Satna News: भीषण हादसे में किसी ने खोया बेटा, तो किसी के पिता का छूटा साथ

भीषण हादसे में किसी ने खोया बेटा, तो किसी के पिता का छूटा साथ
  • भीषण हादसे में किसी ने खोया बेटा
  • तो किसी के पिता का छूटा साथ

Satna News: राष्ट्रीय राजमार्ग-30 पर शनिवार रात को हुए भीषण हादसे में कई परिवार बिखर गए, किसी ने अपना बेटा खो दिया तो किसी के सिर से पिता का साया हमेशा के लिए उठ गया। अपनों को गंवाने वालों की आंखों से आंसू थम ही नहीं रहे हैं। वहीं गंभीर रूप से घायल यात्री अब भी दुर्घटना को याद कर सिहर उठते हैं।

बेटे की मन्नत की पूजा कर लौट रहा था परिवार

भीषण हादसे में जौनपुर निवासी राजेश साहू नागपुर में ठेला लगाकर परिवार का भरण-पोषण करता है। दो बेटियों आरुषी और आरवी के बाद पुत्र देवांश उर्फ गणेश (2) का जन्म हुआ था। पत्नी गीता ने बेटे के लिए मन्नत रखी थी, उसी की पूजा के लिए पूरा परिवार गांव गया था, मगर लौटते समय दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा। बच्चे की मौत की सूचना माता-पिता को नहीं दी गई है, अलबत्ता राजेश के चाचा विजय को दुखद खबर से अवगत कराने के साथ शव की सुपुर्दगी गई है। मृतक का पिता राजेश सतना जिला अस्पताल में भर्ती है जबकि मां गीता और दोनों बहनों का इलाज सिविल अस्पताल अमरपाटन में चल रहा है।

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एक सीट पर एक टिकट में आखिरी यात्रा

मृतकों में सबसे आखिर में पहचाने गए रमेश और दिलीप सरोज एक ही गांव नवपेढ़वा-जौनपुर, के रहने वाले थे। दोनों एक ही टिकट पर और एक ही सीट पर यात्रा कर रहे थे, जो कि उनकी आखिरी यात्रा साबित हुई। रमेश इस कदर दब गया था कि जेब में पड़ा मोबाइल भी फट गया। वहीं दुर्घटना में मृत 18 वर्षीय प्रांजल विश्वकर्मा नागपुर में रहने वाली बुआ के घर जा रहा था, मगर बीच रास्ते में ही मौत ने दबोच लिया।

मझले भाई की अस्थियां विसर्जित कर लौट रहे थे श्रीवास बंधु

हादसे में गंभीर रूप से घायल नागपुर निवासी सगे भाई प्रमोद और प्रवीण श्रीवास अपने मझले भाई की अस्थियां प्रयागराज में विसर्जित कर लौट रहे थे, जब बस हाइवा से भिड़ी तो दोनों गहरी नींद में थे। झटके से नीचे गिरने पर जब आंख खुली तो चारो तरफ अंधेरा और चीख-पुकार थी। एक अन्य यात्री कन्हैयालाल गुप्ता निवासी जौनपुर, की छोटी बेटी की शादी फरवरी में है, जो कि 5 साल में नागपुर में रहती है, उसे घर वापस लाने के लिए निकले थे। रास्ते में बड़ी बेटी रेखा और नातिन प्रियांशी भी साथ हो लिए। इस दुर्घटना से तीनों ही सदमे की हालत में हैं।

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कार से घर ले जाई गई खलासी की बॉडी

इस घटना में मृत खलासी लल्लू उर्फ लाल सिंह यादव निवासी प्रतापगढ़, आभा ट्रेवल्स का कर्मचारी था, मगर वह नियमित रूप से नागपुर रूट पर नहीं चलता था। एक महीने बाद शनिवार को ही वह बस लेकर इस रास्ते पर निकला था, पर यह सफर अंतिम साबित हुआ। बताया गया है कि एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं होने के कारण बेटे नितिन को पिता का शव कार से ले जाना पड़ा।

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Created On :   30 Sept 2024 5:29 AM GMT

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