गुजरात पुलिस ने सेल फोन लॉक करने के आरोपी ई-कॉम प्लेटफॉर्म की जांच की

Gujarat Police probes e-com platform accused of locking cell phones
गुजरात पुलिस ने सेल फोन लॉक करने के आरोपी ई-कॉम प्लेटफॉर्म की जांच की
गोपनीयता का उल्लंघन गुजरात पुलिस ने सेल फोन लॉक करने के आरोपी ई-कॉम प्लेटफॉर्म की जांच की

डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। गुजरात पुलिस की जांच में पाया गया है कि एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ग्राहकों के सेल फोन को लॉक कर रहा है। पुलिस जांच कर रही है कि क्या ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म उपभोक्ताओं की गोपनीयता का उल्लंघन कर रहा है और बिना किसी नोटिस के उनके मोबाइल तक पहुंच रहा है और इसे लॉक कर रहा है, और क्या यह उपभोक्ताओं के अधिकारों का भी उल्लंघन कर रहा है, क्योंकि किसी भी ग्राहक ने इस प्लेटफॉर्म से ऑनलाइन फोन नहीं खरीदा है।

आनंद जिला साइबर अपराध प्रकोष्ठ के पुलिस निरीक्षक वाई.आर. चौहान ने आईएएनएस को बताया, हमने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट को तीन बार तलब किया है, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। यदि आवश्यक हुआ तो कंपनी के अधिकारियों के बयान दर्ज करने के लिए एक जांच दल बेंगलुरु भेजा जाएगा। पुलिस जांच कर रही है कि क्या फ्लिपकार्ट गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन कर रहा है और कंपनी किस कानून के तहत एक ऐप का उपयोग करके सेल फोन को लॉक कर रही है, क्या उसे ऐसा करने का कोई अधिकार है, जो कि अंतिम उपभोक्ता को कंपनी का बकाया नहीं है?

साइबर सेल थाने में दर्ज शिकायत के मुताबिक, किसी भी ग्राहक ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से सेल फोन नहीं खरीदा है। इसके विपरीत शिकायतकर्ता अजहर एक सेल फोन की दुकान का मालिक है। जांच अधिकारी अमित शर्मा ने आईएएनएस को बताया, दो महीने पहले अजहर ने पुलिस से शिकायत की थी कि खरीद के छह महीने या एक साल बाद उसके ग्राहकों के सेल फोन लॉक हो रहे हैं। इनमें से ज्यादातर सेल फोन कोरोना महामारी के चरम दिनों के दौरान बेचे गए थे।

शर्मा ने कहा कि जांच के दौरान अजहर ने खुलासा किया कि इनमें से ज्यादातर फोन दो व्यक्तियों से खरीदे गए थे, जो उसे कम कीमत पर बेचते थे और खरीद के मूल बिल को साझा करते थे। सेलर्स ने अजहर को यह कभी नहीं बताया कि उन्होंने ईएमआई पर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से सेल फोन खरीदे हैं और खरीदारों को बाकी ईएमआई का भुगतान करना होगा। अजहर ने उन्हें खुदरा बाजार में बेच दिया, और अंतिम उपयोगकर्ताओं के फोन और पैसे खो गए।

शुरुआत में अजहर ने उन्हीं विक्रेताओं से कुछ फोन अनलॉक करवाकर उन्हें अच्छी रकम दी, लेकिन जब शिकायतें दसियों में बढ़ गईं और अब 100 तक पहुंच गई हैं, तो उन्होंने पुलिस से संपर्क किया। अधिकारी ने कहा कि इन सेल फोन के तकनीकी विश्लेषण के दौरान, यह हमें एक मोबाइल एप्लिकेशन तक ले गया, जिसका उपयोग इन सेल फोन को लॉक करने के लिए किया गया था। आगे के विश्लेषण से पता चला कि एप का इस्तेमाल फ्लिपकार्ट कंपनी द्वारा किया जाता है।

अधिकारी ने कहा कि कंपनी को अपनी लोकस स्टैंडी, उसकी भूमिका और सेल फोन को लॉक करने के अधिकार को स्थापित करने के लिए सम्मन जारी किया गया है, जो कंपनी से उपयोगकर्ता द्वारा नहीं खरीदा गया था, लेकिन कंपनी जांच में सहयोग नहीं कर रही है।

सोर्सः आईएएनएस

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Created On :   28 Aug 2022 2:30 PM IST

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