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खनन माफिया की गुंडागर्दी ,राजस्व अधिकारियों ने सीएस को लिखा पत्र
डिजिटल डेस्क, शहडोल। जिले में खनन माफिया की बढ़ती दबंगई और पुलिस के लापरवाही पूर्ण रवैये से त्रस्त होकर जिले के समस्त राजस्व अधिकारियों ने प्रदेश के प्रशासनिक मुखिया के समक्ष गुहार लगाई है। कलेक्टर के माध्यम से राजस्व अधिकारियों ने मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन भेजा है, जिसमें अपराधियों की गिरफ्तारी से लेकर आर्म्ड गार्ड उपलब्ध कराने और गाड़ियों में बत्ती (बीकनलाइट) लगाने की मांग की है।
खुले घूम रहे हमलावर
पत्र में कहा गया है कि कार्रवाई में प्रशासन को पुलिस का सहयोग नहीं मिल रहा है, जबकि हर तरह की परेशानी और समस्या में लोगों की प्रशासन से बहुत अपेक्षाएं होती हैं। लोगों की आकांक्षाओं को बनाए रखने के लिए कुछ बिंदुओं पर विचार कर अमूल-चूल बदलाव बहुत जरूरी है। पत्र में कहा गया है कि पिछले दिनों राजस्व और खनिज विभाग की टीम पर हमले हुए हैं। हमला करने वालों की गिरफ्तारी होनी चाहिए। इतना ही नहीं इन अपराधियों के वाहन के पंजीयन एवं ड्राइविंग लाइसेंस भी निरस्त किए जाने चाहिए। सीएस को यह पत्र शनिवार को भेजा गया है। इसमें जिले के समस्त राजस्व अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए हैं।
गाड़ी में बत्ती लगाने की मांग
पत्र में यह भी कहा गया है कि प्राकृतिक आपदा, कानून व्यवस्था की स्थिति आदि में प्रशासनिक अधिकारियों के पहुंचने से ही अधिकांश समस्या का समाधान हो जाता है, लेकिन वर्तमान में प्रशासनिक अधिकारियों के वाहन की कोई विशिष्ट पहचान नहीं है। ऐसी स्थिति में उनके वाहनों को मार्ग में कई अवरोधों का सामना करना पड़ता है। इसलिए किसी भी तरह की कार्रवाई के दौरान वाहनों में बीकनलाइट प्रदान की जाए। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि यह कार्य की आवश्यता है, न कि पद प्रतिष्ठा को बढ़ाने के माध्यम।
सुरक्षा को रहता है खतरा
सुरक्षा का जिक्र करते हुए पत्र में कहा गया है कि कार्यपालिक मजिस्ट्रेट को उनके दायित्वों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सशस्त्र गार्ड उपलब्ध कराया जाए। क्योंकि कार्यपालिक मजिस्ट्रेट खनन, परिवहन, आबकारी एवं अन्य अवैध गतिविधियों पर प्रत्यक्ष नियंत्रण के साथ-साथ समाज के आपराधिक तत्वों पर सीआरपीसी की धाराओं के तहत कार्रवाई करते हैं, इसलिए उन्हें सशस्त्र गार्ड उपलब्ध कराया जाए।
अन्य विभागों में हस्तक्षेप
दूसरे विभागों के समन्वय के लिए कुछ अधिकार देने की मांग भी गई है। राजस्व अधिकारियों के अनुसार कोई आमजन किसी विभाग के कर्मचारियों से परेशानी महसूस करता है तो उसके निराकरण के लिए एसडीएम व तहसीलदार के पास आता है। साथ ही एसडीएम विभिन्न विभाग में अनुभाग स्तर पर समन्वय का कार्य करता है, लेकिन इन पर नियंत्रण के लिए विशेष प्रावधान नहीं। ऐसे में अनुविभागीय स्तर के अधिकारी सीईओ जनपद पंचायत, सीएमओ, थाना प्रभारी, बीएमओ आदि द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के अधिकारियों के गोपनीय प्रतिवेदन में एसडीएम द्वारा टिप्पणी का बिंदु जोड़ा जाए।
Created On :   10 Jun 2019 2:15 PM IST