आईएमडी ने घोषणा की कि उसे उम्मीद है कि देश भर में दक्षिण पश्चिम मानसून मौसमी वर्षा के कुल मिलाकर इस वर्ष सामान्य रहने (एलपीए का 96 प्रतिशत से 104 प्रतिशत) की बहुत संभावना!
डिजिटल डेस्क | पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय आईएमडी ने घोषणा की कि उसे उम्मीद है कि देश भर में दक्षिण पश्चिम मानसून मौसमी वर्षा के कुल मिलाकर इस वर्ष सामान्य रहने (एलपीए का 96 प्रतिशत से 104 प्रतिशत) की बहुत संभावना है देश भर में मानसूनी (जून से सितंबर) वर्षा के कुल मिलाकर एलपीए का 101 प्रतिशत रहने का अनुमान है| भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी)के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के अनुसार, देश भर में कुल मिलाकर दक्षिण पश्चिम मानसून (जून से सितंबर) मौसमी वर्षा के सामान्य रहने (दीर्घ अवधि औसत (एलपीए) का 96प्रतिशत से 104प्रतिशत) की बहुत संभावना है। मात्रा के हिसाब से, देश भर में कुल मिलाकर मानसून (जून से सितंबर) मौसमी वर्षा के 4प्रतिशत कम/ज्यादा की मॉडल त्रुटि के साथ दीर्घ अवधि औसत (एलपीए) का 101प्रतिशत रहने का अनुमान है।
देश भर में कुल मिलाकर 1961-2010की अवधि के लिए मौसमी वर्षा का एलपीए 88सेमी है। चार समरूप वर्षा में दक्षिण पश्चिम मानसून (जून से सितंबर) मौसमी वर्षा के उत्तर पश्चिम भारत (92-108प्रतिशत) और दक्षिण प्रायद्वीप (93-107प्रतिशत) में सामान्य रहने की बहुत संभावना है। मौसमी वर्षा के पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम (<95>106प्रतिशत) रहने का अनुमान है। मानसून कोर जोन जिसमें देश के अधिकांश वर्षा पूरित कृषि क्षेत्र शामिल हैं, में दक्षिण पश्चिम मानसून (जून से सितंबर) मौसमी वर्षा के सामान्य से अधिक (एलपीए का >106प्रतिशत) रहने का अनुमान है। मानसून मौसमी वर्षा के स्थानिक रूप से सुवितरित (चित्र 1) होने का अनुमान है। देश के अधिकांश क्षेत्रों में मौसम के दौरान सामान्य तथा सामान्य से अधिक वर्षा प्राप्त होने का अनुमान है।
नवीनतम वैश्विक मॉडल अनुमानों से संकेत मिलता है कि व्याप्त तटस्थ ईएनएसओ स्थितियों के विषवतरेखीय प्रशांत महासागर में जारी रहने तथा मानसून सीजन के दौरान हिन्द महासागर में नकारात्मक आईओडी स्थितियों के विकास की संभावना का अनुमान है। (विवरण एवं ग्राफिक्स के लिए कृपया यहां क्लिक करें: अंग्रेजी) (विवरण एवं ग्राफिक्स के लिए कृपया यहां क्लिक करें: हिन्दी) कृपया स्थान विशिष्ट पूर्वानुमान एवं चेतावनी के लिए मौसम ऐपए एग्रोमेट परामर्शी के लिए मेघदूत ऐप तथा बिजली कड़कने की चेतावनी के लिए दामिनी ऐप डाऊनलोड करें और जिला वार चेतावनी के लिए राज्य एमसी/आरएमसी वेबसाइटों को विजिट करें।
Created On :   2 Jun 2021 3:42 PM IST