फर्जी मुठभेड़ मामले में भगोड़े सेवानिवृत्त यूपी सिपाही ने किया आत्मसमर्पण

Fugitive retired UP constable surrenders in fake encounter case
फर्जी मुठभेड़ मामले में भगोड़े सेवानिवृत्त यूपी सिपाही ने किया आत्मसमर्पण
जेल फर्जी मुठभेड़ मामले में भगोड़े सेवानिवृत्त यूपी सिपाही ने किया आत्मसमर्पण

डिजिटल डेस्क, बुलंदशहर। 2002 में एक इंजीनियरिंग छात्र के कथित फर्जी मुठभेड़ के आरोपी पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) रैंक के एक अधिकारी ने आखिरकार अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया और उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस ने अधिकारी जो अब तक रिटायर हो चुका है, उसके खिलाफ 25,000 रुपये का इनाम घोषित किया था। उसके एक दिन बाद ही बुधवार को उसने आत्मसमर्पण कर दिया।

बुलंदशहर के एसएसपी संतोष सिंह ने बताया कि रणधीर सिंह ने स्थानीय अदालत में सरेंडर किया। उन्होंने कहा, अदालत ने 2017 में सिंह के खिलाफ वारंट और समन जारी किया था। साल 2019 में, उनके खिलाफ एक गैर-जमानती वारंट जारी किया गया, लेकिन वह अदालत के सामने पेश नहीं हुए।

हमने मंगलवार को उस पर इनाम की घोषणा की जिसके बाद उसने आत्मसमर्पण कर दिया। अदालत ने सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार को पुलिस अधिकारियों की रक्षा करने के लिए फटकार लगाने और राज्य पर 7 लाख रुपये का जुर्माना लगाने के तुरंत बाद इनाम की घोषणा की गई थी। यह पूरा मामला बीटेक का छात्र 19 वर्षीय प्रदीप कुमार अपनी मौसी से मिलने के लिए दिल्ली जा रहा था, जब 3 अगस्त, 2002 को रोडवेज बस में लूट के बाद कथित रूप से आयोजित मुठभेड़ में उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। 

सिकंदराबाद के तत्कालीन निरीक्षक रणधीर सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम पर एक स्थानीय अदालत के निर्देश पर हत्या का मामला दर्ज किया गया था, जिसने टीम को क्लीन चिट देने वाली सीबी-सीआईडी रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। प्रदीप कुमार के पिता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। शीर्ष अदालत ने 30 सितंबर को कहा, मौजूदा मामले में राज्य ने जिस ढिलाई से कार्यवाही की है, वह बताता है कि कैसे राज्य मशीनरी अपने स्वयं के पुलिस अधिकारियों का बचाव या सुरक्षा कर रही है।

अदालत ने कहा, याचिकाकर्ता को न्याय दिया जाए, जिसे लगभग दो दशकों से खारिज कर दिया गया है। मृतक के पिता यशपाल सिंह ने कहा कि आरोपी पुलिसकर्मियों ने उन्हें मामला वापस लेने की धमकी दी थी। उन्होंने कहा, मैंने अपने बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में दो दर्जन से ज्यादा केस लड़े हैं और आगे भी करता रहूंगा।

आईएएनएस

Created On :   7 Oct 2021 2:00 PM IST

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