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रेत खनन में ठेका कंपनी वंशिका ने रौंदे नियम, सोन नदी के रोहनिया घाट पर बीच धार पानी के अंदर से खनन
डिजिटल डेस्क, शहडोल। रेत खनन के दौरान जिले की जीवनदायिनी नदियों को बर्बाद किया जा रहा है। नदी के इकोसिस्टम की परवाह किए बगैर खनन के लिए सरकार द्वारा तय मापदंडों को रौंदते हुए रेत खनन किया जा रहा है। रेत खनन में खुलेआम मनमानी का ताजा मामला सोन नदी के रोहनिया घाट पर बुधवार को सामने आया। यहां नदी पर बीच धार पानी के अंदर जेसीबी मशीन लगाकर रेत खनन किया जा रहा था। इसमें कतार में खड़ी एक दर्जन से ज्यादा डंपर वाहनों पर रेत भरकर परिवहन की तैयारी थी। खनन में मनमानी का दूसरा बड़ा मामला भी इसी घाट पर दिखा। यहां जिले की रेत ठेका कंपनी वंशिका कंस्ट्रक्शन ने सोन नदी पर बीच धार रेत लोड वाहनों की आवाजाही के लिए अवैध रपटा बना दिया है।
जानकर ताज्जुब होगा कि रेत खनन में मनमानी का यह खेल संभागीय मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर सोन नदी के रोहनिया घाट पर चल रहा है और जिम्मेदार विभागों ने जैसे आंख मूंद ली है। सोन नदी पर नियमों को ताक पर रखकर खनन के बीच प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) के क्षेत्रीय अधिकारी कहते हैं कि रेत खनन से इको सिस्टम पर प्रभाव पडऩे जैसी स्थिति नहीं है। वहीं प्रभारी खनिज अधिकारी का कहना है कि रोहनिया घाट पर अवैध रपटा बना है तो हटवाने की कार्यवाही की जाएगी।
शहर के अंदर रेत परिवहन कर रहे वाहनों से गिरता है पानी-
नदी में पानी के अंदर से अवैध रेत निकाल कर परिवहन का सबूत संभागीय मुख्यालय में रेत परिवहन कर रहे वाहन ही दे रहे हैं। बुधवार दोपहर पुलिस लाइन के बाहर सड़क पर रेत लेकर जा रहे डंपर से पानी बह रहा था। ड्राइवर ने बताया कि वह पटासी से रेत लेकर आ रहा है।
रेत खनन के लिए यह है निमय-
पानी के अंदर से किसी भी स्थिति में रेत नहीं निकाली जाएगी।
नदी पर इस पार से उस पार वाहनों की आवाजाही के लिए रपटा का निर्माण नहीं किया जा सकता है।
जलचरों के लिए एकाएक बम फोडऩे जैसा कृत्य-
ग्रामीण विकास पर मध्यप्रदेश सरकार से सुशील चंद्र शर्मा अवार्ड प्राप्त करने वाले पर्यावरण के जानकार शहडोल के महेंद्र शुक्ला बताते हैं कि पानी के अंदर से मशीन लगाकर रेत निकालना जलचरों के लिए ऐसा ही है कि जैसे किसी के घर पर एकाएक बम फोड़ देना। पानी के अंदर से बड़े मशीन से सीधे तौर रेत निकालने से केकड़े, मछली व दूसरे जलचरों का जीवन नष्ट हो जाता है। इससे नदी का इकोसिस्टम प्रभावित होता है। यह पूरी तरह से अप्राकृतिक है।
Created On :   27 April 2022 11:49 AM GMT