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लाइसेंस नवीनीकरण के लिए 666 रुपए का फार्म 2 हजार रुपए में बिक रहा
डिजिटल डेस्क, नागपुर । भारी वाहनों के लाइसेंस नवीनीकरण के लिए लाइसेंसधारियों से ड्राइविंग स्कूलों का एक फॉर्म भरवाकर मांगा जा रहा है। इस फॉर्म के बदले स्कूल संचालक लाइसेंसधारियों से कम से कम 2 हजार रुपए वसूल रहे हैं, जबकि यह लेने का अधिकार उन्हें नहीं है। वहीं लाइसेंस नवीनीकरण करने के लिए केवल 666 रुपए लगते हैं। जिले के तीनों आरटीओ मिलाकर 3 लाख 81 हजार 650 भारी वाहनों के लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं। हर दिन तीनों में 300 भारी वाहनों के लाइसेंस नवीनीकरण के लिए आते हैं। इस हिसाब से ड्राइविंग स्कूल संचालक लायसेंसधारकों से हर रोज 6 लाख रुपए वसूल रहे हैं। इसका कोई लेखा-जोखा नहीं रखा जाता।
भारी वाहनों के लाइसेंस बनाने के लिए सबसे पहले कार चलाने का लाइसेंस होना अनिवार्य है। इसी के आधार पर भारी वाहनों के लाइसेंस बनाए जा सकते हैं। पहले इनकी वैधता तीन साल होती थी। इसी साल से इसकी वैधता पांच साल कर दी गई है। नियमानुसार वैधता समाप्ति के पहले लाइसेंस नवीनीकरण कराना पड़ता है। इसके लिए पहले सीधे आरटीओ से प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती थी लेकिन इस साल मई महीने से नया नियम लागू कर दिया गया है। इस नियम के अनुसार भारी वाहनों के लाइसेंसधारक को फॉर्म नंबर पांच जमा करना पड़ता है। यह फॉर्म भारी वाहनों के ड्राइविंग स्कूल से लेना पड़ता है। फॉर्म में नाममात्र जानकारी होती है। जो लाइसेंसधारक स्वयं ही भर लेता है। इस फॉर्म पर ड्राइविंग स्कूल का स्टैंप और अधिकृत व्यक्ति के हस्ताक्षर चाहिए। तभी आरटीओ लाइसेंस नवीनीकरण के दस्तावेज स्वीकृत किए जाते हैं। इस चक्कर में लाइसेंसधारकों को भारी वाहनों से संबंधित ड्राइविंग स्कूलों में दस्तक देकर स्टैंप लगाकर हस्ताक्षर देने की गुहार लगानी पड़ती है।
मरता क्या न करता जैसा हाल
भारी वाहनों के लाइसेंसधारकों का हाल मरता क्या न करता जैसा हो चुका है। ड्राइविंग स्कूल संचालक उनकी जेबें काटने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। जिस व्यक्ति को अपना भारी वाहन लाइसेंस नवीनीकरण करवाना है, उसे आरटीओ से सख्त हिदायत दी जाती है कि जब तक वह ड्राइविंग स्कूल से 5 नंबर फॉर्म नहीं लाएगा, तब तक उसका लाइसेंस नवीनीकरण नहीं किया जाएगा। लाइसेंसधारक को समझ में नहीं आता कि अब किस ड्राइविंग स्कूल में जाकर फॉर्म लेकर आए। इस चक्कर में वह दलाल के संपर्क में जाता है। दलाल भी उसे यह फॉर्म आवश्यक बताता है। दलाल उसे इस फॉर्म के बदले में तीन हजार रुपए का खर्च बताता है। इसमें लाइसेंस नवीनीकरण का खर्च नहीं होता। जानकार व्यक्ति दलाल के चक्कर में न पड़कर सीधे ड्राइविंग स्कूल से संपर्क करता है। वहां पहुंचने पर उसे कम से कम 2 हजार और अधिकतम 3 हजार रुपए तक खर्च करने पड़ते हैं। इसके बाद नवीनीकरण की प्रक्रिया पूरी करने के लिए अलग से 666 रुपए देने पड़ते हैं। यानि 2666 रुपए खर्च करने पड़ते हैं। यदि यही काम दलाल के माध्यम से किया जाए तो लाइसेंसधारक की जेब पर 3 हजार रुपए की मार पड़ती है। इस तरह खुली लूट मची है।
Created On :   18 Nov 2019 11:05 AM GMT