सिवनी: रफ्तार का कहर ७ सालों में १८ सौ की मौत से सडक़ें हुई लाल

रफ्तार का कहर ७ सालों में १८ सौ की मौत से सडक़ें हुई लाल

डिजिटल डेस्क, सिवनी। जिले में सडक़ हादसों का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। सात सालों में अभी तक करीब १८ सौ लोगों की मौत हो चुकी हैं। जबकि पौने सात हजार लोग तो घायल हो चुके हैं।अधिकांश मौतें दो पहिया वाहन चालकों और उसमें सवार लोगों की हुई है। हाल ही में एक सरकारी आंकड़ा सामने आया था जिमसें तीन सालों में ४०० लोगों की मौत हेलमेट न लगाने के कारण हुई थी। यातायात विभाग के अनुसार जिले में ज्यादातर सडक़ हादसे नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे में हुए हैं। वाहनों की तेज रफ्तार के कारण हादसे होते हैं।

ये हैं सरकारी आंकड़े

वर्ष हादसे मौत घायल

२०१७ ८९८ १९५ ९९६

२०१८ ९४७ २५१ ९६६

२०१९ ९६८ २५९ १०९६

२०२० ७७९ २३३ ७७७

२०२१ ८२१ २७६ ६६८

२०२२ १०२६ २५४ १०७६

२०२३ १०५९ २५४ १२२४

कुल ६४९८ १७९० ६८०३

(नोट इस साल केे आंकड़े नवंबर तक)

यहां पर हुए अधिक हादसे

कुरई क्षेत्र में खवासा से लेकर सुकतरा तक, बटवानी टेक से लेकर नगझर बायपास तक, बंडोल थाना सीमा सोनाडोंगरी से लेकर अलोनिया, छपारा थाना सीमा के रणधीनगर से बंजारी मंदिर सीमा तक, लखनादौन थाना सीमा के गनेशगंज चौक से लेकर लखनादौन के खैरेशिकारा तक, धूमा के बंजारी घाट में सडक़ हादसे हुए हैं। इसके अलावा स्टेट हाईवे में लखनवाड़ा से लेकर फुलारा तक, सिवनी बरघाट रोड में सेलुआ घाटी से लेकर बम्होड़ी तक, बरघाट से लेकर बेहरई तक, सिवनी मंडला रोड में भोमा से कान्हींवाडा़ तक और पलारी से केवलारी के बीच अधिक सडक़ हादसे हुए हैं। वही प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना की सडक़ों में भी हुए हादसों से कई लोगों की जानेें जा चुकी हैं।

सडक़ हादसे में मौत के ये भी कारण

यातायात विभाग के अनुसार अधिकांश सडक़ हादसे तेज रफ्तार के कारण होते हैं। अंधे मोड़ पर वाहनों का नियंत्रण नहीं करना, बेवजह ओवरटेक करना, नशे की हालत में वाहन चलाना, बिना फिटनेश के वाहन, ओवरलोड सवारी, ओवर स्पीड,बिना अनुभव के तेज रफ्तार वाहन की स्पीड और अन्य कारणों के कारण सडक़ हादसे होते हैं।

Created On :   30 Dec 2023 7:39 AM GMT

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