Shahdol News: ओपीडी प्रारंभ होने के ढाई घंटे बाद भी डॉक्टर के चार चेंबर खाली

ओपीडी प्रारंभ होने के ढाई घंटे बाद भी डॉक्टर के चार चेंबर खाली
  • भास्कर लाइव : जिला अस्पताल में 722 मरीजों की ओपीडी, परीक्षण के लिए 7 में से 3 में ही डॉक्टर
  • जिला अस्पताल आमजनों के इलाज का मुख्य और विश्वसनीय केंद्र है।
  • इलाज के लिए डॉक्टरों की अनुपलब्धता का सीधा नुकसान दूर गांव से आने वाले मरीजों को होता है।

Shahdol News: जिला अस्पताल में ओपीडी का समय भले सुबह 9 बजे से है पर कुछ डॉक्टरों के लिए ओपीडी का समय सुबह 11 बजे के बाद से शुरू होता है। सोमवार सुबह 11.24 बजे भास्कर की टीम जिला अस्पताल पहुंची तो पंजीयन के लिए मरीजों की लंबी कतार लगी थी। इसके विपरीत ओपीडी के 14 नंबर कक्ष में जहां मरीजों का परीक्षण होता है, वहां डॉक्टरों के 7 में चार चेंबर खाली रहे।

इस बीच मरीज में डॉक्टर के आने का इंतजार करते दिखे। जिला अस्पताल आमजनों के इलाज का मुख्य और विश्वसनीय केंद्र है। ऐसे में यहां इलाज के लिए डॉक्टरों की अनुपलब्धता का सीधा नुकसान दूर गांव से आने वाले मरीजों को होता है।

अव्यवस्था ऐसी भी

बहन और दोस्त के सहारे अपने वाहन तक आ रहे सोनू सोंधिया को अस्पताल में व्हील चेयर नहीं मिला। दोस्त अनिल सोनी ने बताया कि व्हील चेयर नहीं मिलने के कारण कंधे पर बाहर वाहन तक लाना पड़ा। सोनू सोमवार सुबह एक्सीडेंट में घायल हो गया था, उसके पैर पर चोट आई है। बहन वर्षा और प्रियंका इस दौरान सोनू को बाहर वाहन तक लाने के लिए परेशान रहे।

भर्राशाही : 2 डॉक्टरों के इस्तीफा देने के 8 साल बाद भी पद रिक्त नहीं, ऐसे 6 मामले

जिला अस्पताल में वर्ष 2016 में इस्तीफा दे चुके डॉ. सुमित सिन्हा और डॉ. हितकिशोर सिंह किरार के पद अभी तक खाली नहीं हुए हैं। यहां ऐसे 6 मामले हैं जिसमें डॉक्टरों द्वारा इस्तीफा देने के बाद पद रिक्त नहीं होने से नई भर्ती का रास्ता साफ नहीं हो रहा है। इसमें वर्ष 2019-20 में इस्तीफा देने वाले डॉ. अर्पणा नामदेव, डॉ. पूजा विशनदसानी, डॉ. पंकज श्रीवास्तव के साथ ही 29 सितंबर 2023 को पढ़ाई के लिए बिना अनुमति जाने वाली डॉ. आकांक्षा सिंह शामिल हैं।

क्यों नहीं भर रहे डॉक्टरों के खाली पद ? विशेषज्ञों के 18 और डॉक्टरों के 13 पद खाली- जिला अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों के 38 स्वीकृत पदों में 20 ही सेवाएं दे रहे हैं। यहां डॉक्टरों के 23 स्वीकृत पद में 10 ही पदस्थ हैं। दोनों ही श्रेणियों में क्रमश: 18 और 13 पद खाली होने का असर जिला अस्पताल में चिकित्सा सेवाओं पर पड़ रहा है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि डॉक्टरों के खाली पद भरने के लिए भोपाल में कई बार पत्राचार के बाद भी डॉक्टरों की पदस्थापना नहीं की जा रही है।

सोनोग्राफी के लिए 8 मार्च की तारीख, भर्ती मरीजों को भी चार दिन बाद का समय- जिला अस्पताल स्थित सोनोग्राफी सेंटर में जो मरीज सोमवार को सोनोग्राफी करवाने पहुंचे उन्हे 8 मार्च की तारीख बताकर उस दिन सोनोग्राफी के लिए आने कहा गया। जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों को भी चार दिन बाद का समय दिया गया। लालपुर निवासी नारायण प्रसाद लीवर का इलाज करवाने जिला अस्पताल में भर्ती हैं, उन्हे डॉक्टर ने सोनोग्राफी करवाने कहा तो 14 फरवरी की तारीख मिली।

इसका एक कारण यह भी है कि मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल मिलाकर संभाग मुख्यालय में सोनोग्राफी की सरकारी सुविधा सिर्फ एक ही स्थान पर है। यहां लंबी वेटिंग के बाद भी रेडियोलॉजिस्ट का इंतजाम नहीं हुआ।

Created On :   11 Feb 2025 2:05 PM IST

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