नन बलात्कार मामले में मुलक्कल को बरी करने के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेगा अभियोजन पक्ष
डिजिटल डेस्क, तिरूवनंतपुरम। केरल में नन बलात्कार मामले में कैथोलिक बिशप फ्रैंको मुलक्कल को बरी करने के निचली अदालत के फैसले केखिलाफ अभियोजन पक्ष ने शनिवार को केरल उच्च न्यायालय में अपील करने का निर्णय किया। इस मामले में विशेष अभियोजक जितेश बाबू ने अपनी कानूनी सलाह कोट्टायम के पुलिस अधीक्षक को सौंपी, जो इस मामले में अपील करेंगे।
कोट्टायम अतिरिक्त जिला अदालत के न्यायाधीश जी. गोपाकुमार ने 14 जनवरी को फैसला सुनाते हुए फ्रेंको को बरी कर दिया था। फैसला आने की 90 दिन की अवधि में इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है। फैसला आने के तुरंत बाद, जांच की देखरेख करने वाले कोट्टायम के पूर्व एसपी हरिशंकर ने कहा था कि उन्हें पूरा विश्वास था कि फैसला आरोपी के खिलाफ होगा।
हरिशंकर ने तब कहा था ऐसा होने की बहुत कम उम्मीद थी क्योंकि गवाहों ने बहुत अच्छा काम किया था और इसके खिलाफ एक अपील दायर की जानी चाहिए। इस मामले में सुनवाई 105 दिनों तक चली और 39 गवाहों से पूछताछ करने के बाद 122 दस्तावेजों को अदालत के सामने पेश किया गया। रोमन कैथोलिक चर्च के जालंधर डियोसी के बिशप के रूप में काम करते हुए उन पर एक नन ने बलात्कार करने का आरोप लगाया गया था, जो मिशनरीज ऑफ जीसस मण्डली से संबंधित थीं। फ्रेंको पर आरोप है कि वर्ष 2014 और 2016 के बीच केरल की अपनी यात्राओं के उन्होंने इस 43 वर्षीय नन के साथ 13 बार बलात्कार किया था। बाद में, उन्हें वहां से हटा दिया गया था।
मुलक्कल के खिलाफ जून 2018 में केरल में एक शिकायत दर्ज की गई थी और 21 सितंबर, 2018 को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। लेकिन उन्हें 16 अक्टूबर, 2018 को जमानत दे दी गई थी। इस मामले में पेश की गई चार्जशीट में 83 गवाहों के नाम हैं, जिनमें सिरो-मालाबार कैथोलिक चर्च के कार्डिनल, मार जॉर्ज एलेनचेरी, तीन बिशप, 11 पुजारी और 22 नन शामिल हैं। अदालत ने सुनवाई के लिए 83 गवाहों में से 39 को बुलाया गया और उनके बयान दर्ज किए थे। फ्रेंको ने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के लिए केरल उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में गुहार लगाई थी लेकिन दोनों अदालतों के इनकार करने के बाद मुकदमा शुरू हो गया था।
(आईएएनएस)
Created On :   22 Jan 2022 9:00 PM IST