Hariyali Teej 2024: बन रहे हैं ये तीन शुभ योग, जानिए हरियाली तीज की पूजा विधि

बन रहे हैं ये तीन शुभ योग, जानिए हरियाली तीज की पूजा विधि
  • हरियाली तीज के व्रत से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है
  • 3 शुभ योग परिघ योग, शिव योग और रवि योग बन रहे हैं
  • प्रदोष काल में पूजा की जाएगी, सूर्यास्त 07 बजकर 07 मिनट पर

डिजिटल डेस्क, भोपाल। श्रावण मास पवित्र माह के रूप में देखा जाता है और यह देवों के ​देव महादेव यानि कि शिवजी के लिए समर्पित है। इस महीने में वैसे तो सोमवार का दिन बेहद खास माना गया है, जब भोलेनाथ की विशेष पूजा की जाती है। वहीं मंगलवार को मंगलागौरी व्रत पर माता पार्वती की आराधना की जाती है। लेकिन इस महीने में आने वाली शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज (Hariyali Teej) के रूप में मनाया जाता है और इस दिन शिवजी और पार्वती माता दोनों की पूजा की जाती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हरियाली तीज के व्रत और पूजा से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। वहीं ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस बार हरियाली तीज 7 अगस्त को पड़ रही है और इस दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं। इनमें परिघ योग, शिव योग और रवि योग शामिल हैं। आइए जानते हैं हरियाली तीज की पूजा सामग्री और पूजा विधि के बारे में...

शुभ मुहूर्त

तृतीया तिथि प्रारंभ: 6 अगस्त, मंगलवार, शाम 7 बजकर 52 मिनट से

तृतीया तिथि समापन: 7 अगस्त, बुधवार, रात 10 बजकर 05 मिनट तक

पूजा का मुहूर्त: प्रदोष काल में, सूर्यास्त 07 बजकर 07 मिनट पर

परिघ योग: सुबह 11 बजकर 42 मिनट तक

शिव योग: सुबह 11 बजकर 42 मिनट से पूरी रात

रवि योग: रात 8 बजकर 30 मिनट से गुरुवार को सुबह 5 बजकर 47 मिनट तक

पूजा विधि

- इस दिन साफ-सफाई कर घर को तोरण-मंडप से सजाएं।

- इसके बाद मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, भगवान गणेश और माता पार्वती की प्रतिमा बनाएं और इसे चौकी पर स्थापित करें।

- मिट्टी की प्रतिमा बनाने के बाद देवताओं का आह्वान करते हुए षोडशोपचार पूजन करें।

- फूल, बेलपत्र, दूब, शमि पत्र, धतूरा, भांग, शिव जी के लिए आंक, कनेर और धतूरा का फूल एवं माता के लिए मंदार या लाल कनेर का फूल पूजन के लिए विशेष रूप से प्रयोग में लाएं।

- इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके निर्जला व्रत रखती हैं और पूरी विधि-विधान से मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं।

- हरियाली तीज व्रत का पूजन रातभर चलता है। इस दौरान महिलाएं जागरण और कीर्तन भी करती हैं।

- सभी महिलाओं में से एक महिला कथा सुनाए, अन्य सभी महिलाएं कथा को ध्यान से सुनें व मन में पति का ध्यान करें और पति की लंबी आयु की कामना करें।

- प्रसाद के लिए मिठाई, नारियल एवं कोई भी मौसमी फल ।

- आरती के लिए धूप, दीप, अगरबत्ती। आरती के बाद हरियाली तीज की कथा सुनें।

- इस दिन सुहागन महिलाएं अपनी सास के पांव छूकर उन्हें सुहाग सामग्री देती हैं। सास न हो तो जेठानी या घर की बुजुर्ग महिला को देती हैं। इस सामग्री में 16 श्रृगांर की समाग्री जैसे चूड़ी, मेंहदी, आलता, बिछिया, साड़ी, सिंदूर, बिंदी, काजल, कंघी, शिशा, तेल, नेलपॉलिश आदि शामिल होती है।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   6 Aug 2024 2:59 PM GMT

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