जिले में बढ़ रही है बच्चियों की संख्या

Number of girls is increasing in the district
जिले में बढ़ रही है बच्चियों की संख्या
सिवनी जिले में बढ़ रही है बच्चियों की संख्या

डिजिटल डेस्क, सिवनी। जिले के लिए यह गर्व का विषय हो सकता है कि जिले में लाडलियों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। सिवनी जिला प्रदेश में दूसरे स्थान पर है। सिवनी से पहले सिर्फ खंडवा जिला है जहां प्रति हजार बच्चों में अब १२७२ बेटियां पैदा हो रही हैं। जबकि सिवनी में यह आंकड़ा १२१२ है।
सिवनी दूसरे नंबर पर
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट में जारी हुए 50 जिलों के आंकड़ों में सिवनी बेटी प्रधान जिलों में दूसरे स्थान पर है। जहां पर प्रति एक हजार बेटों में 1212 बेटियां पैदा हो रही हैं। पांच साल पहले यह आंकड़़ा मात्र 951 ही था। वहीं पड़ोसी जिला मंडला तीसरे स्थान पर है।
ये हैं प्रदेश के टॉप पांच जिले
जिला 2020-21 2015-16
खंडवा 1272 823
सिवनी 1212 951
मंडला 1130 974
झाबुआ 1156 1026
टीकमगढ़1105 873
छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर में भी बढ़ी बेटियां
संभाग के जिलों की बात करें तो पड़ोसी जिलों छिंदवाड़ा और नरसिंहपुर में बेटियों की संख्या में इजाफा हुआ है वहीं बालाघाट में बेटियों की संख्या घटी है। छिंदवाड़ा में जहां पांच साल पहले बेटियों की संख्या प्रति हजार बेटों में 933 थी वहीं अब यह संख्या 1078 हो गई है। डिंडौरी जिले में पांच वर्षों में संख्या 889 से बढ़कर 903 हो गई है। नरसिंहपुर में 15-16 में जहां संख्या 881 थी वह 20-21 में बढ़कर 947 हो गई है। वहीं बालाघाट में बेटियों की संख्या इन पांच वर्षों में 1038 से गिरकर 979 हो गई है।
संस्थागत प्रसव को बढ़ावा
जिले में बेटियों की संख्या में इजाफे के लिए संस्थागत प्रसव, आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य सेवाएं, गर्भावस्था के समय और बाद में देखरेख, पूरक पोषण आहार जैसे कारणों के कारण बेटियों के अनुपात में बढ़ावा हुआ है। इसके अलावा शिक्षा का स्तर बढऩे और जागरूकता के चलते भी बेटा बेटी एक नजर से देखे जाने लगे हैं। वहीं जन्मपूर्व लिंग परीक्षण आदि पर रोक भी प्रमुख कारण हैं।

Created On :   23 July 2022 5:30 PM IST

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