विद्युत मंत्रालय ने कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्रों में बायोमास के इस्तेमाल को लेकर एक राष्ट्रीय मिशन स्थापित करने का निर्णय लिया!

Ministry of Power has decided to establish a national mission regarding the use of biomass in coal-fired thermal power plants!
विद्युत मंत्रालय ने कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्रों में बायोमास के इस्तेमाल को लेकर एक राष्ट्रीय मिशन स्थापित करने का निर्णय लिया!
विद्युत मंत्रालय ने कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्रों में बायोमास के इस्तेमाल को लेकर एक राष्ट्रीय मिशन स्थापित करने का निर्णय लिया!

डिजिटल डेस्क | विद्युत मंत्रालय विद्युत मंत्रालय ने कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्रों में बायोमास के इस्तेमाल को लेकर एक राष्ट्रीय मिशन स्थापित करने का निर्णय लिया| खेतों में पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण की समस्या का समाधान करने और ताप विद्युत उत्पादन के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए, विद्युत मंत्रालय ने कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्रों में बायोमास के इस्तेमाल को लेकर एक राष्ट्रीय मिशन स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह देश में ऊर्जा संबंधी बदलाव और स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ने के हमारे लक्ष्यों में और मदद करेगा। "ताप विद्युत संयंत्रों में बायोमास के इस्तेमाल से जुड़े राष्ट्रीय मिशन" के निम्नलिखित उद्देश्य होंगे; ताप विद्युत संयंत्रों से कार्बन न्यूट्रल बिजली उत्पादन का बड़ा हिस्सा पाने के लिए को-फायरिंग के स्तर को वर्तमान 5 प्रतिशत से बढ़ाकर उच्च स्तर तक ले जाना।

बायोमास पेलेट में सिलिका, क्षार की अधिक मात्रा को संभालने के लिए बॉयलर डिजाइन में आर एंड डी (अनुसंधान एवं विकास) गतिविधि शुरू करना। बायोमास पेलेट एवं कृषि अवशेषों की आपूर्ति श्रृंखला में बाधाओं को दूर करने और बिजली संयंत्रों तक इसके परिवहन की सुविधा देना। बायोमास को-फायरिंग में नियामक मुद्दों पर विचार करना। राष्ट्रीय मिशन के संचालन और संरचना के तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यह परिकल्पना की जा रही है कि मिशन में सचिव (विद्युत) की अध्यक्षता में एक संचालन समिति होगी जिसमें पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (एमओपीएनजी), नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) आदि के प्रतिनिधियों सहित सभी हितधारक शामिल होंगे। सीईए सदस्य (ताप) कार्यकारी समिति के अध्यक्ष होंगे।

एनटीपीसी प्रस्तावित राष्ट्रीय मिशन में रसद और बुनियादी ढांचा सहायता प्रदान करने में बड़ी भूमिका निभाएगी। मिशन में सीईए, एनटीपीसी, डीवीसी और एनएलसी या अन्य भाग लेने वाले संगठनों के पूर्णकालिक अधिकारी शामिल होंगे। प्रस्तावित राष्ट्रीय मिशन की अवधि न्यूनतम पांच वर्ष होगी। मिशन के तहत निम्नलिखित उप-समूह भी गठित करने का प्रस्ताव है:उप-समूह 1: यह बायोमास के गुणों/विशेषताओं पर शोध करने की जिम्मेदारी संभालेगा। उप-समूह 2: यह चूर्णित कोयले (पीसी) वाले बॉयलरों में कोयले के साथ बायोमास की को-फायरिंग की अधिक मात्रा की खातिर पायलट परियोजना को संभालने के लिए बॉयलर डिजाइन आदि में अनुसंधान सहित तकनीकी विनिर्देश और सुरक्षा पहलुओं को पूरा करेगा। उप-समूह 3: यह मिशन अवधि और संवेदीकरण कार्यक्रम के दौरान आपूर्ति श्रृंखला के मुद्दों को हल करेगा। उप-समूह 4: यह कृषि आधारित बायोमास पैलेट और म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट (एमएसडब्ल्यू) पैलेट के परीक्षण के लिए नामित प्रयोगशालाओं और प्रमाणन निकायों का चयन करेगा। उप-समूह 5: यह कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्रों में बायोमास को-फायरिंग की नियामक संरचना और अर्थशास्त्र पर गठित किया जाएगा। बायोमास पर प्रस्तावित राष्ट्रीय मिशन राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) में भी योगदान देगा।

Created On :   26 May 2021 1:10 PM IST

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