सांस लेना भी दूभर: प्रतिबंध के बाद भी बीच बस्ती,चंडी मां मंदिर के पास चली रही है हड्डी की अवैध फैक्ट्री

प्रतिबंध के बाद भी बीच बस्ती,चंडी मां मंदिर के पास चली रही है हड्डी की अवैध फैक्ट्री
  • परेशान श्रद्धालुओं में भारी आक्रोश
  • प्रशासन से फैक्ट्री सील कराए जाने का अनुरोध किया गया है।
  • पड़ताल के दौरान जन समस्याओं एवं जनभावनाओं को भी ध्यान में रखा जाएगा।

डिजिटल डेस्क,सतना। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपी-पीसीबी) के सख्त प्रतिबंधात्मक आदेश के बाद भी सिविल लाइंस थाना अंतर्गत इटौरा में सोहावल बायपास पर अवैध रूप से संचालित मेसर्स सोहावल बोन इंडस्ट्री (हड्डी फैक्ट्री) अब प्रभावित ग्रामीणों और चंडी माता मंदिर के श्रद्धालुओं के गुस्से की बड़ी वजह बन चुकी है।

दूर-दूर भीषण दुर्गंध से परेशान सोहावल और इटौरा बस्ती के गुस्साए ग्रामीणों का कहना है कि अगर फैक्ट्री सील कर दोषियों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही नहीं की गई तो किसी भी अप्रिय घटना के लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा।

विहिप और बजरंग दल ने भी दी आंदोलन की चेतावनी

गुस्सा इस कदर है कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने भी कलेक्टर के नाम एसडीएम (ग्रामीण) को सौंपे ज्ञापन में आंदोलन की दो टूक चेतावनी दी है। बजरंग दल का कहना है कि बीच बस्ती में चंडी माता मंदिर के पास चल रही अवैध फैक्ट्री से भक्तों की भावनाएं भी आहत हो रही हैं।

आरोप है कि बोन फैक्ट्री के परिसर के अंदर मवेशियों की हड्डियों का खुले में भंडारण किए जाने से पूरे समय भारी सड़ांध बनी रहती है।

कलेक्टर ने एसडीएम को सौंपी जांच

कलेक्टर अनुराग वर्मा ने बताया कि मामले की गंभीरता के मद्देनजर जांच की जिम्मेदारी एसडीएम (ग्रामीण) राहुल सिलाडिय़ा को सौंपी गई है। स्थल निरीक्षण और तथ्यों के परिक्षण के दौरान एमपी-पीसीबी की टीम भी रहेगी।

कलेक्टर अनुराग वर्मा ने बताया कि प्रतिबंध के बाद भी बोन फैक्ट्री के संचालन पर कार्यवाही की जाएगी। एसडीएम राहुल सिलाडिय़ा ने बताया कि उन्हें जांच कार्यवाही के निर्देश मिले हैं। स्थल निरीक्षण कर परीक्षण किया जाएगा कि क्या अनुमति है? अनुमति है तो इसके आधार क्या हैं? पड़ताल के दौरान जन समस्याओं एवं जनभावनाओं को भी ध्यान में रखा जाएगा।

पीसीबी पहले ही दे चुका है क्लोजर रिपोर्ट

एमपी पीसीबी के कनिष्ठ वैज्ञानिक गणेश बैगा ने बताया कि सोहावल बायपास पर इटौरा में चंडी माता मंदिर के पास संचालित मेसर्स सोहावल बोन इंडस्ट्री को बंद करने की क्लोजर रिपोर्ट बहुत पहले दी जा चुकी है।

इस संबंध में प्रशासन से फैक्ट्री सील कराए जाने का अनुरोध किया गया है। प्रतिबंध के बाद भी फैक्ट्री परिसर में हड्डियों का भंडारण किए जाने से भीषण दुर्गंध की शिकायतें मिल रही हैं। इस वजह से प्रभावित बस्तियों के ग्रामीणों में आक्रोश भी है।

भारी प्रदूषण: संक्रामक बीमारियां फैलने का भी खतरा

चंडी माता मंदिर के भक्त कांतिृक बाबा,आनंद सिंह कचलोहा, लक्ष्मीकांत, प्रमोद उपाध्याय, पवन सिंह तोमर और शिवेंद्र सिंह परिहार ने बताया कि बीच बस्ती मे मंदिर के पास संचालित बोन फैक्ट्री से आने वाली भीषण दुर्गंध से सांस लेना दूभर है। मानसून सीजन में संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा भी है। आसपास की बस्तियों के रहवासी सुकून से दो जून की रोटी भी नहीं खा पा रहे हैं।

इनका कहना है

प्राप्त शिकायतों और मामले की गंभीरता के मद्देनजर एसडीएम को जांच के निर्देश दिए गए हैं।

स्थल निरीक्षण के बाद कड़े कदम उठाए जाएंगे। प्रतिबंध के बाद भी फैक्ट्री का संचालन और अवैध भंडारण पाए जाने पर संचालक के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

अनुराग वर्मा , कलेक्टर

Created On :   9 Aug 2024 10:28 AM GMT

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