सिवनी: एफआईआर के बाद से फरार सहायक आयुक्त, अब तक निलंबन आदेश नहीं हुआ जारी

एफआईआर के बाद से फरार सहायक आयुक्त, अब तक निलंबन आदेश नहीं हुआ जारी
  • एफआईआर के बाद से फरार सहायक आयुक्त
  • डिंडोरी में दर्ज हुई है एफआईआर, 2.59 करोड़ के गबन का आरोप

डिजिटल डेस्क, सिवनी। 2 करोड़ 59 लाख रुपए के गबन के मामले में डिंडोरी में एफआईआर दर्ज होने के बाद से फरार जनजाति कार्य विभाग सिवनी के सहायक आयुक्त डॉ. अमर सिंह उइके का अब तक डिंडोरी पुलिस सुराग नहीं लगा पाई है। डिंडोरी में पदस्थ रहने के दौरान हुए इस गबन की एफआईआर दर्ज करने के बाद डिंडोरी पुलिस उनकी तलाश किए जाने की बात भर कर रही है। वहीं सामने आया है कि फरार डॉ. उइके की ओर से हाईकोर्ट की एकल बैंच में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की गई है, जिसकी सुनवाई आगामी 11 मार्च को होने वाली है। इधर, सिवनी कलेक्टर क्षितिज सिंघल की ओर से डॉ. उइके के खिलाफ गबन के मामले में डिंडोरी में एफआईआर दर्ज किए जाने की जानकारी भोपाल भेजी गई है। बताया जा रहा कि निलंबन को लेकर भोपाल से ही आदेश जारी किया जाएगा। हालांकि अब तक निलंबन को लेकर कोई आदेश सामने नहीं आया है।

अब तक सिवनी नहीं आई डिंडोरी पुलिस

छात्रवृत्ति में गबन सामने आने के बाद पिछले साल 1 मई 23 को आयुक्त जनजातिय कार्य विभाग ने राज्य स्तरीय जांच दल का गठन किया था। जांच के बाद पिछले माह 21 फरवरी को डिंडोरी कलेक्टर विकास मिश्रा ने डॉ. उइके के विरुद्ध छात्रवृति के गबन का मामला दर्ज कराया। डिंडोरी पुलिस ने धारा 420, 409, 34 के तहत दो करोड़ 59 लाख 97 हजार 577 रुपए के गबन का मामला दर्ज किया है। एफआईआर दर्ज होने के बाद से डॉ. उइके फरार हैं, वहीं डिंडोरी पुलिस को सिवनी आने की अब तक फुर्सत नहीं मिली है। पुलिस केवल जांच व तलाश की बात कर रही है। सिवनी कोतवाली टीआई सतीश तिवारी से संपर्क किए जाने पर उनका भी कहना था कि डिंडोरी पुलिस के सिवनी आने की अब तक कोई सूचना नहीं है।

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जांच में मिली भारी अनियमितता

डिंडोरी में पदस्थ रहने के दौरान डॉ. उइके के द्वारा व्यापक स्तर पर वित्तीय अनियमिमता किया जाना पाया गया था। राज्य छात्रवृत्ति योजना राशि 11 लाख 76 हजार रुपए, पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना राशि 7 लाख 52 हजार 872 रुपए, अनुसूचित जनजाति छात्रवृत्ति राशि 64 लाख 13 हजार 992 रुपए, रेडक्रास मद की राशि 18 लाख 15 हजार 363 रुपए, क्रीड़ा मद की राशि 42 लाख 88 हजार 862 रुपए, स्काउट एवं गाइड मद की राशि 5 लाख 79 हजार 600 रुपए जो कि कुल 2 करोड़ 59 लाख 97 हजार 577 रुपए होते हैं, का भुगतान /आहरण उचित प्रक्रिया का पालन न करते हुए किया जाना पाया गया। राज्य स्तरीय जांच दल ने भी पाया कि विभिन्न बैंक के सात खातों से नियम विरुद्ध फर्जी तरीके से आहरण भुगतान किया गया। स्कालरशिप वितरण हेतु खोले गए खातों से बिना किसी उचित प्रक्रिया का पालन कर समस्त राशि का आहरण कर खाते का शेष शून्य कर दिया गया था। उक्त बैंक खातों की कैशबुक शाखा प्रभारियों द्वारा संधारित नहीं की गई थी। कार्यालय में कैशबुक और स्टॉक पंजी भी नहीं पाई गईं।

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खरीदी, भोजन व्यवस्था की हो जांच

सिवनी में भी जनजातिय कार्य विभाग की कार्यप्रणाली हमेशा सवालों के घेरे में रही है। उईके की सिवनी में पदस्थापना के बाद विभिन्न आरोप लगाए जा चुके हैं। कलेक्टर को शिकायत कर गोंड समाज महासभा ने उइके द्वारा सिवनी में कराए गए कामों की जांच की मांग की है। छात्रावासों और सिवनी व कुरई स्थित कन्या शिक्षा परिसर में हुई खरीदी, भोजन व्यवस्था सहित अन्य खरीदी की जांच की मांग उठाई गई है।

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इनका कहना है-

जनजातिय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त के खिलाफ डिंडोरी में एफआईआर दर्ज किए जाने की जानकारी भोपाल भेजी जा चुकी है। निलंबन सहित आगामी कार्रवाई का निर्णय वहीं से लिया जाएगा।

- क्षितिज सिंघल, कलेक्टर, सिवनी

Created On :   9 March 2024 9:56 AM IST

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