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Shahdol News: तीन दिन में 1088 क्विंटल की खरीदी, अभी तक नहीं बन पाया नई एजेंसी का सेटअप
- व्यवस्था बदली, उपार्जन की धीमी शुरुआत
- जिले में इस बार सात स्व सहायता समूह उपार्जन कार्य से वंचित हो गए हैं
- हालांकि फार्म जमा करते समय समूहों ने उक्त राशि खातों में जमा करा ली थी, परंतु शासन ने मंजूर नहीं किया।
Shahdol News: खरीफ सीजन के मुख्य फसल धान के उपार्जन में अभी गति नहीं आ पाई है। खरीदी शुरु हुए तीन दिन की अवधि बीत जाने के बाद मात्र तीन केंद्रों में 1088 क्विंटल धान की आवक ही हो पाई है। जबकि 44 केंद्रों मेें बोहनी नहीं हो सकी है। खरीदी में तेजी नहीं आने की एक वजह उपार्जन के लिए नई एजेंसी को आदेश जारी करना भी माना जा रहा है।
गौरतलब है कि संभाग के तीनों जिलों शहडोल, अनूपपुर सहित उमरिया जिले में खरीफ सीजन के उपज की खरीदी के लिए शासन द्वारा राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (एनसीसीएफ) को बनाया गया है। जिसका पूरा सेटअप तैयार नहीं हो सका है। इसको लेकर एक समस्या कुछ केद्रों में यह आ रही है कि जो वारदाने दिए गए हैं उनमें समुचित मात्रा की धान नहीं आ पा रही है।
इन तीन केंद्रों तक पहुंची धान
खरीदी का कार्य 2 दिसंबर से प्रारंभ हुआ। जिले में 47 केंद्र बनाए गए हैं। पहले दिन किसी केंद्र मेें धान नहीं पहुंची। दूसरे दिन छतवई केंद्र में 794 क्विंटल की खरीदी हुई। वहीं लफदा में 138 व तीसरे दिन गुरुवार को 100 क्विंटल धान की खरीदी हुई। इसी प्रकार पलसऊ केंद्र में 54.80 क्विंटल धान बिक्री के लिए पहुंची। इन तीन केंद्रों के अलावा अन्य केंद्र सूने पड़े हुए हैं।
खरीदी से वंचित सात समूह
जिले में इस बार सात स्व सहायता समूह उपार्जन कार्य से वंचित हो गए हैं, जो पिछले वर्ष तक खरीदी का कार्य करते आ रहे थे। बताया जा रहा है कि खरीदी के पूर्व शासन द्वारा यह शर्त लाई गई थी कि खरीदी करने वाले समूहों के खातों में 1 नवंबर 2024 की स्थिति में 2-2 लाख रुपए जमा होने चाहिए। यह राशि किसी समूह के खातों में जमा नहीं थी, इस कारण उन्हें उपार्जन का कार्य नहीं दिया गया। हालांकि फार्म जमा करते समय समूहों ने उक्त राशि खातों में जमा करा ली थी, परंतु शासन ने मंजूर नहीं किया।
इधर, मिलरों की हड़ताल से उठाव पर संकट
खरीदी कार्य शुरु होने के बाद उठाव को लेकर संकट बना हुआ है। क्योंकि प्रदेश स्तर पर चल रही मिलरों की हड़ताल का असर जिले में भी है। मिलर संघ के अध्यक्ष मोहम्मद जकरिया ने बताया कि भोपाल में प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री के इस आश्वासन के बाद आंदोलन को विराम दिया गया है कि बकाया राशि सहित अन्य मांग पूरी की जाएंगी, लेकिन संघ आदेश जारी होने के बाद ही कार्य शुरु करने की मांग कर रहा है। यहां बता दें कि खरीदी केंद्रों से मिलरों को धान का उठाव करना है। यदि ऐसा नहीं होता तो केंद्रोंं में अव्यवस्था फैल सकती है।
उपार्जन में हमारी टीम काम कर रही है, एक दो दिन में नया सेटअप तैयार हो जाएगा। जहां कुछ कमी है तो दूर किया जाएगा।
अर्पित सिंह, सहायक प्रबंधक एनसीसीएफ
Created On :   6 Dec 2024 2:48 PM IST