर से आरती करें।
- इस दिन श्रीरामचरितमानस या सुंदरकांड का पाठ करें।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।
Created On :   5 April 2025 5:30 PM IST