Seoni News: पेंच डायवर्सन प्रोजेक्ट की नहर का मामला, सुस्त गति से चल रहा करोड़ों का काम

पेंच डायवर्सन प्रोजेक्ट की नहर का मामला, सुस्त गति से चल रहा करोड़ों का काम
  • कपुर्दा में अधूरा काम, सिवनी के किसानों में छाई मायूसी
  • इस बार फिर देरी से मिलेगा पानी
  • कपुर्दा में चल रहे पेंच नहर के काम का गुरुवार को सिवनी विधायक दिनेश राय मुनमुन ने निरीक्षण किया।

Seoni News: पेंच डायवर्सन प्रोजेक्ट किसानों के लिए मानो सिरदर्द बन गया है। रबी सीजन में सिवनी के किसान जल्द ही नहर में पानी की उम्मीद लगाए बैठे हैं, लेकिल छिंदवाड़ा जिले के चौरई स्थित कपुर्दा के पास पेंच नहर का काम अधूरा होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है और मायूसी का आलम है। जिस गति से काम चल रहा है उससे माना जा रहा कि पानी किसानों को समय पर नहीं मिल पाएगा, जबकि अब तक किसानों को पानी मिल जाना चाहिए था।

19 करोड़ से हो रहा काम

जानकारी के अनुसार कपुर्दा में नहर फूटने की समस्या को दूर करने और किसानों की आवाजाही के लिए वहां पर 19 करोड़ की लागत से एक्वाडक्ट का काम किया जा रहा है। यह काम पिछले दो साल पहले हो जाना था लेकिन अब तक काम पूरा नहीं हुआ। पिछले साल वहां पर मोटी पॉलीथिन लगाकर पानी छोड़ा गया था। तब जाकर बड़ी मुश्किल से पाीन सिवनी आया था, लेकिन सिंचाई के लिए कम पानी मिला था।

विधायक ने लगाए मनमानी के आरोप

कपुर्दा में चल रहे पेंच नहर के काम का गुरुवार को सिवनी विधायक दिनेश राय मुनमुन ने निरीक्षण किया। उन्होंने पाया कि जिस स्तर पर काम होना चाहिए वह नहीं हो रहा है। उन्होंने पेंच के अधिकारियों पर मनमानी के आरोप लगाए। साथ ही कहा कि ठेकेदारों को संरक्षण दिया जा रहा है। इतनी गड़बड़ी के बाद भी ठेकेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

कलारबांकी तक जाना है पानी

42 किमी लंबी पेंच परियोजना की नहर का पानी कलारबांकी गांव तक जाना है। कपुर्दा के बाद पेंच की डी2, डी 3और डी4 की नहर से करीब 152 से अधिक गांवों में पानी देना है। इसमें भी अभी नहरों का पूरी जगह सुधार नहीं हुआ है। पलारी गांव के पास भी नहर का पूरा सुधार नहीं किया गया है। यदि नहर का पानी आता है तो वह हिस्सा फूट सकता है। यही समस्या अन्य क्षेत्रों में भी है। किसानों का कहना है कि नहरों के सुधार का काम काफी पहले हो जाना था।

कई बार फूटी थी नहर

पेंच परियोजना की नहर कई बार फूट चुकी है। खासकर एक्वाडक्ट के पास से। कहीं कहीं तो नहर सीपेज होती हैं। नहर के वॉल तो इतनी खराब बनाई गई है कि वह अधिक बहाव नहीं सह पाती है। इसका उदाहरण कारीरात, सिमरिया और चांवड़ी में देखा जा सकता है। लोनिया के पास तो एक्वाडक्ट के पास नहर चार से पांच बार फूट चुकी है। किसानों ने भी नहरों में गुणवत्ताविहीन काम के आरोप लगाए हैं।

इधर, फूटी नहर की शुरु हुई मरम्मत

कान्हीवाड़ा क्षेत्र में जमुनाटोला में फूटी नहर में पानी की आपूर्ति रोक दी गई है। इसके बाद गुरुवार से नहर की मरम्मत का काम शुरु कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि मरम्मत शीघ्र पूरी कर ली जाएगी। जिसके बाद किसानों को पानी उपलब्ध कराया जाएगा।

इस बीच गुरुवार को केवलारी क्षेत्र के पूर्व विधायक राकेश पाल सिंह और अन्य भाजपाई मौके पर पहुंचे। राकेश पाल ने अधिकारियों से बात कर नहर की शीघ्र मरम्मत किए जाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि इस तरह की स्थिति दोबारा निर्मित न हो। इसके साथ ही उनका कहना है कि नहरों की लाइनिंग के लिए प्रक्रिया जारी है। नहरों के पक्की हो जाने से किसानों को अंतिम छोर तक समस्या नहीं होगी।

Created On :   22 Nov 2024 4:54 PM IST

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