नवरात्रि में सोलह श्रृंगार का है विशेष महत्व, जानिए मां दुर्गा के प्रत्येक श्रृंगार का रहस्य
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नवरात्रि के दौरान देशभर में नौ दिनों तक मां के विभिन्न स्वरुपों की पुजा-अर्चना की जा रही है। मां कि पुजा के साथ उन्हें तरह-तहर के पकवानों का भोग भी चढ़ाया जा रहा है। इस वक्त सभी अपनी आस्थानुसार मां को प्रसन्न करने के उद्देश्य से व्रत आदि भी कर रहे हैं। लेकिन नवरात्रि के दौरान एक और महत्वपुर्ण कार्य है जिसके बारे में वेदों मे उल्लेख है। क्या आप नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा को किए जाने वाले सोलह श्रृंगार का महत्व जानते हैं ? वेदों के अनुसार सोलह श्रृंगार केवल खूबसूरती को ही नहीं दर्शाता बल्कि भाग्य को भी चमकाता है। सोलह श्रृंगार का सीधा संबंध परिवार की सुख समृद्धि से है। नवरात्रि के दौरान दुर्गा मां का महिलाएं श्रृंगार करती हैं। इसके बाद मां को चढ़ाए गए श्रृंगार को स्वयं धारण भी करती हैं। ऐसे श्रृंगार को महिलाएं मां के आशिर्वाद के रुप में ग्रहण करती हैं। आईए जानते है मां दुर्गा को चढ़ने वाले प्रत्येक श्रृंगार के महत्व के बारे में।
1 सिंदूर
सिंदूर को सुहाग का प्रतिक माना गया है। कहा जाता हैं कि विवाहित महिलाओं के सिंदूर लगाने से उनके पति की आयु में वृद्धि होती है। मां
दुर्गा के श्रृंगार के लिए महिलाएं सिंदूर का इस्तेमाल करती हैं। इसके बाद मां को चढ़ाया हुआ सिंदूर महिलाएं अपनी मांग में लगाती हैं।
2 काजल
मां के सोलह श्रृंगार में काजल भी उपयोग किया जाता है। मां को काजल चढ़ाने के बाद महिलाएं उस कजल को भी लगाती है। मां के
आशिर्वाद से वह काजल महिलाओं को बुरी नजर से बचाता है।
3 मेहंदी
मेहंदी के बिना कोई भी श्रृंगार को अधुरा माना जाता है। कोई भी खास दिन हो महिलाएं अपने श्रृंगार में मेहंदी को हमेशा शामिल करती हैं।
4 लाल जोड़ा-
मां के भक्तों का कहना है कि मां को लाल रंग का जोड़ा काफि प्रिय है। मां को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्त सोलह श्रृंगार में लाल रंग
का जोड़ा शामिल करते हैं।
5 गजरा
कहा जाता है कि गजरा सोलह श्रृंगार की शान बढ़ाता है। एक छोटा-सा मोगरे का गजरा श्रृंगार की शोभा बढ़ाता है।
6 मांग टीका
मांग के टिके को श्रृंगार में शामिल किए जाने कि एक खास वजह बताई जाती है। कहा जाता है कि नववधु को मांग का टिका पहनाने से वधु जीवनसाथी के साथ सही और सीधे रास्ते पर चलती है।
7 नथ
महिलाओं के लिए नाक के आभूषण का विशेष महत्व बताया गया है। विवाहित महिलाओं को नाक में नथ पहनना अनिवार्य माना जाता है। इसे सुहाग की निशानी से जोड़ा गया है।
8 झुमके
झुमके को सोलह श्रृंगार में शामिल करने के पिछे विशेष महत्व है। कहा जाता है कि सुहागन स्त्री को झुमके पहनाने का अर्थ है कि वह अपने परिवार की बुराई सुनने और करने से दूर रहना चाहिए।
9 मंगलसूत्र
मंगलसूत्र को सोलह श्रृंगार में बेहद खास माना जाता है। कहा जाता है कि मंगलसूत्र के काले मोती महिलाओं को लोगों की बुरी नजर से बचाए रखता है। इसे सुहाग की प्रमुख निशानी माना गया है।
10 बाजूबंद
बाजूबंद को महिलाएं अपने हाथ में बांधती हैं। कहा जाता है कि ऐसा करने से परिवार के धन की रक्षा होती है।
11 चुड़ियां
महिलाए खास तौर पर हरे और लाल रंग की चुड़िया पहनती है। लाल रंग की चुड़ियां सुहाग की निशानी होती है जबकि हरे रंग की चुड़ियां परिवार की समृद्धि का प्रतिक होती हैं।
12 कमरबंद
कमरबंद विवाहित महिलाएं पहनती हैं। कमरबंद मे चाबी का गुच्छा भी लटकाया जाता है, यह दर्शाता है कि घर में आई बहु अब ग्रह की स्वामिनी है।
13 बिछुआ
विवाह के बाद महिलाओं को बिछुआ पहनना अनिवार्य बताया गया है। बिछुआ पहनने के बाद माना जाता है कि महिलाएं अपने गृहस्थ जीवन में आने वाली सभी समस्याओं का हिम्मत से सामना करेंगी।
14 पायल
महिलाएं मां को पायल भी पहनाती है। पायल से पैरों की सुंदरता बड़ती है। चांदी की पायल को पहनना शुभ माना गया है।
15 बिंदी
महिलाएं अपने माथे के बीचों-बीच बिंदी लगाती है। कहा जाता है कि ऐसा करने से उनके भाग्य में वृद्धि होती है।
16 लाल रंग
माना जाता है कि मां की पूजा के दौरान काला रंग नहीं पहनना चाहिए। मां की पूजा में कुछ भी काले रंग का नहीं होना चाहिए। मां लाल
रंग से काफि प्रसन्न होती है इसलिए मां की पूजा में ज्यादा से ज्यादा लाल रंग का प्रयोग करना चाहिए।
Created On :   11 Oct 2021 4:09 PM IST