Shahdol News: खरीदी लक्ष्य से अधिक और भुगतान आधा भी नहीं, धान खरीदी दो दिन शेष, परिवहन न होने से परेशानी, मिलिंग उठाव भी सुस्त

खरीदी लक्ष्य से अधिक और भुगतान आधा भी नहीं, धान खरीदी दो दिन शेष, परिवहन न होने से परेशानी, मिलिंग उठाव भी सुस्त
  • खरीदी लक्ष्य से अधिक और भुगतान आधा भी नहीं
  • धान खरीदी दो दिन शेष, परिवहन न होने से परेशानी, मिलिंग उठाव भी सुस्त

Shahdol News: इस वर्ष खरीफ सीजन के उपज की जिम्मेदारी नई नवेली संस्था एनसीसीएफ को दिया जाना किसानों के लिए भारी पड़ता जा रहा है। खरीदी शुरु होने के साथ ही उपार्जन एजेंसी की लापरवाही अंत तक कायम रही, जिससे सबसे ज्यादा अन्नदाता त्रस्त हैं। इस वर्ष लक्ष्य से अधिक खरीदी के बावजूद भुगतान आधा भी नहीं हुआ है। धान खरीदी का लक्ष्य 19 लाख क्विंटल रखा गया था और खरीदी बंद होने की तारीख 23 जनवरी के दो दिन पहले 20 जनवरी तक 19.23 लाख क्विंटल की खरीदी की जा चुकी थी। इस लिहाज से अपनी उपज बेच चुके 29035 किसानों को 442.35 करोड़ का भुगतान किया जाना है और 209.10 करोड़ रुपए का भुगतान ही किसानों को उपार्जन एजेंसी कर पाई है। बताया जा रहा है कि 26-27 दिसंबर 2024 के बाद किसानों के खातों में राशि नहीं आ पा रही है। भुगतान में गति नहीं आ पाने की सबसे बड़ी वजह परिवहन समय पर नहीं होना और एजेंसी द्वारा सक्रियता नहीं दिखाना बताया जा रहा है। उपार्जन कार्य में हावी अव्यवस्था पर अंकुश लगाने में जिला प्रशासन भी नाकाम दिख रहा है।

परिवहन में ऐसी लापरवाही

धान उपार्जन में परिवहन की व्यवस्था शुरुआती दिनों से ही गड़बड़ाई रही। खरीदी एजेंसी द्वारा पहले तो परिवहनकर्ता तय करने में लेटलतीफी की गई, इसके बाद जिनको जिम्मेदारी दी गई उन्होंने समय पर उठाव नहीं किया। परिवहन का कार्य पहले समिति स्तरीय 31 खरीदी केंद्रों से करना था। जिनमें 11.03 लाख क्ंिवटल धान की खरीदी हुई। शेष 23 खरीदी केंद्र गोदाम स्तरीय रहे, जहां परिवहन बाद में किया जाना है। इन केंद्रों में 8.20 लाख क्विंटल की खरीदी हुई। परिवहन कार्य में 108 वाहनों का उपयोग हो रहा है, इसके बावजूद 20 जनवरी तक की स्थिति में 54 प्रतिशत उठाव यानि 5.93 लाख क्विंटल धान केंद्रों से उठाया गया।

मिलर्स से उठाव मात्र 18 फीसदी

मिलर्स द्वारा भी धान उठाव में दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। सोमवार तक की स्थिति में मिलर्स द्वारा 18 प्रतिशत यानि 2.02 लाख क्विंटल धान का ही उठाव किया जा सका है। शासन के निर्देशानुसार मिलर्स को सीधे खरीदी केंद्रों से उठाव करना था, लेकिन एजेंसी की लेटलतीफी के चलते इसमें भी देरी हुई। मिलर्स द्वारा उठाव में देरी की वजह यह भी बताई जा रही है कि मिलिंग के बाद चावल रखने की जगह एजेंसी द्वारा तय नहीं की जा सकी है। मिलिंग के बाद 75 फीसदी चावल एफसीआई के गोदामों में जमा कराया जाना था, परंतु गोदाम खाली नहीं होने की वजह से मिलर उठाव से बचते रहे।

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समितियों को भी नहीं मिला ढेला

उपार्जन एजेंसी खरीदी समितियों को भी अभी तक एक पैसा भुगतान नहीं कर पाई है। हर वर्ष खरीदी शुरु होते ही समितियों को लेबर की लागत व अन्य व्यवस्थाओं के लिए 50 से 80 प्रतिशत की राशि मिल जाया करती थी, लेकिन इस बार खरीदी समाप्ति की ओर है और भुगतान नहीं किया गया है। कई समितियां ऐसी हैं जिनके खाते में राशि नहीं है, जिन्हें परेशानी आ रही है। जानकारी के अनुसार उपार्जन एजेंसी द्वारा इस बार पहले समितियों से खर्च का बिल मांगा जा रहा है।

परिवहन कार्य में तेजी लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। किसानों को समय पर भुगतान हो, इसके लिए एजेंसी को कहा गया है।

भागीरथी लहरे

जिला आपूर्ति अधिकारी

Created On :   23 Jan 2025 5:01 PM IST

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