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पन्ना: निर्वाचन कार्य में लगे कर्मचारियों को खिलाया जा रहा बेस्वाद भोजन, भूख मिटाने जबरदस्ती खा रहे खाना
- निर्वाचन कार्य में लगे कर्मचारियों को खिलाया जा रहा बेस्वाद भोजन
- भूख मिटाने जबरदस्ती खा रहे खाना
डिजिटल डेस्क, पन्ना। लोकसभा निर्वाचन के कार्य में लगे कर्मचारियों को जो खाना खिलाया जा रहा है वह पूरी तरह से खाने योग्य नहीं हैं अभी वर्तमान समय में शासकीय महिला पालीटेक्निक में ईव्हीएम मशीनें जिन्हें मतदान केन्द्रों में मतदान हेतु भेजा जाना है उसके तैयार करने में लगे सैकडों कर्मचारियों को आज जो डिब्बों में खाना दोपहर को प्रदान किया गया। अत्यंत ही न्यूनतम स्तर का दिया गया। कर्मचारियों द्वारा बतलाया गया कि ऐसा लग रहा है कि जैसे इसमें कोई स्वाद ही न हो कई कर्मचारी जो स्वाद चखने बाद उसको नहीं खाया और बहुत से कर्मचारियों ने अपनी भूख मिटाने के लिए जबरदस्ती इस खाना को खाया। जबकि निर्वाचन चाहे लोकसभा का हो या विधानसभा इसमें भारी भरकम बजट आता है लेकिन उसके बावजूद भी चुनाव जैसे महत्वपूर्ण कार्य में लगे कर्मचारियों को खाना भी दिये जाने में कोताही बरती जा रही है। इसमें कहीं न कहीं राशि को बचाकर उसको बंदरबांट किये जाने का खेल चल रहा है।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार भोजन व्यवस्था के लिए ऑनलाईन ई-टेण्डर जारी किया गया था लेकिन किसी भी व्यापारी के द्वारा टेन्डर जारी नहीं किया गया और उसका प्रमुख कारण जो निकलकर सामने आया है वह यह है कि विधानसभा निर्वाचन २०१३ में जिस व्यापारी के द्वारा खाना, चाय, नाश्ता का टेन्डर लिया गया था उसका पूरा भुगतान अभी तक नहीं हुआ है यही कारण है कि जिला निर्वाचन कार्यालय पन्ना के द्वारा लोकसभा चुनाव में खाना की व्यवस्था का टेन्डर निकालने के बाद किसी के द्वारा टेन्डर नहीं डाला गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जब किसी के द्वारा टेन्डर नहीं डाला गया तो शहर के गौरी गुप्ता को खाना बनाकर सप्लाई किये जाने के लिए तैयार तो कर लिया गया लेकिन खाना कर्मचारियों को जिस क्वालिटी का मिलना चाहिए वह नहीं मिल रहा है। बडे स्तर के अधिकारी तो अपने-अपने घरों में जाकर खाना खा लेते हैं लेकिन छोटे कर्मचारी व सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी मजबूरन इस खाना को खा रहे हैं।
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इनका कहना है
आनलाईन ई-टेन्डर जारी किया गया था लेकिन किसी ने टेन्डर नहीं डाला। जिसके चलते निर्वाचन कार्य में लगे कर्मचारियों को पुराने २०१८ की दर से खाना बनवाया जा रहा है। जिसके द्वारा खाने की व्यवस्था की जिम्मेदारी ली गई है उन्हें अच्छा कम तेल, मिर्च का खाना बनाने को कहा गया है।
उमाशंकर दुबे
निर्वाचन पर्यवेक्षक
जिला निर्वाचन कार्यालय लोकसभा चुनाव २०२४
वर्ष २०१३ में सम्पन्न हुये विधानसभा चुनाव में जिस व्यापारी के द्वारा खाने का टेन्डर लिया गया था उनका आधा भुगतान अभी तक नहीं हुआ जिसके लिये उस समय के निर्वाचन पर्यवेक्षक, जिला निर्वाचन के बार-बार चक्कर काटने के बाद भी भुगतान नहीं किया गया तो यह मामला प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी तक गया लेकिन आधा भुगतान ही हो पाया आधा आज भी लंबित है। यही कारण है कि किसी ने टेन्डर नहीं डाला और इस गर्मी में निर्वाचन कार्य में लगे कर्मचारियों को निम्न क्वालिटी का भोजन खिलाने का काम किया जा रहा है। इस बात को कलेक्टर को शीघ्र संज्ञान में लेकर अच्छी क्वालिटी का भोजन कर्मचारियों को प्रदान किये जाने के निर्देश प्रसारित करना चाहिए।
नरेन्द्र खरे, सामाजिक कार्यकर्ता पन्ना
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Created On :   18 April 2024 10:20 AM IST