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केजी डेवलपर्स ने बिगाड़ा सोन नदी का स्वरूप
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डिजिटल डेस्क,शहडोल। यह दृश्य सोन नदी स्थित सीतापुर रेत खदान का है। जिले की रेत खदीनों के समूह का ठोका लेने वाली केजी डेवलपर्स को आवंटित इस रेत खदान में एक-एक डंपर/ट्रक नदी की जलधारा को बाटते हुए बनाए गए रैम्प से हो कर नदी के बीच तक पहुंच रहे हैं। जहां पहले से पानी के बीच में लगी पोकलेन मशीन से रेत निकाल कर नदी को रेत व मिट्टी से समतल कर बना दिए स्थान पर रखी और इन वाहनों में भरी जा रही है। रेत के खनन व परिवहन में नियमों का पालन हो यह देखने वाले खनिज विभाग सहित राजस्व व पुलिस महकमे के मैदानी अम्ले को यह सब नजर नही आ रहा। खनिज विभाग द्वारा तो अभी तक खदान क्षेत्र का झंडे आदि लगा कर सीमांकन तक नही किया है।
यहां न तो खतरे के निशान वाला बोर्ड लगा हुआ है और न ही कोई सुरक्षा इंतजाम। जबकि यह वही स्थान है जहां रेत की खातिर खोद दिए गए गहरे गड्ढों में डूबकर तीन बच्चों की मौत हो गई थी। ग्रामीणों के अनुसार नदी के बीच मौजूद दूसरी पोकलेन मशीन से ठेका कंपनी केजी डेवलपर्स के कर्मचारियों द्वारा नदी के अंदर से रात में खनन किया जाता है और दिन में परिवहन। इस तरह से उत्खनन किए जाने से और रेत को बचाने नदी को मेड़ बना कर बांध दिए जाने से सोन की जलधारा तो प्रभावित हुई ही है, नदी का प्राकृतिक स्वरूप भी बदल गया है। मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जिस पर पर्यावरण सहित नदियों के मूल स्वरूप को बचाये रखने की भी जिम्मेदारी है, वह भी पर्यावरणीय नियमों की इस अवहेलना पर खामोश है। कलेक्टर सोनिया मीना ने खनिज विभाग को जांच के लिए निर्देशित करने की बात कही है।
Created On :   20 Dec 2022 4:08 PM IST