शहडोल: अतिक्रमण हटना तो दूर, शहर के प्रमुख तालाबों का बफर एरिया ही चिन्हित नहीं

अतिक्रमण हटना तो दूर, शहर के प्रमुख तालाबों का बफर एरिया ही चिन्हित नहीं
  • मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी जल गंगा संवर्धन अभियान में खाना पूर्ति
  • यहां अभियान के नाम पर थोड़ी बहुत कचरा उठाकर कोरमपूर्ति कर लिया गया।
  • जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान चुनिंदा तालाबों की सफाई तक सीमित होकर रह गया है।

डिजिटल डेस्क,शहडोल। जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए जिलेभर में चलाए जा रहे मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी जल गंगा संवर्धन अभियान शहर में उद्देश्य से ही भटक गया। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अभियान में जिन बातों को ध्यान में रखकर काम करने की बात कही उसमें कई महत्वपूर्ण कार्यों पर 4 दिन बाद भी ध्यान नहीं दिया गया।

इसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है शहर के तालाबों का बफर एरिया तैयार कर पौधरोपण की तैयारी। इसमें पौधरोपण से पहले अधिकांश तालाबों पर अतिक्रमण भी हटाना होगा, जिससे तालाबों का अस्तित्व ही संकट में हैं।

अभियान के नाम पर ऐसे की जा रही खानापूर्ति

जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान चुनिंदा तालाबों की सफाई तक सीमित होकर रह गया है। ज्यादातर स्थानों पर उन तालाबों का चयन किया गया जहां पहले से ही सफाई है और जलभराव भी पर्याप्त है।

यहां अभियान के नाम पर थोड़ी बहुत कचरा उठाकर कोरमपूर्ति कर लिया गया। कुछ ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा हुई, नगरीय क्षेत्र में इस अभियान से लोगों को जोडऩे के प्रयास नाकाफी रहे हैं।

जल सम्मेलन, कलश यात्रा जैसे आयोजन कोरम पूर्ति तक सीमित है। तालाबों का शहर शहडोल में प्रमुख तालाबों के बफर एरिया से अतिक्रमण हटाने व पौधरोपण के लिए स्थान सुरक्षित किए जाने की दिशा में अब तक उल्लेखनीय कार्य नहीं हुए।

मुख्यमंत्री की मंशानुसार अभियान में होने हैं ये कार्य

>> जल संरचनाओं के किनारे बफर जोन तैयार कर अतिक्रमण से बचाने व मिट्टी कटाव रोकने हरित क्षेत्र पार्क का विकास। यानी ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण।

>> जल संरचनाओं से मिलने वाले गंदे पानी के नाले व नालियों को डायवर्सन उपरांत शोधित कर जल संरचना में छोडऩा।

>> जल संरचनाओं को व्यवसाय से जोडऩे के साथ ही रोजगार मूलक बनाने पर्यटन, मत्स्य पालन, सिंघाड़े का उत्पादन जैसी संभावनाओं का स्पष्टत: निर्धारण।

>> जल संग्रहण संरचना से निकाली गई मिट्टी एवं खाद का उपयोग स्थानीय कृषकों के खेतों में किए जाने को प्राथमिकता।

>> नगरीय क्षेत्रों में 6 जून को जल सम्मेलन, 8 को जनभागीदारी से जल संरचनाओं की सफाई 9 जून को जल संरचनाओं के समीप कलश यात्रा का आयोजन। स्थानीय छात्रों की सहभागिता से निबंध व चित्रकला प्रतियोगिताओं का आयोजन। अभियान 16 जून तक चलेगा।

बफर एरिया तैयार करना यहां जरूरी

- मोहनराम तालाब

- घरौला तालाब

- पौनांग तालाब

- बाल संपे्रक्षण ग्रह के पीछे

- पुराना बसस्टैंड के पीछे

- वार्ड क्रमांक 9 स्थित तालाब

- पंचायती मंदिर के पीछे

- लल्लू सिंह चौक के समीप स्थित तालाब

- बड़ी भीठ तालाब

0 शहडोल शहर में तालाबों का बफर एरिया तैयार करने के लिए मीटिंग में चर्चा हुई थी पर उसके बाद आगे क्या करना इस पर सीएमओ ने कुछ नहीं बताया। मीटिंग में 10 तालाबों का बफर एरिया तैयार करने की बात हुई थी।

अरविंद शाह एसडीएम सोहागपुर

Created On :   11 Jun 2024 7:22 PM IST

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