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पचास लोगों की भीड़ लेकर आशा कार्यकर्ता ने मेजर ओटी में मचाया बवाल
डिजिटल डेस्क, सतना। स्त्रीरोग चिकित्सकों की थोकबंद छुट्टियों के बाद जिला अस्पताल के मेटरनिटी विंग में हालात बदतर होते जा रहे हैं। गुरुवार को एक गर्भवती महिला को जबरन रेफर कराने के लिए ड्यूटी पर मौजूद डॉ. माया पाण्डेय पर एक आशा कार्यकर्ता ने दबाव बनाने की कोशिश की। इतना ही नहीं वह आशा कार्यकर्ता करीब आधा सैकड़ा बाहरी सहयोगियों के साथ मेजर ओटी के भीतर घुसकर आधा घंटा बवाल मचाती रही । इस बात की शिकायत जब सिविल सर्जन डॉ. एसबी पाण्डेय से मौखिक तौर पर की गई तो उन्होंने इस मामले से पल्ला छाड़ते हुए सिर्फ इतना बोला कि नौकरी में ये सब तो होता रहता है।
क्या पूरा मामला
धारकुण्डी थानान्तर्गत सुकवाह गांव की रहने वाली आरती साकेत पति रावेन्द्र साकेत को प्रसव पीड़ा के चलते बिरसिंहपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से जिला अस्पताल रेफर किया गया था। इसे मेटरनिटी वार्ड में भर्ती किया गया था। चूंकि कई चिकित्सकों के अवकाश पर होने की वजह से स्त्रीरोग विभाग में डॉक्टरों की कमी थी लिहाजा यहां जबरदस्त वेटिंग है फिर भी हाईरिस्क प्रेगनेंसी मानकर आरती को सीजर के लिए मेजर ऑपरेशन थियटर ले जाया गया। कॉल ड्यूटी पर डॉ. माया पाण्डेय मौजूद थीं। इससे पहले कि गर्भवती महिला का सीजर हो पाता कि एक आशा कार्यकर्ता ओटी के भीतर घुसकर मरीज को रेफर करने का दबाव बनाने लगी। इतना ही नहीं उस आशा ने करीब आधा सैकड़ा बाहरी लोगों को भी ओटी में बुलवा लिया और जमकर हंगामा खड़ा किया।
ये स्त्रीरोग चिकित्सक अवकाश पर
सूत्रों के मुताबिक मौजूदा समय पर मेटरनिटी विंग में पदस्थ कई स्त्रीरोग चिकित्सक अवकाश पर चल रहे हैं। डॉ. जसपाल बीना, डॉ. सुनील पाण्डेय, डॉ. आरके तिवारी, डॉ. मंजू सिंह जहां लम्बे समय से अवकाश पर हैं तो वहीं आज डॉ. शांति चहल भी छुट्टी पर थीं। सीजर करने के लिए सिर्फ दो ही विशेषज्ञ उपलब्ध हैं, एक डॉ. रेखा त्रिपाठी तो दूसरी डॉ. माया पाण्डेय। डॉक्टरों की अनुपलब्धता और बढ़ते लोड के कारण कई गर्भवती और कई बच्चेदानी की समस्या से जूझने वाली महिलाओं का ऑपरेशन वेटिंग में हैं।
सिविल सर्जन ने भी खड़े किए हाथ
इस मामले में डॉ. पाण्डेय ने सिविल सर्जन डॉ. एसबी सिंह से मौखिक शिकायत की तो उन्होंने भी हाथ खड़े कर दिए। सीएस ने ड्यूटी डॉक्टर स्त्रीरोग विशेषज्ञ को दो टूक कह दिया कि नौकरी में ये सब चलता रहता है। उन्होंने अपनी बेबसी का हवाला भी दिया। गौरतलब है कि जिला अस्पताल में मरीजों के इलाज में लापरवाही के आरोप को लेकर कई मर्तबा मारपीट की घटनाएं हुई हैं। अगर ऐसे मामलों में हीलाहवाली कोई बड़े हादसे को एक बार फिर जन्म दे सकती है।
Created On :   21 Jun 2019 1:57 PM IST