World Cup: आज ही के दिन 25 जून 1983 में भारत पहली बार बना था वर्ल्ड चैंपियन, सोशल मीडिया पर मिल रही बधाइयां
डिजिटल डेस्क। कपिल देव की कप्तानी में भारत ने क्रिकेट के सबसे बड़े महासंग्राम वनडे वर्ल्ड कप का खिताब 37 साल पहले आज ही के दिन जीता था। 25 जून 1983 में लॉर्ड्स के मैदान पर हुए वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में भारत ने 2 बार की चैंपियन वेस्टइंडीज को 43 रनों से हराकर पहली बार वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था। यह पहली बार था जब लॉर्ड्स के मैदान पर भारतीय झंडा लहराया गया था। इस पूरे टूर्नामेंट में भारतीय टीम ने उम्मीदों के विपरीत चौंकाने वाला प्रदर्शन करते हुए ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज जैसी दिग्गज टीमों को हराकर वर्ल्ड कप जीता था। इस जीत की यादें आज भी सभी के जहन में ताजा है। सोशल मीडिया पर इस दिन को याद कर टीम इंडिया को बधाइयां दी जा रही हैं।
वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के सदस्य रहे मदन लाल ने उस दिन को याद करते हुए कहा कि, मुश्किलों से लड़कर हासिल होने वाली जीत इतिहास रचती है। वहीं, टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री ने ट्वीट कर कहा कि, भारतीय टीम ने 1983 वर्ल्ड कप जीतकर देश में खेल की नींव रखी और हमेशा के लिए इसका चेहरा बदल दिया।
#ThisDayThatYear On 25th June in 1983, we believed and we became – World Champions and changed the face of #Cricket in #India once and for all. @therealkapildev @ICC @cricketworldcup pic.twitter.com/Ixh9Lkauqm
— Ravi Shastri (@RaviShastriOfc) June 25, 2020
BCCI ने 1983 वर्ल्ड कप जीत के 37 साल पूरे होने पर भारतीय टीम को बधाई दी।
#OnThisDay in 1983, Lord"s - History created! #TeamIndia led by @therealkapildev won the World Cup after beating the mighty West Indies #TeamIndia pic.twitter.com/fKfhICVs5R
— BCCI (@BCCI) June 25, 2020
ICC ने भी ट्वीट कर भारत की इल जीत को याद किया।
#OnThisDay in 1983, India won their maiden Men"s @cricketworldcup title
— ICC (@ICC) June 25, 2020
Kapil Dev and his side stunned defending champions West Indies, beating them by 43 runs in a memorable final at Lord"s pic.twitter.com/DVchvVLH5P
हरभजन सिंह, मोहम्मद कैफ और कई खिलाड़ी 1983 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम को सोशल मीडिया पर बधाईयां दे रहे हैं।
37 years back..Thank you @therealkapildev and whole team for inspiring us #WorldCup1983 pic.twitter.com/a4T4zeBuh6
— Harbhajan Turbanator (@harbhajan_singh) June 25, 2020
June 25, 1983: The iconic image of Kapil Dev holding the World Cup Trophy at Lord’s is a watershed moment in Indian cricket history. It changed cricket in India. This win inspired the next generation to achieve the impossible dream BIG pic.twitter.com/hoyEobpuwL
— Mohammad Kaif (@MohammadKaif) June 25, 2020
वहीं मोहिंदर अमरनाथ ने इस जीत को याद करते हुए कहा, हम सब उस समय युवा थे और पूरे वर्ल्ड कप में हम एक टीम की तरह खेले थे। वर्ल्ड कप ट्रोफी जीतने के लिए पूरी टीम का साथ होना बहुत जरूरी है। हर खिलाड़ी को परिस्थिति की मांग के हिसाब से प्रदर्शन करना होता है और इसी तरह एक टीम बनती है। कोई खिलाड़ी बिना दूसरों के सहयोग के अकेले कुछ हासिल नहीं कर सकता।
अमरनाथ ने आगे कहा, 1983 की जीत बहुत अहम थी क्योंकि उससे पहले हमने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत ज्यादा हासिल नहीं किया था। उस टीम को इस बात का श्रेय मिलना चाहिए कि उसने आत्मविश्वास जगाया कि हम इंटरनैशनल लेवल पर कुछ हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा, "ऐसा नहीं है कि हमने पहले अच्छा क्रिकेट नहीं खेला था लेकिन हमारे पास दिखाने के लिए कोई उपलब्धि नहीं थी। इससे पहले हम हॉकी में बादशाह थे लेकिन 1983 की विश्व कप जीत के बाद हर माता-पिता यही चाहता था कि उनका बेटा क्रिकेट खेले, भारत का प्रतिनिधित्व करे और वर्ल्ड चैंपियन बने। ये सब बदलाव भारतीय क्रिकेट में 1983 की जीत के बाद शुरू हुए।
टीम के लिए सबसे ज्यादा 38 रन श्रीकांत ने बनाए थे
1983 वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में वेस्टइंडीज की टीम ने भारत को मात्र 183 के स्कोर पर ऑलआउट कर दिया था। भारतीय टीम की शुरुआत बेहद खराब रही थी और उसने 2 रन पर ही अपना पहला विकेट सुनील गावस्कर के रूप में गंवा दिया था। इसके बाद के. श्रीकांत और मोहिंदर अमरनाथ ने मिलकर पारी को संभाला। हालांकि, टीम इंडिया का कोई भी बल्लेबाज इस बड़े मैच में अर्धशतक भी नहीं लगा पाया था। टीम के लिए सबसे ज्यादा 38 रन श्रीकांत ने बनाए थे।
मदन लाल ने लिया था विवियन रिचर्ड्स का विकेट
वहीं वेस्टइंडीज की शुरुआत भी खराब रही थी। टीम ने पहला विकेट 5 रन पर गंवा दिया था। इसके बाद वेस्टइंडीज को सर विवियन रिचर्ड्स ने संभाला। हालांकि, बड़ा शॉट खेलने के लिए विवियन रिचर्ड्स ने मदन लाल की गेंद पर जैसे ही मिड विकेट की तरफ शॉट लगाया तो कपिल देव ने पीछे की तरफ लंबी दौड़ लगाते हुए एक अद्धभुत कैच लपका था। कपिल देव के इस कैच ने पूरा मैच भारत के पक्ष में ला दिया था।
भारतीय टीम ने 43 रनों से जीता था मैच
विवियन रिचर्ड्स के आउट होने के बाद वेस्टइंडीज का कोई भी खिलाड़ी भारतीय गेंदबाजों के सामने नहीं टिक पाया। वेस्टइंडीज की टीम 140 रन पर ही ऑलआउट हो गई और भारत को 43 रनों से जीत मिली थी। मदन लाल ने 31 रन पर 3 विकेट, मोहिंदर अमरनाथ ने 12 रन पर 3 विकेट और संधू ने 32 रन पर 2 विकेट लिए थे। अमरनाथ फाइनल में अपने ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच चुने गए थे। इस ऐतिहासिक सफलता के बाद भारतीय टीम ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 28 साल बाद 2011 में दोबारा वनडे वर्ल्ड कप का खिताब जीता था।
Created On :   25 Jun 2020 12:54 PM IST