Shahdol News: डीडी इंडस्ट्रियल सेफ्टी की जांच में हुआ खुलासा, ‘सोडा फैक्ट्री में पुरानी मशीनों से उत्पादन’

डीडी इंडस्ट्रियल सेफ्टी की जांच में हुआ खुलासा, ‘सोडा फैक्ट्री में पुरानी मशीनों से उत्पादन’
  • ओपीएम हादसा, लोहे में जंग लगने के बाद भी बदलने में प्रबंधन द्वारा की जा रही लापरवाही
  • समय-समय पर मेंटेनेंस कराने में कंपनी प्रबंधन द्वारा हद दर्जे की लापरवाही बरती गई।
  • टीम के सदस्यों ने गैस लीकेज होने से प्रभावित हुए लोगों से भी बात की।

Shahdol News: अनूपपुर जिले के बरगवां स्थित ओपीएम (ओरिएंट पेपर मिल) की कास्टिक सोडा फैक्ट्री में पुरानी मशीनों से उत्पादन कार्य किया जा रहा है। इनमें से कई मशीनों में जंग लग गई है, बावजूद इसके उन्हें बदलने और समय-समय पर मेंटेनेंस कराने में कंपनी प्रबंधन द्वारा हद दर्जे की लापरवाही बरती गई। 21 सितंबर को सोडा फैक्ट्री में हुए क्लोरीन गैस के रिसाव की एक बड़ी वजह यह भी थी।

यह नतीजा डिप्टी डायरेक्टर इंडस्ट्रियल सेफ्टी की टीम द्वारा हाल ही में सोडा फैक्ट्री का निरीक्षण किए जाने के बाद सामने आया। इंडस्ट्रियल सेफ्टी डिपार्टमेंट के अधिकारियों की टीम गैस लीकेज होने के तीसरे दिन 24 सितंबर को ओपीएम की सोडा फैक्ट्री इकाई पहुंची थी।

टीम द्वारा गैस रिसाव कैसे हुआ इसकी जांच तो की ही गई साथ ही हादसे के बाद लोगों के इलाज में बदइंतजामी, इमरजेंसी सायरन बजाने सहित अन्य पहलुओं को भी देखा और परखा गया। टीम के सदस्यों ने गैस लीकेज होने से प्रभावित हुए लोगों से भी बात की।

कंपनी प्रबंधन के दावे झूठे निकले

डिप्टी डायरेक्टर इंडस्ट्रियल सेफ्टी की जांच के बाद ओपीएम प्रबंधन (सीनियर मैनेजर रवि शर्मा) का हादसे की रात किया गया यह दावा झूठा निकल गया कि, क्लोरीन गैस का रिसाव नहीं हुआ है। डिप्टी डायरेक्टर नमिता तिवारी ने दैनिक भास्कर से चर्चा में यह बताया कि 21 सितंबर की रात 3 पीपीएम से कम का गैस रिजाल्व था।

उन्होंने इससे ज्यादा जानकारी यह कहते हुए देने से इंकार कर दिया कि उनके द्वारा जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपी जा चुकी है। सूत्रों के मुताबिक जांच टीम ने यह भी पाया कि क्लोरीन के कारण लोहे के उपकरण में जंग जल्दी लगने की सामान्य प्रक्रिया से वाकिफ होने के बावजूद कंपनी प्रबंधन द्वारा समय रहते उपकरण नहीं बदले गए और यही हादसे और गैस के रिसाव का कारण बना।

पीसीबी की भी चल रही समानांतर जांच

हादसे की रात यानि 21 सितंबर से ही एमपीपीसीबी (मप्र. पाल्यूशन कंट्रोल ब्यूरो) की टीम भी सोडा फैक्ट्री एरिया में सक्रिय है और समानांतर जांच कर रही है। शहडोल आरओ मुकेश श्रीवास्तव ने बताया कि गैस लीकेज के बाद 21 सितंबर की रात में शहडोल क्षेत्रीय कार्यालय की टीम ओपीएम की सोडा फैक्ट्री पहुंची थी।

उन्होंने बताया कि आगे की जांच बोर्ड के भोपाल मुख्यालय के अधिकारियों की निगरानी में चल रही है। टीम द्वारा यहां आसपास वायु प्रदूषण मापने के लिए ओपीएम गेट के साथ ही अलग-अलग स्थानों पर मशीन लगाई है, जिनके जरिए नमूने एकत्र किए जा रहे हैं।

Created On :   27 Sept 2024 8:54 AM GMT

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