Panna News: डूब की घटनाओं से बचाव के लिए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश

डूब की घटनाओं से बचाव के लिए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश
  • लेक्टर सुरेश कुमार ने गृह विभाग के राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा
  • डूब की घटनाओं से बचाव के लिए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश

Panna News: कलेक्टर सुरेश कुमार ने गृह विभाग के राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी निर्देशों के परिपालन में समस्त जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं नगरीय निकायों के सीएमओ को जिले के विभिन्न जल संग्रहण स्थलों पर जनसामान्य के डूब की घटनाओं से बचाव के संबंध में आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। इस संबंध में अवगत कराया गया है कि गत दिवसों में डूब की सर्वाधिक घटनाएं नदियों में हुई हैं। इसके अलावा जिले की विभिन्न नदियों सहित जलग्रहण क्षेत्रों में डूब की अत्याधिक घटनाओं की सूचना प्राप्त हो रही है। तालाब, कुएं, जलभराव क्षेत्र, नहर, डैम, नाला व खदान इत्यादि में डूब की दुर्घटनाओं का कारण लोगों की सुरक्षा के प्रति लापरवाही, तैराकी, सुरक्षा नियमों की अनदेखी और जागरूकता की कमी है। जिला कलेक्टर ने इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा है कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में स्थित डूब दुर्घटना संभावित समस्त स्थानों का सर्वेक्षण कर दुर्घटनाओं से बचाव के लिए सुरक्षा उपाय किए जाएं। इसके अलावा समस्त जलग्रहण क्षेत्रों स्थित नावों तथा नाविकों का रजिस्ट्रेशन करवाने के साथ असुरक्षित नावों का परिचालन तत्काल प्रभाव से बंद करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

नियमानुसार नावों की यात्री क्षमता संख्या निर्धारित कर नाव पर अंकित कराएं और निर्धारित क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाने पर वैधानिक कार्यवाही भी करें। लाइफ जैकेट एवं रस्सा इत्यादि न्यूनतम उपकरण की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। जिले के समस्त दुर्घटना संभावित स्थलों की निगरानी व्यवस्था सुनिश्चित कर आवश्यक होने पर मानसून के दौरान ऐसी जगहों को प्रतिबंधित घोषित कर प्रतिबंध नहीं मानने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही करें। इसके अलावा नदी घाटों, डैम, तालाब, झील, खनन द्वारा रिक्त तालाबनुमा संरचना, झरने तथा अन्य जल संग्रहण क्षेत्रों पर डूब से बचाव की चेतावनी संकेत लिखवाने के साथ महत्वपूर्ण दुर्घटना संभावित स्थलों पर सुरक्षा के लिए भी जरूरी न्यूनतम उपकरणों की व्यवस्था की जाए। जिला कलेक्टर द्वारा कहा गया है कि खनन द्वारा निर्मित गड्ढों को फेंसिंग के माध्यम से सुरक्षित कर चेतावनी बोर्ड लगाया जाए। बाढ के दौरान जिले के विभिन्न पुलिया व रपटा पर पानी होने के दौरान किसी वाहन अथवा व्यक्ति को इसे पार करने के लिए प्रतिबंधित किया जाए। साथ ही चेतावनी बोर्ड और बैरियर के साथ निगरानी की जाए। बारिश के दौरान जल संग्रहण क्षेत्रों के आसपास स्थित पिकनिक स्पॉट, वाटर फाल, फिसिंग स्पॉट इत्यादि मनोरंजन स्थलों पर लोगों को जाने से रोकने की विशेष व्यवस्था होए जिससे पानी से घिर जाने पर एयर रेस्क्यू की स्थिति निर्मित न हो। समस्त नदी घाट विशेषकर धार्मिक कार्यक्रम आयोजन वाले घाटों पर भी चेतावनी बोर्ड लगाएं जिसमें डैम से पानी छोड़े जाने पर जल स्तर व जनसामान्य की सुरक्षा का विवरण हो। डैम से पानी छोड़े जाने के दौरान घाटों पर लोगों को जाने से प्रतिंबधित करें। असुरक्षित नदी घाट का चिन्हाकंन कर सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था हो। ऐसे स्थानों पर मानसून पूर्व सर्वेक्षण तथा लाल झंडा लगाने जैसे उपाए भी करें। उन्होंने समस्त ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में तैराकी जागरूकता कार्यक्रम संचालित करने के लिए भी कहा है।

सूचना प्रदान करने के लिए आमजनों को करें जागरूक

जिला कलेक्टर ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि डूब संबंधी समस्त घटनाओं की सूचना से आमजनों द्वारा तत्काल अवगत कराने के उद्देश्य से जिला स्तरीय कंट्रोल रूम के संपर्क नम्बर 181 का विभिन्न माध्यमों से जनसमुदाय के मध्य प्रचार-प्रसार किया जाए। साथ ही शैक्षणिक संस्थाओं, पंचायत एवं वार्ड आदि में भी जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर मॉकड्रिल की व्यवस्था करें। इस दौरान डूबे व्यक्तियों की जीवन रक्षा एवं सीपीआर देने की विधि की जानकारी देने के साथ स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर बचाव उपकरण तैयार करने की विधि का प्रदर्शन भी करें। इसके अलावा स्थानीय अस्पताल में डूब प्रभावित व्यक्तियों के बचाव की विशेष व्यवस्था की जाए। साथ ही प्रशिक्षण एवं क्षमता वृद्धि योजनांतर्गत डूब से बचाव के लिए अपनाए जाने वाले सुरक्षा उपायों से संबंधित बैनर, पोस्टर इत्यादि प्रचार सामग्री का उपयोग भी किया जाए।

Created On :   6 April 2025 7:18 AM

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