- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- सतना
- /
- फर्जी अंकसूची से सरकारी नौकरी,...
Satna News: फर्जी अंकसूची से सरकारी नौकरी, कलेक्टर ने डीईओ को सौंपी जांच
- जांच में यदि आरोप प्रमाणित पाए गए तो नियमों के तहत कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
- शासन से इरादतन छल एवं आर्थिक कृत्य का अपराध दर्ज कराए जाने की मांग भी की गई है।
Satna News: शासकीय शाला धवारी में पदस्थ प्राथमिक शिक्षक जीतेंद्र गर्ग उर्फ गीतेन्द्र गर्ग के खिलाफ फर्जी अंक सूची के आधार पर अनुकंपा नियुक्ति के आरोपों की जांच की जिम्मेदारी कलेक्टर अनुराग वर्मा ने जिला शिक्षा अधिकारी (डीइओ) नीरव दीक्षित को सौंपी है।
डीईओ ने माना कि फर्जी अंकसूची के उपयोग के आरोप की जांच के साथ यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि दहेज प्रताडऩा के कोर्ट में प्रचलित केस की रीवा में पेशियों के अवधि में क्या संबंधित शिक्षक ने वेतन लाभ भी लिए थे? चांदमारी रोड धवारी निवासी अजय त्रिपाठी ने मामले की शिकायत कलेक्टर से की थी।
शिकायत में शिक्षक के विरुद्ध कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर शासन से इरादतन छल एवं आर्थिक कृत्य का अपराध दर्ज कराए जाने की मांग भी की गई है।
गंभीर हैं आरोप
शिकायत के मुताबिक शिक्षक पिता राममोहन गर्ग के निधन पर वर्ष 2007 में जितेंद्र गर्ग को जब शासकीय प्राथमिक शाला बराकला में प्राथमिक शिक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी गई थी तब उनमें नियुक्ति के लिए आवश्यक वांछित योग्यता नहीं थी। आरोप है कि सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए जिस गीतेंद्र गर्ग ने वर्ष 2001 में 10 वीं की परीक्षा (नामांकन : 99-3100430) प्रायवेट दी थी उसी ने जीतेंद्र गर्ग नाम से वर्ष 2005 में पत्राचार माध्यम से 12 वीं की परीक्षा (सीएस-052-310069) जीतेंद्र गर्ग नाम से दी थी। यदि छात्र एक है तो एक ही बोर्ड होने के कारण 10 वीं और 12 वीं की अंक तालिकाओं के नामांकन नंबर भी एक ही होना चाहिए? मगर दोनों में नामों की भिन्नता के साथ साथ गीतेंद्र उर्फ जितेंद्र मामले में ऐसा नहीं है। आरोप है कि 12 वीं अंक सूची संदिग्ध है।
नौकरी से पहले दस्तावेजों का सत्यापन नहीं
शिकायत में सवाल उठाए गए हैं कि इन्हीं संदिग्ध अंक सूचियों के आधार पर जीतेंद्र को प्राथमिक शिक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति देने से पहले शिक्षा विभाग के तबके जिम्मेदार एवं सक्षम अधिकारियों ने दस्तावेजों का सत्यापन करने की जरूरत क्यों नहीं समझी?
संबंधित शिक्षक द्वारा इन्हीं संदिग्ध अंक सूचियों के आधार पर आगे की शिक्षा प्राप्त की गई फिर भी कभी दस्तावेजों के सत्यापन नहीं किए गए? यह भी जानने की कोशिश नहीं की गई कि शासकीय सेवा करते हुए जीतेंद्र गर्ग ने परीक्षाओं के लिए विभागीय अनुमति ली या नहीं ली?
पेशियों पर भी वेतन लेने के आरोप
शिकायत में आरोप लगाए गए हैं कि जुलाई 2020 में पत्नी की ओर से दर्ज कराए गए अपराध
( क्रमांक- 0035/2020) के तहत रीवा न्यायालय में दांडिक प्रकरण (क्रमांक- 2622/2020 ) प्रचलित है। आरोप है कि इन पेशियों में सतना से रीवा आने के लिए अवकाश नहीं लिए गए और जीतेंद्र गर्ग ने इसी अवधि के वेतन भी प्राप्त किए। इस तरह अवकाश स्वीकृत कराए बिना फर्जी दस्तखत कर लाभ अर्जित किए और लोक निधि को क्षति पहुंचाई। आरोप यह भी है कि शैक्षणिक कार्यों में उनकी रुचि नहीं है।
इनका कहना है
शिक्षक के विरुद्ध कलेक्टर महोदय को मिली शिकायतों के आधार पर हमें जांच कराने के आदेश मिले हैं। जांच में यदि आरोप प्रमाणित पाए गए तो नियमों के तहत कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
नीरव दीक्षित, डीईओ
Created On :   3 Oct 2024 2:30 PM IST