कॉलरवाली बाघिन के नाम से बनेगा स्टैच्यू,लिखेगी किताब

Statue will be made in the name of collarwali tigress, will write a book
कॉलरवाली बाघिन के नाम से बनेगा स्टैच्यू,लिखेगी किताब
सिवनी कॉलरवाली बाघिन के नाम से बनेगा स्टैच्यू,लिखेगी किताब

डिजिटल डेस्क, सिवनी।पेंच टाइगर रिजर्व की सबसे मशहूर कॉलर वाली बाघिन(टी१५) की मौत के बाद उसका स्टैच्यू बनाकर स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा बाघिन के जीवन पर किताब तैयार की जाएगी। यह काम मुंबई की रहने वाली मेडिटेशन और योग ट्रेनर अनुपमा कर रही हैं। वे कई दिनों से पेंच टाइगर रिजर्व में टाइगर में वाईल्ड लाइफ को लेकर रिसर्च कर रही हैं। वे चाहती हैं कि पेंच में ही कॉलर वाली बाघिन का स्टैच्यू स्थापित करे ताकि पर्यटकों के लिए यादगार बने। हालांकि यह काम अगले वर्ष जनवरी तक पूरा जो जाएगा कि जो कि कॉलर वाली बाघिन की मौत के एक साल पूरे होने पर उसे समर्पित रहेगा। ज्ञात हो कि 20 मार्च 2015 को अंतरराष्ट्रीय वन दिवस पर टूरिया गेट पर आयोजित कार्यक्रम में डाक विभाग द्वारा स्पेशल कवर व डाक टिकट जारी किया गया था।
कॉलर वाली बाघिन मेरी गुरु
अनुपमा बताती हैं कि कॉलर वाली बाघिन मेरी गुरु हैं। उसने दुनिया को बता दिया कि कैसे जीवन जीया जाता है। उससे मुझे बहुत प्रेरणा मिली। दुनिया में प्रसिद्धि तभी मिलती है जब आप कुछ अलग कर जाओ। बाघिन ने भी अंतिम सांस ऐसे ली कि वो सबको बताकर जा रही हो। उसके जीवनकाल से मैं बहुत प्रभावित हुई। इसीलिए वे उनकी याद में स्टैच्यू बनवा रही हैं। साथ ही पूरे जीवनकाल पर किताब  लिख रही हैं। इसके लिए वे इसके लिए रिसर्च भी कर रही हैं।
बाघिन के कई रिकार्ड
29 शावकों को जन्म देना का एक विश्व रिकार्ड है। कॉलरवाली बाघिन ने मई 2008 में प्रथम बार तीन शावकों को,अक्टूबर 2008 में चार शावकों को, अक्टूबर 2010 में पांच शावकों को, मई 2012 में तीन शावकों को, अक्टूबर 2013 में तीन शावकों को, अप्रेल 2015 में चार शावकों को, 2017 में तीन शावकों को एवं दिसम्बर 2018 में चार शावकों को जन्म दिया था। वर्तमान में पाटदेव बाघिन(टी 4) जो कि अपने पांच शावकों के साथ पार्क की शोभा बढ़ा रही है। वह कॉलरवाली बाघिन की ही संतान है।
इंसानों की तरह किया था अतिम संस्कार
ज्ञात हो कि कॉलर वाली बाघिन की १६ जनवरी को पेंच के कोर एरिया में हो गई थी। मरने के दो दिन पहले वह कमजोर स्थिति में दिखी थी। उसका अंतिम संस्कार भी ऐसा किया गया जैसा आम इंसानों का किया जाता है। सभी ने मुखाग्नि दी। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी अपने मन की बात कार्यक्रम में बाघिन की मौत का जिक्र किया था।

Created On :   27 Aug 2022 5:24 PM IST

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