पन्ना: गर्भवती महिला को थी रक्त की कमीं, एएनएम व आशा कार्यकर्ता ने कराया संस्थागत प्रसव

गर्भवती महिला को थी रक्त की कमीं, एएनएम व आशा कार्यकर्ता ने कराया संस्थागत प्रसव
  • गर्भवती महिला को थी रक्त की कमीं
  • एएनएम व आशा कार्यकर्ता ने कराया संस्थागत प्रसव

डिजिटल डेस्क, देवेन्द्रनगर नि.प्र.। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी जागरूकता के अभाव में गर्भवती महिलाओं का अस्पतालों में प्रसव कराने से लोग कतराते हैं जिससे प्रसूता महिलाओं की जान खतरे में आ जाती है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें आशा और एएनएम द्वारा गर्भवती महिला में रक्त की कमीं के चलते उसे रक्त मुहैया कराते हुए उसका संस्थागत प्रसव कराया गया। मुख्य खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. अभिषेक जैन ने बताया कि ग्राम बडागांव निवासी एक महिला जीवन यापन हेतु पैसे कमाने बाहर गई हुई थी। वह गर्भवती होने पर प्रसव हेतु अपने गृह ग्राम बड़ागांव वापस आई। प्रतिदिन की तरह आशा कार्यकर्ता लक्ष्मी शुक्ला द्वारा गांव के भ्रमण के लिए निकली जहां उसे पता चला कि गर्भवती महिला बाहर से गांव आई हुई है। उसकी तुरंत सूचना एएनएम गायत्री प्रजापति को दी गई।

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सूचना मिलने के उपरांत दोनों ने गर्भवती महिला के घर जाकर देखा तथा जांच के लिए उपस्वास्थ्य केंद्र को कहा गया लेकिन महिला तथा परिवार के सदस्यों द्वारा संस्था में जाने एवं संस्थागत प्रसव को मना किया गया। आशा व एएनएम ने सूझबूझ दिखाते हुए पूरे परिवार को समझाया तथा उसे स्वास्थ्य केंद्र ले आए। जहां डॉ. राजेन्द्र प्रजापति द्वारा महिला की संपूर्ण जांच कराई गई। जांच में हीमोग्लोबिन का स्तर बहुत कम होने की स्थिति में डॉ. राजेंद्र द्वारा रक्त का प्रबंध तथा सुमन डेस्क से पूजा गुप्ता द्वारा निरंतर प्रयास से महिला को रक्तदान कराया गया। जहां महिला की स्थिति सुधरने के उपरांत संस्थागत प्रसव कराकर महिला ने सुरक्षित बच्ची को जन्म दिया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवेंद्रनगर के सीबीएमओ डॉ. अभिषेक जैन ने इस कार्य की सराहना करते हुए बताया कि मातृ मृत्यु के जोखिम को घटाने के लिए हर जरूरी संभव प्रयास शासन द्वारा किया जा रहा है किंतु रक्त की कमी को सभी के सहयोग से ही पूरा किया जा सकता है क्योंकि इसे किसी और तरीके से तैयार नहीं किया जा सकता है। इसके लिए हर किसी का जागरूक होना बहुत जरूरी है साथ ही स्वेच्छा से रक्तदान के लिए आगे आए और मातृ मृत्यु के जोखिम को कम करने में भागीदारी बने।

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Created On :   18 May 2024 2:58 PM IST

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