आप अपने ज्ञान और संस्कार को अब पशु सेवा में लगाएँ...

Now apply your knowledge and culture in the service of animals.
आप अपने ज्ञान और संस्कार को अब पशु सेवा में लगाएँ...
नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के छठवें दीक्षांत समारोह में बोले राज्यपाल मंगूभाई पटेल आप अपने ज्ञान और संस्कार को अब पशु सेवा में लगाएँ...

डिजिटल डेस्क जबलपुर। यदि मनुष्य को कोई दिक्कत होती है, तो वह अपने आसपास मौजूद लोगों को बोलता है, लेकिन पशु अपना दर्द बोलकर बयाँ नहीं कर पाते। ऐसे बेजुबान पशुओं की सेवा करने के लिए चिकित्सा का ज्ञान आपने लिया है। उनके उपचार की विधि सीखी है अत: उस ज्ञान और संस्कार को पशु सेवा में लगाएँ और अपने ज्ञान को सार्थक करें। उक्त विचार समारोह की अध्यक्षता कर रहे राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने व्यक्त किए। अवसर था नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के छठवें दीक्षांत समारोह का। उन्होंने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि पशु सेवा व मानव सेवा आपके जीवन में चार चाँद लगा देगी। समारोह में राज्यपाल ने नानाजी देशमुख की प्रतिमा का अनावरण किया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पशुपालन एवं डेयरी मंत्री प्रेम सिंह पटेल रहे। दीक्षांत भाषण प्रो. डॉ. आदित्य कुमार मिश्रा ने दिया। उन्हें विश्व विद्यालय द्वारा डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि प्रदान की गई। इनके साथ ही विश्वविद्यालय के 968 छात्र-छात्राओं को उपाधियों से सम्मानित किया गया। इनमें 37 विद्यार्थियों को पीएचडी की उपाधि व 13 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। आर-1
स्मारिका का विमोचन हुआ
समारोह में अतिथियों द्वारा स्मारिका का विमोचन किया गया। इस दौरान सुशील तिवारी इंदु, विवि के कुलपति सीता प्रसाद तिवारी, प्रमुख सचिव पशुपालन व डेयरी गुलशन बामरा की उपस्थिति रही। इसके साथ ही जेएनकेविवि कुलपति डॉ.प्रदीप कुमार, वीर सिंह, रादुविवि कुलपति डॉ. कपिल देव मिश्र, कैंट विधायक अशोक रोहाणी, पाटन विधायक अजय विश्नोई, नि:शक्तजन आयुक्त संदीप रजक भी मौजूद थे। संचालन डॉ. अमिता तिवारी ने किया।
कुछ खास-खास झलकियाँ
- बैंड दल की प्रस्तुति भी खास रही।
- छात्र-छात्राओं ने पारम्परिक वेशभूषा को धारण किया।
- विवि परिसर में सेल्फी कॉर्नर भी बनाए गए, जहाँ सभी ने फोटो क्लिक करवाई।
- स्वर्ण पदक पाकर विद्यार्थियों के चेहरे खिल उठे।
गोल्ड मेडल वर्जन
2 मेडल पाकर खुश हूँ
मुझे लाइवस्टॉक प्रोडक्शन एंड मैनेजमेंट में रिचर्स करनी है, जिसका मुख्य उद््देश्य रूलर एरिया के किसानों को लाभ पहुँचाना है। मुझे 2 गोल्ड मेडल प्राप्त हुए हैं जिसकी खुशी काफी है। पेरेंट्स का सपोर्ट हमेशा रहा है।
तेजेश्वरी सातपुते, गोल्ड मेडल
रिसर्च फील्ड में जाना है
मुझे 2 गोल्ड मेडल प्राप्त हुए हैं, जिसका श्रेय मैं अपने पेरेंट्स को देना चाहती हूँ, मुझे रिसर्च फील्ड में जाना है, पशु प्रजनन पर बेहतर कार्य करना चाहती हूँ, ऐसा करने से किसानों की आय में वृद्धि होगी और उनका विकास होगा।
अपूर्वा वर्मा, गोल्ड मेडल
किसानों के हित में करूँगी कार्य
मुझे बीएफएससी वर्ष 2018-2019 के लिए गोल्ड मेडल प्रदान किया गया है, मुझे पीएचडी करना है। रिसोर्स मैनेजमेंट पर कार्य करना है। किसानों की आय बढ़ाने के उद््देश्य से कार्य करूँगी।
आयुषी पाण्डे, गोल्ड मेडल  
करना है पीएचडी
मैं स्वर्ण पदक पाकर काफी खुश हूँ। मेहनत का बेहतर परिणाम मिलता है तो ज्यादा प्रसन्नता होती है। आगे पीएचडी करना चाहती हूँ, इस फील्ड से जुड़कर पशुओं के लिए अच्छा कार्य करती रहूँगी।
आयुषी वैद्य, गोल्ड मेडल  
स्वर्ण पदक पाकर मिली खुशी
एमवीएससी में मुझे गोल्ड मेडल प्राप्त हुआ। मैंने हमेशा बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए परिश्रम करती थी, आज अच्छा फल पाकर खुश हूँ। आगे मैं यूपीएससी की तैयारी कर रही हूँ।
मुस्कु निकिता रेड्डी,गोल्ड
पहली बार वाइस चांसलर गोल्ड मेडल -
पहली बार वाइस चांसलर गोल्ड मेडल देने की शुरुआत की गई है, जो कि सत्र 2020-21 की छात्रा कु. मोनिशा प्रभाकरन को दिया गया। यह स्वर्ण पदक उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रदान किया गया। इसके साथ ही पीएचडी में सर्टिफिकेट ऑफ मैरिट प्रदान किया गया, जिनमें काजल कुमार जाधव, अरुण मौर्य, पूनम शाक्य शामिल हैं। इनके अलावा 968 छात्र-छात्राओं को डिग्री सर्टिफिकेट प्रदान किया गया।
इन्हें भी मिला स्वर्ण पदक
कुलाधिपति द्वारा छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक एवं उपाधियाँ प्रदान की गईं, जिसके अंतर्गत छात्र-छात्राओं को 13 स्वर्ण पदक सत्र 2018-19, 19-20 व 20-21 में आकांक्षा कुर्मी, प्रगति इनवाती, आदित्य शर्मा, कृष्णेंद्र कुमार पाण्डेय, काजल कुमार जाधव, अरुण मौर्य, पूनम शाक्या, आस्था मूलचंदान को एक-एक स्वर्ण पदक दिए गए।

 

Created On :   21 Nov 2022 11:03 PM IST

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