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शहादत का सम्मान नहीं: शहीद का यह कैसा सम्मान, घोषणा के 15 साल बाद भी नहीं बना स्मृति द्वार
- ऑपरेशन मेघदूत में साथियों को बचाते शहीद हुए विनोद सिंह
- स्वागत द्वार का इंतजार करते दुनिया को अलविदा कह गईं मां
- घोषणा के 15 साल बाद भी नहीं बना स्मृति द्वार
डिजिटल डेस्क, शहडोल। अनूपपुर जिले के फुनगा निवासी जवान के सेना में शहीद होने के बाद तत्कॉलीन विधायक ने शहीद की स्मृति में द्वार निर्माण की घोषणा तो कर दी, लेकिन घोषणा के 15 साल बाद भी द्वार का निर्माण नहीं हो सका। घोषणा तत्कॉलीन विधायक बिसाहू लाल सिंह ने 14 नवंबर 2009 को किया था, उस समय वे कांगे्रस पार्टी से विधायक रहे। इसके बाद वे पार्टी छोडक़र भाजपा ज्वाइन किए तो प्रदेश सरकार में 2023 तक खाद्य मंत्री रहे। वर्तमान में भी अनूपपुर विधानसभा से भाजपा विधायक हैं। इधर, घोषणा के 15 साल बाद भी स्मृति द्वार नहीं बनने से ग्रामीण गुस्से में हैं। आए दिन पंचायत के जनप्रतिनिधि इसी मांग को उठा रहे हैं। गांव की सरपंच रेखा सिंह ने 6 जून को जैतहरी जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को पत्र लिखकर बताया कि गांव के सभी जनप्रतिनिधियों की मांग है कि फुनगा गांव में जिस स्थान पर विधायक बिसाहू लाल सिंह ने स्मृति द्वार की घोषणा की थी, उस स्थान पर जल्द से जल्द द्वार का निर्माण करवाया जाए। इसके लिए बजट का इंतजाम किया जाए।
ऑपरेशन मेघदूत में साथियों को बचाते शहीद हुए विनोद सिंह
वर्ष 2006 में सियाचिन बार्डर पर ऑपरेशन मेघदूत चल रहा था। तभी बर्फ के ग्लेशियर में फंसे दो साथी जवानों को बचाते हुए लायंस नायक विनोद सिंह शहीद हो गए थे।
स्वागत द्वार का इंतजार करते दुनिया को अलविदा कह गईं मां
शहीद विनोद सिंह भतीजे राहुल सिंह ने दैनिक भास्कर को बताया कि विधायक की घोषणा के बाद दादी प्रमिला सिंह (शहीद विनोद सिंह की मां) 8 फरवरी 2023 को स्वर्ग सिधार गईं, लेकिन स्मृति द्वार का निर्माण नहीं हो सका। राहुल बताते हैं कि तीन साल पहले गांव के जनप्रतिनिधियों ने विधायक के गांव आने पर स्मृति द्वार का निर्माण करने की घोषणा याद दिलवाई तो उन्होंने कहा कि 15 अगस्त तक निर्माण हो जाएगा, लेकिन तीन साल में बीत जाने के बाद भी पैसा आया न निर्माण प्रारंभ हुआ। राहुल ने बताया कि दादा सूर्यभान ङ्क्षसह 85 वर्ष के हो गए हैं, उन्हे भी इंतजार है कि बेटे की स्मृति में द्वार का निर्माण आखिर कब होगा।
Created On :   11 Jun 2024 7:00 PM IST