Satna News: रीछुल गांव में 3 सगी बहनों की पानी में डूबने से मौत का हृदय विदारक मामला

रीछुल गांव में 3 सगी बहनों की पानी में डूबने से मौत का हृदय विदारक मामला
  • मिट्टी निकालने की नहीं थी अनुमति, फिर भी ठेके पर था ठेका
  • घटना के 2 दिन बाद भी प्रशासन यह नहीं तय कर पाया है कि एनएच (पीडब्ल्यूडी) की निगरानी में बन रहे बायपास का ठेकेदार कौन है?
  • ग्रामीणों के साथ प्रभावित परिजनों ने घटना के लिए जिम्मेदार सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की है।

Satna News: जसो थाना अंतर्गत रीछुल में पानी में डूबने से 3 नाबालिग बहनों की मौत के हृदय विदारक मामले में एक बड़ा सच सामने आया है। जिला खनिज अधिकारी एचपी सिंह के मुताबिक सलेहा-पवई बायपास बना रही ठेका कंपनी ने रोड निर्माण के लिए मिट्टी निकालने की अनुमति नहीं ली थी। इसी बीच आरोप है कि निर्माता कंपनी ने बिना अनुमति मिट्टी निकालने का जिम्मा किसी स्थानीय ठेकेदार को दे रखा था।

विगत 12 अप्रैल की दोपहर राजकुमार चौरसिया की जिन 3 बेटियों गौरी (8वर्ष) और जुड़वा तान्या एवं जान्ह्वी (5वर्ष) के शव मिले, उस गड्ढे की गहराई तकरीबन 4 फीट बताई गई है। गड्ढे का आकार 264 वर्गमीटर है। इस पर तालाब में रिसाव के कारण पानी भरा हुआ है। आरोप है कि सडक़ निर्माण के लिए मिट्टी निकालने के कारण बने इस गड्ढे को यूं ही छोड़ दिया गया।

कलेक्टर ने एसडीएम से तलाब की रिपोर्ट आखिर, कौन है ठेकेदार?

इस संबंध में कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने मामले की जांच नागौद के एसडीएम जितेंद्र वर्मा को सौंपते हुए तत्काल प्रभाव से रिपोर्ट तलब की है। जांच के प्रमुखत: 3 बिंदु हैं। मसलन, सडक़ बनाने वाले ठेकेदार ने क्या मिट्टी निकालने की अनुमति ली थी? क्या, मिट्टी निकालने के बाद कंपनी ने नियम एवं शर्तों का पालन किया? क्या, कंपनी ने काम खत्म करने के बाद गड्ढों को बंद करने या सुरक्षा संबंधी चेतावनी बोर्ड लगाया था?

इसी बीच जानकारों के मुताबिक घटना के 2 दिन बाद भी प्रशासन यह नहीं तय कर पाया है कि एनएच (पीडब्ल्यूडी) की निगरानी में बन रहे बायपास का ठेकेदार कौन है? जांच का आदेश मिलने के बाद एसडीएम ने एनएच (पीडब्ल्यूडी) रीवा के ईई को नोटिस देकर जवाब मांगे हैं। सूत्रों के मुताबिक अभी यह भी तय नहीं है कि सतना-पन्ना की सीमा पर निर्माणाधीन सडक़ एनएच (पीडब्ल्यूडी) रीवा संभाग के अधीन है या फिर सागर संभाग के अंतर्गत है।

अभी तक सिर्फ 25 हजार की सरकारी मदद, स्वीकृति की जाएगी 12 लाख सहायता

एसडीएम ने बताया कि 3 नाबालिग बालिकाओं की मृत्यु पर बेटियों के पिता राजकुमार चौरसिया को अंत्येष्टि सहायता के रूप में 25 हजार रुपए की तात्कालिक सहायता प्रदान की गई थी। कलेक्टर ने आरबीसी के प्रावधानों के तहत 4-4 लाख रुपए के मान से कुल 12 लाख रुपए की आर्थिक सहायता स्वीकृति करने के आदेश दिए हैं। सहायता राशि की स्वीकृति फिलहाल प्रक्रियाधीन है।

उधर, अत्यंत दुखद घटना के बाद ठेकेदार के कारिंदे गायब हैं। रीछुल गांव के ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों के साथ प्रभावित परिजनों ने घटना के लिए जिम्मेदार सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की है।

पुलिस को एसडीएम की रिपोर्ट का इंतजार

रीछुल गांव में राजकुमार चौरसिया की तीन मासूम बेटियों की पानी में डूबने से हुई मौत के मामले में जसो पुलिस ने मर्ग पर कायमी की है। जसो के थाना प्रभारी रोहित यादव के मुताबिक अपने स्तर पर घटना के कारणों और दोषियों को चिन्हित करने की जांच चल रही है। पुलिस को एसडीएम की जांच रिपोर्ट का भी इंतजार है। इस संबंध में एसडीएम जितेंद्र वर्मा से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन बात नहीं हो पाई।

इनका कहना है

1. घटना की विस्तृत जांच की रिपोर्ट तत्काल प्रभाव से एसडीएम से मांगी गई है। रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ नियमों के तहत निश्चित रूप से कार्यवाही की जाएगी। प्रभावित परिवार को 12 लाख की आर्थिक सहायता स्वीकृत करने के निर्देश दिए गए हैं।

डॉ. सतीश कुमार एस, कलेक्टर

2. प्रथम दृष्टया बायपास निर्माण के लिए रीछुल गांव में किसी के द्वारा भी मिट्टी निकालने की अनुमति नहीं ली गई है।

एचपी सिंह, डीएमओ

3. बायपास के ठेकेदार को चिन्हित करने के लिए एनएच रीवा के ईई को नोटिस दिया गया है। माइनिंग को पत्र लिखकर इस आशय की जानकारी चाही गई है कि क्या ठेकेदार ने मिट्टी निकालने की अनुमति ली थी?

यादवेंद्र मणि त्रिपाठी, नायब तहसीलदार

Created On :   15 April 2025 1:24 PM IST

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