शहडोल बेस टीटीई से छिनी नर्मदा एक्सप्रेस: एसईसीआर रेलवे के निर्णय से शहडोल में कम होती जा रही कर्मचारियों की संख्या

एसईसीआर रेलवे के निर्णय से शहडोल में कम होती जा रही कर्मचारियों की संख्या
  • एसईसीआर रेलवे के निर्णय से शहडोल में कम होती जा रही कर्मचारियों की संख्या
  • शहडोल बेस टीटीई से छिनी नर्मदा एक्सप्रेस
  • भोपाल-बिलासपुर और रीवा-बिलासपुर एक्सप्रेस से भी शहडोल बेस स्टॉफ हटाने की तैयारी

डिजिटल डेस्क, शहडोल। अंचल की लाइफ लाइन कही जाने वाली 18233-34 इंदौर-बिलासपुर-इंदौर नर्मदा एक्सप्रेस में टीटीई के शहडोल बेस स्टॉफ को हटाने का निर्णय दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) प्रबंधन ने लिया है। 11 अगस्त से नर्मदा एक्सप्रेस में टीटीई का बिलासपुर बेस स्टॉफ कटनी तक जाएगा। आने वाले समय में भोपाल-बिलासपुर-भोपाल एक्सप्रेस और रीवा-बिलासपुर-रीवा एक्सप्रेस से भी शहडोल बेस स्टॉफ हटाने की तैयारी है। इधर, नर्मदा एक्सप्रेस से शहडोल बेस स्टॉफ हटाए जाने के निर्णय का विरोध भी तेज हो गया है। जानकार कह रहे हैं कि अभी ट्रेन से स्टॉफ हटाया गया है, बाद में इनका ट्रांसफर कर दिया जाएगा। इससे शहडोल में कर्मचारियों की संख्या घटेगी और इसका असर शहर के बाजार पर भी पड़ेगा।

यह भी पढ़े -बसों का सर्विस सेंटर बनकर रह गई निर्माणाधीन मॉडल रोड, सड़क किनारे करते हैं बसों की धुलाई व मरम्मत

39 में 29 पद भरे, शहडोल में टीटीसी के 7 पद खाली

शहडोल बेस स्टॉफ में टीटीई के 39 में 10 पद खाली हैं। यहां 29 टीटीई ही सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में शहडोल बेस स्टॉफ से ट्रेनें छिनती गई तो इन टीटीई के पास काम नहीं रहेगा और इनका ट्रांसफर दूसरे शहरों के लिए कर दिया जाएगा। इसी प्रकार शहडोल स्टेशन में ट्रेन टिकट कलेक्टर (टीटीसी) के 7 पद खाली हैं। इन पदों को भरने की दिशा में भी रेलवे प्रबंधन कर रवैया उदासीन बना हुआ है।

यह भी पढ़े -बहते पानी के बीच पुलिया पार करते दो युवक बहे, एक लापता

ऐसे होती रही शहडोल की उपेक्षा

> शहडोल में अंग्रेजों के जमाने से स्टीम लोको शेड था, जिसमें एक हजार से ज्यादा कर्मचारी काम करते थे। यह लोको शेड 1985 तक चला। बाद में डीजल इंजनों की संख्या बढ़ी तो स्टीम लोको शेड को डीजल लोको शेड में नहीं बदला गया और डीजल लोको शेड बिलासपुर में संचालित कर दिया गया।

> मालगाड़ी के डिब्बों की मरम्मत के लिए शहडोल में मेजर सिक लाइन था। इसमें लगभग 5 सौ कर्मचारी काम करते थे। इसे 1990 में बंद कर दिया गया।

> शहडोल में 50 बिस्तर के रेलवे हास्पिटल में 5 डॉक्टर होते थे। अब 4 बिस्तर कर दिया और डॉक्टर की संख्या घटाकर एक रह गई है। अस्पताल में सभी विभाग मिलाकर लगभग ढाई सौ से ज्यादा कर्मचारियों की संख्या थी, जो कि अब घटकर लगभग 15 रह गई है।

> शहडोल रेलवे में पहले सभी विभाग मिलाकर कर्मचारियों की संख्या 5 हजार से ज्यादा होती थी जो अब घटकर 12 सौ के लगभग ही रह गई है।

- नर्मदा एक्सप्रेस व दूसरी ट्रेनों से शहडोल बेस स्टॉफ हटाने के निर्णय के विरोध में प्रधान मुख्य वाणिज्य प्रबंधक बिलासपुर को पत्र लिखकर मांग की गई है कि यह निर्णय न्योचित नहीं है। यह निर्णय न तो रेल हित में है न ही कर्मचारी हित में।

यह भी पढ़े -मां के साथ सो रही बालिका को सर्प ने डसा, अस्पताल पहुंचने के पूर्व मौत

मनोज बेहरा

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन

- शहडोल में रेलवे के अलग-अलग सेक्शन में इसी तरह से कर्मचारियों से काम छिनता गया और सेक्शन बंद होते गए तो इसका सीधा असर शहर के बाजार पर पड़ेगा। हजारों की संख्या में व्यापारियों के हितों की अनदेखी होगी। रेलवे के इस निर्णय के विरोध में हम पत्राचार करेंगे। निर्णय नहीं बदला गया तो तीव्र विरोध दर्ज करवाएंगे।

घनश्याम जायसवाल

अध्यक्ष नगर पालिका शहडोल

Created On :   11 Aug 2024 10:50 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story