विडंबना: कक्षा में छाता लगाकर पढ़ाई कर रहे छात्र

Irony: Students studying with umbrella in class
विडंबना: कक्षा में छाता लगाकर पढ़ाई कर रहे छात्र
सिवनी विडंबना: कक्षा में छाता लगाकर पढ़ाई कर रहे छात्र

डिजिटल डेस्क, सिवनी। इन दिनों शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए शासन प्रशासन स्तर पर कई प्रयास किए जाने के वादे और दावे किए जा रहे हैें। जिले में सभी विकासखंडों में सीएम राइज स्कूल खोलकर निजी शिक्षण संस्थाओं को टक्कर दिए जाने की बात कही जा रही है। जिसके लिए करोड़ों रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है। वहीं जिले में कई ऐसे स्कूल हैं जो न सिर्फ जर्जर हैं बल्कि उनमें पेयजल जैसी जरूरी सुविधाओं का अभाव है। ऐसा ही एक स्कूल घंसौर विकासखंड में है जहां पर छात्रों को छाता लगाकर पढ़ाई करनी होती है। जिसकी वजह छत से रिसता पानी है। स्कूल जर्जर हो चुका है और कभी भी गिरने की स्थिति में है। ऐसे में अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से भी डर रहे हैं।
पढ़ाई करनी है तो छाता लगाओ
घंसौर विकासखंड के खैरी कला गांव में मिडिल स्कूल की इमारत काफी जर्जर हो चुकी है। इस स्कूल में दीवारें सीलन युक्त हैं। बारिश के दिनों में छत में पानी जमा हो जाता है जो घंटों तक  रिसता रहता है।  छात्रों को ऐसे में पढ़ाई करने में काफी दिक्कत होती है। एक शाला एक परिसर के अंर्तगत संचालित इस परिसर में माध्यमिक की तीनों कक्षाओं में लगभग ३५ छात्र अध्ययनरत हैं।
दीवारों पर सीलन, उखड़ रही परतें
स्कूल की इमारत का निर्माण लगभग १२ वर्ष पूर्व हुआ था। मात्र एक दशक में ही इस स्कूल की इमारत जर्जर हो गई है। स्कूल परिसर में दीवारों और छतों का प्लास्टर उखड़ गया है। छत की लोहे की सरिया भी लगातार रिसाव के कारण गलने लगी हैं। छात्रों का कहना है कि कभी भी छत या दीवार से प्लास्टर का टुकड़ा गिर जाता है। इस कारण छात्र स्कूल आने में आनाकानी करने लगे हैं।
कई बार दे चुके हैं आवेदन
स्कूल प्रबंधन का कहना है कि स्कूल की स्थिति को लेकर वे कई बार मरम्मत के लिए प्रस्ताव अपने आला अधिकारियों को दे चुके हैं लेकिन घंसौर मुख्यालय से मात्र छह-सात किलोमीटर दूर इस स्कूल की स्थिति देखने-सुधारने अबतक कोई नहीं पहुंचा है।
ये हो सकता है विकल्प
फिलहाल स्कूल की मरम्मत की संभावना कम ही है क्योंकि जिले में मानसून सक्रिय है। ऐसे में कुछ समय के लिए गांव में स्थित ग्राम पंचायत के दो कक्षों  में शिक्षा व्यवस्था के लिए इंतजाम किए जा सकते हैं।
 इनका कहना है,
एक बार बच्चे की सिर पर प्लास्टर का टुकड़ा  गिर गया था। अनेक बार शिकायत भी की गई लेकिन कोई सुनवाई नहींहुई। ऐसे में पानी बरसता है। दीवारे गिरने कीआशंका है। इस कारण बच्चे भी स्कूल नहीं आ रहे हैं।
- भीकम सिंह परते, अभिभावक
भवन की स्थिति काफी जर्जर है। पानी पूरा भरा रहता है। अभिभावक डर के कारण बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं। किसी भी हादसे की आशंका बनी हुई है।
-शेख रुस्तम मंसूरी, शाला समिति के अध्यक्ष
आपका कहना सही है, स्कूल परिसर काफी जर्जर है। इसकी मरम्मत के लिए प्रस्ताव हम जिला शिक्षा केंद्र को भेज चुके हैं। जैसे ही स्वीकृत होकर राशि आएगी हम मरम्मत करा देंगे।  

Created On :   27 July 2022 6:33 PM IST

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