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Seoni News: किंदरई परमाणु परियोजना के विरोध में उतरे ग्रामीण, जताया आक्रोश
- घंसौर आकर एसडीएम को सौंपा गया ज्ञापन
- किंदरई परमाणु परियोजना को निरस्त नहीं किया गया, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
- ग्रामीणों ने किंदरई परमाणु परियोजना विरोधी मोर्चा खोलते हुए जन चेतना यात्रा निकाली।
Seoni News: जिले के किंदरई में प्रस्तावित न्यूक्लियर पावर प्लांट(परमाणु उर्जा संयंत्र) का विरोध शुरु हो गया है। रविवार को विरोध में किंदरई में कई गांवों के ग्रामीणों की बैठक आयोजित होने के बाद सोमवार को क्षेत्र के कई गांवों के महिला, पुरूष व बच्चों ने बड़ी संख्या में एकत्र होकर प्रदर्शन करते हुए जमकर आक्रोश जताया। ग्रामीणों ने किंदरई परमाणु परियोजना विरोधी मोर्चा खोलते हुए जन चेतना यात्रा निकाली।
महिलाएं आक्रोश जता रही थीं कि उन्हें परमाणु उर्जा संयंत्र के लिए अपने घर व जमीन का बलिदान किसी भी स्थिति में मंजूर नहीं है। पहले ही बरगी बांध परियोजना में क्षेत्र के लोग अपनी जमीनें गवां चुके हैं। सबने 18 किमी दूर घंसौर पहुंचकर एसडीएम को परमाणु उर्जा संयंत्र के विरोध में ज्ञापन सौंपा गया। जानकारी के अनुसार मंगलवार को किंदरई व क्षेत्र के ग्रामों के लोग सिवनी आकर कलेक्टर को भी ज्ञापन सौंप सकते हैं।
किंदरई में जुटे थे कई गांवों के लोग
चुटका परमाणु परियोजना अभी शुरू भी नहीं हुई है कि चुटका से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर नर्मदा के दूसरे तट पर बसे किंदरई में परमाणु परियोजना प्रस्तावित कर दी गई है। इसके विरोध में गत दिवस ही किंदरई में क्षेत्रीय ग्रामीणों की बैठक हुई थी। बैठक में पौड़ी,चरगांव,केदारपुर, धुमामाल, पुटरई,पीपरटोला, छिंदवाहा, बखारी, जामनपानी, किन्दरई,चौरई, बरेली, राजगढ़, धर्मुकोल, पिपरिया, कारीथून, गोकला, रोटो, दलका, कुरोठार, चिनगा, अंडिया,कुसुमी, सुदामपुर, गढ़ी, फुलेरा आदि गांव के महिला-पुरुष शामिल थे।
बरगी बांध का झेल चुके दंश
ग्रामीणों में इस बात को लेकर आक्रोश है कि घंसौर क्षेत्र की नर्मदा पट्टी पूर्व में बरगी बांध से विस्थापित एवं प्रभावित हो चुकी है। विस्थापन के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है और रोजगार के लिए बाहर पलायन करने को मजबूर हैं। बरगी परियोजना से सिवनी जिले के घंसौर क्षेत्र को कोई लाभ नहीं मिला है। केदारपुर और गोरखपुर क्षेत्र के किसानों द्वारा बरगी जलाशय से सिंचाई के लिए पानी की मांग की जाती रही है, परन्तु इन मांगों पर आज तक विचार नहीं किया गया है, जबकि झाबुआ पावर प्लांट को बरगी से पानी दिया जा रहा है और पावर प्लांट का राखड़ आसपास के किसानों के खेत खराब कर रहा है।
पूर्व में प्रस्तावित चुटका परमाणु परियोजना के कारण घंसौर का बड़ा क्षेत्र विकिरण से प्रभावित होने वाला है। अब किन्दरई परमाणु परियोजना प्रस्तावित होने से क्षेत्र में स्वास्थ्य संबंधी गंभीर खतरा पैदा हो जाएगा। अगर परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण किया जाएगा तो आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के लोग बर्बाद हो जाएंगे। बैठक में यह भी तय किया गया कि आगामी 26 जनवरी को किंदरई परमाणु परियोजना के खिलाफ गांव-गांव से प्रस्ताव पारित किया जाएगा। किंदरई परमाणु परियोजना को निरस्त नहीं किया गया, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
Created On :   24 Dec 2024 3:19 PM IST