आदिवासी समाज में आंकना कुप्रथा उन्मूलन के लिए अब बैगा समाज भी चलाएगा अभियान
डिजिटल डेस्क,शहडोल। आदिवासी बैगा समाज में कई पीढिय़ों से चली आ रही आंकना कुप्रथा को दूर करने समाजजन आगे आ रहे हैं। बैगा समाज के जिलाध्यक्ष नत्थू लाल बैगा ने बताया कि छोटे बच्चों को आंकना रोकने के लिए संगठन के माध्यम से जन जाग्रति चला रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा जो दागना सामने आ रहा है वह दूसरी चीज है, जो मवेशियों पर लागू होता है। मवेशियों में जब बीमारी आती है तो गले में सलाखों से दागा जाता है। बैगा समाज के जिलाध्यक्ष ने कहा कि आंकना रोकने के लिए समाज स्तर पर अभियान चलाएंगे। बताएंगे कि बच्चों को आंकना सही नहीं है।
आंकने के बजाए बच्चों को ले जाएं अस्पताल
ग्राम उचेहरा के रहने वाले आदिवासी समाज के मनोज सिंह आर्मो ने दैनिक भास्कर को बताया कि छोटे बच्चों को आंकने की कुप्रथा को लेकर वर्तमान में प्रशासन द्वारा जनजाग्रति चलाई जा रही है इसमें शब्द विशेष का अंतर है। आदिवासी समाज के लोग कुप्रथा को आंकना के नाम से जानते हैं। इसमें प्रशासन के बीच समन्वय कहा जाए या समझदारी का अभाव है। उन्होने बताया कि आंकना प्रथा कुरीति है। हम सभी समाज से निवेदन करेंगे कि आंकना कुप्रथा से बच्चों को दूर रखें। बीमार होने पर चिकित्सालय ले जाकर इलाज करवाएं।
Created On :   13 Feb 2023 2:38 PM IST