तीन ने मिलकर की एक हत्या : जब यूपी के बिस्किट कारोबारी के बेटे ने दूसरी औरत खातिर पत्नी को मरवा दिया

Three together committed a murder: When UPs biscuit businessmans son got his wife killed for the sake of another woman
तीन ने मिलकर की एक हत्या : जब यूपी के बिस्किट कारोबारी के बेटे ने दूसरी औरत खातिर पत्नी को मरवा दिया
उत्तर प्रदेश तीन ने मिलकर की एक हत्या : जब यूपी के बिस्किट कारोबारी के बेटे ने दूसरी औरत खातिर पत्नी को मरवा दिया

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। वह एक बिस्किट कारोबारी का बेटा था, जिसके प्रेम संबंध एक पान मसाला कंपनी के मालिक की बेटी से थे। समस्या यह थी कि वह शादीशुदा था। कानपुर के एक प्रमुख व्यापारिक परिवार के वंशज पीयूष श्यामदासानी ने अपनी पत्नी की हत्या की योजना बनाई, ताकि वह एक अन्य महिला मनीषा मखीजा के साथ अपने रिश्ते को जारी रख सके, जो एक पान मसाला कारोबारी की बेटी थी।

27 जुलाई, 2014 को पीयूष ने पुलिस को बताया कि एक रेस्तरां में खाना खाने के बाद जब वह कार में जा रहा था, कुछ मोटरसाइकिल सवारों ने उसके साथ मारपीट की और उसकी 26 वर्षीय पत्नी ज्योति को कार से दूर ले गए। उसी रात करीब दो बजे पुलिस ने ज्योति के शव के साथ कार बरामद की। शरीर पर चाकुओं के 17 घाव थे, इनमें से चार गर्दन पर और चार पेट पर थे। अगले 24 घंटे के भीतर पूछताछ के बाद पीयूष को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसमें उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

उसने पुलिस को उन लोगों के बारे में बताया, जिन्हें उसने अपने ड्राइवर अवधेश की मदद से अपराध करने के लिए रखा था। वे थे रेणु, सोनू और आशीष। पूछताछ के दौरान, पीयूष ने कबूल किया कि उसने पहले दो बार ज्योति को खत्म करने की योजना बनाई थी, लेकिन उसकी योजना विफल हो जाती थी। उसने कहा, मैंने उसे 13 जुलाई को खत्म करने की योजना बनाई थी, लेकिन उस दिन भारी बारिश हुई और हम घर से बाहर नहीं निकल सके। 20 जुलाई को भी ऐसा ही हुआ, लेकिन आखिरकार 27 जुलाई को योजना को अंजाम दिया गया।

जब पीयूष और ज्योति अपनी कार में रेस्टोरेंट से निकले तो रास्ते में चार लोगों ने उनका पीछा किया। वे थे अवधेश, रेणु, सोनू और आशीष। पीयूष आसानी से कार से बाहर निकला और चारों को ज्योति को कार में ले जाने दिया। जैसे ही पीयूष कार से बाहर निकला, ज्योति ने उसे रोकने की कोशिश की, उसके बाल पकड़ लिए और चिल्लाई- तुम यह अच्छा नहीं कर रहे हो। पीयूष के बालों की कुछ लटें बाद में ज्योति के हाथ में मिलीं।

चारों ज्योति के साथ कार में सवार हो गए और पनकी इलाके में उसकी हत्या करने के बाद वाहन को छोड़ गए। जबलपुर के एक शीर्ष व्यवसायी ज्योति के पिता शंकर नागदेव ने कहा, हमने अपनी मासूम बेटी को न्याय दिलाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। मुझे हमेशा न्याय व्यवस्था पर विश्वास था और अब मेरा विश्वास दोगुना हो गया है। कानपुर जिला अदालत ने 21 अक्टूबर, 2022 को पीयूष श्यामदासानी और उसकी प्रेमिका मनीषा मखीजा समेत छह लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

अदालत ने मनीषा के ड्राइवर अवधेश चतुर्वेदी और सहयोगी रेणु कनौजिया, सोनू कश्यप और आशीष कश्यप को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इन सभी को साजिश, हत्या और सबूत नष्ट करने का दोषी पाया गया। रेणु और सोनू को आर्म्स एक्ट के तहत भी दोषी ठहराया गया ,क्योंकि उनके पास हत्या का हथियार पाया गया था। पीयूष की मां पूनम और भाइयों कमलेश और मुकेश श्यामदासानी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया।

पुलिस ने इन पर जानकारी छिपाने के आरोप में आईपीसी की धारा 202 के तहत मामला दर्ज किया था। मामले की जांच में शामिल एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, यह निस्संदेह जुनूनी अपराध था। पीयूष और मनीषा के कॉल डिटेल से पता चला कि उन्होंने मोबाइल पर 5,500 से अधिक बार एक-दूसरे से बात की थी। उन्होंने लगभग 2200 मैसेज का आदान-प्रदान किया था। उन्होंने इस दौरान एक-दूसरे से 18 बार बात की थी। आश्चर्य की बात यह है कि दोनों आरोपी शिक्षित थे और उच्च प्रोफाइल परिवारों से ताल्लुक रखते थे और फिर भी उन्होंने जो किया उसे करने से पहले दो बार नहीं सोचा।

उन्होंने कहा कि पीयूष को भरोसा था कि शक्तिशाली और प्रभावशाली लोगों के साथ उसके परिवार के संबंध उसे हत्या के आरोप से बचने में काफी हद तक मदद करेंगे। एडीजी रैंक के अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि जुनूनी अपराध अब आए दिन होने लगे हैं। उन्होंने कहा, बात सिर्फ इतनी है कि जब तक मामला किसी बड़े और रसूखदार से जुड़ा न हो, तब तक मीडिया में इसे हाइलाइट नहीं किया जाता। लगभग हर दूसरे दिन ऐसे मामले सामने आते हैं, जहां एक पति ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी या एक महिला ने विवाहेतर संबंध में अपने पति की हत्या कर दी। लेकिन चूंकि ये मामले अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं, इसलिए मीडिया उन्हें उजागर करने में दिलचस्पी नहीं रखता।

आजमगढ़ की घटना का उदाहरण देते हुए, जहां एक महिला के शरीर के अंग इस सप्ताह की शुरुआत में एक कुएं में पाए गए थे, अधिकारी ने कहा, मीडिया ने इस मामले को उजागर नहीं किया, जबकि यह श्रद्धा वाकर मामले से काफी मिलता-जुलता था। महिला का सिर नहीं मिला है और उसकी पहचान का पता नहीं लगाया गया है। मनोचिकित्सक डॉ. एस.के. शर्मा ने कहा कि जुनूनी अपराधों में तेजी देखा जा रहा है। हो सकता है, यह समाज के सभी वर्गो में सामाजिक आजादी और इंटरनेट के उपयोग की सुविधा का परिणाम हो।

उन्होंने कहा, लिव-इन रिलेशनशिप ग्रामीण क्षेत्रों में भी फैशनेबल हो गया है और विरोध होने पर हत्या एक आसान तरीका है। विवाह की संस्था चरमरा रही है और माता-पिता को भी दोषी ठहराया जाना चाहिए कि वे अपने बच्चों में सही संस्कार नहीं डाल रहे हैं। महिलाओं और युवाओं के खिलाफ हिंसा से निपटने वाले एनजीओ हमसफर से जुड़ी सामाजिक कार्यकर्ता शाहीरा नईम ने कहा, जुनूनी अपराध हमारे मूल्य प्रणाली के टूटने का परिणाम हैं।

(आईएएनएस)

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Created On :   19 Nov 2022 8:30 PM IST

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