मोहर्रम 2024: जंग-ए-करबला की याद में शहर में निकला ताजियों का जुलूस, करबला की जंग में शहीद हुए इमाम हुसैन की शहादत को किया याद

जंग-ए-करबला की याद में शहर में निकला ताजियों का जुलूस, करबला की जंग में शहीद हुए इमाम हुसैन की शहादत को किया याद
  • जंग-ए-करबला की याद में शहर में निकला ताजियों का जुलूस
  • करबला की जंग में शहीद हुए इमाम हुसैन की शहादत को किया याद
  • मातमी पर्व मोहर्रम पर अकीदत के साथ निभाई परम्पराएं

डिजिटल डेस्क, पन्ना। मातमी पर्व मोहर्रम जिमोहर्रमले भर में अकीदत के साथ मनाया गया। करबला की शहादत को याद कर फिर आंखें नम हुई। शहर में या हुसैन के नारे गूंजते रहे। करबला के मंजर को याद कर लोगों की आंखों में आंसू नजर आए। 10 दिन चलने वाले इस पर्व को पूरी अकीदत व अहतराम के साथ मनाया गया। बुधवार को मोहर्रम की 10 वीं तारीख को शहर में ताजिया निकाले गये और अकीदतमंदों ने ताजियों की जियारत कर करबला के शहीदों को नमन किया। तारीख ए इस्लाम में इमाम हुसैन का नाम शहीदों में दर्ज हैं जो कभी भी मुस्लिम भाईयों के जेहन से नहीं उतर सकते। हर साल मोहर्रम के दिन उनकी शहादत की यादों का ताजा किया जाता है। इमाम हुसैन ने दुनिया को दिखाया कि बहादुरी, ईमानदारी, सच्चाई और हक परस्ती की जिन्दगी का एक पल बेईमानी की जिन्दगी के लाखों सालों से बेहतर है। करबला की घटना दुनिया की तारीख का एक ऐसा वाकया है जो 1300 साल का लंबा समय व्यतीत हो जाने के बाद भी दुनियां वालों के दिलों से दूर न हो सका।

यह भी पढ़े -नगर परिषद देवेंद्रनगर द्वारा एक पेड मां के नाम पौधरोपण महाअभियान का हुआ शुभारंभ

हर वर्ष मोहर्रम में इस घटना को याद किया जाता है और कयामत तक यह याद ताजा की जाती रहेगी। नबी-ए-पाक हजरत मोहम्मद सल्लाहो अलैहे वसल्लम के नवासे हसन तथा हुसैन की कुर्बानी की याद में प्रत्येक वर्ष मनाया जाने वाला मातमी त्यौहार मोर्हरम आज विश्वास के साथ मनाया गया। मंगलवार को कत्ल की रात कही जाने वाली मोहर्रम की नौंवी तारीख को 10 बजे के बाद शहर के विभिन्न स्थानों पर ताजिया रखे गए। ताजिया रखने के पश्चात फातिहा ख्वानी मुस्लिम भाईयों ने पढे। शहर के टिकुरिया मोहल्ले में कलेक्ट्रेट के पीछे अलावा जलाकर नौजवानों ने करबला की शहादत को याद किया। जिसमें त्याग और साधना की भावना नजर आयीं। मोहर्रम की दसवीं तारीख को अकीदतमंद मुस्लिमों ने रोजा रखे। वहीं शहर के कुछ प्रमुख चौराहों के पर लंगर ख्वानी हुयी। इस दौरान शरबत, जलेबी, मीटा, चांवल, पुलाव, खीचडा वगैरह का लंगर किया गया। शाम 08 बजे के बाद विभिन्न स्थानों से ताजियों का जुलूस के साथ उठकर गांधी चौक लाया गया। गांधी चौक से होते हुए कोतवाली, कटरा बाजार, बडा बाजार होते हुए अजयगढ चौराहा पहुँचे। रात्रि 12 बजे के बाद ताजियों का काफिला ढोल नगाडों के साथ कचेहरी चौराहा पहुंचा।

यह भी पढ़े -विधायक ने मोहन्द्रा में किया वृक्षारोपण, पुन्नहाई में बनेगी ग्रीन जिम

तदोपरांत करबला शरीफ धरमसागर तालाब में फातिहा ख्वानी के लिए गए और फातिहा के बाद ताजियों को विभिन्न स्थानों में विसर्जन किया गया। मोहर्रम के मातमी पर्व को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा नगर में सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतजाम किए गए। सुरक्षा के मद्देनजर ताजियों के साथ सुरक्षा व्यवस्था के कडे इंतेजाम नजर आये। सौहार्दपूर्ण माहौल में मोहर्रम का त्यौहार परम्परागत से मनाया गया। गांधी चौक, कटरा बाजार, बडा बाजार, कोतवाली चौराहा, अजयगढ चौराहा स्थित क्षेत्रों सहित लगभग पूरे नगर में पुलिस प्रशासन की चौकसी रही।

यह भी पढ़े -जिला प्रशासन द्वारा कराई जाएगी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी, प्रवेश परीक्षा रविवार 21 जुलाई को

Created On :   18 July 2024 1:32 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story