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नागपुर में बनेगा देश का सबसे ऊंचा आठ मंजिला साईं मंदिर , मेट्रो में सवार यात्री भी साईंबाबा के दर्शन कर सकेंगे
डिजिटल डेस्क, नागपुर। श्रद्धा और सबूरी का संदेश देने वाले साईं भक्तों के आस्था केंद्र वर्धा रोड स्थित श्री साईं मंदिर का कायाकल्प होगा। मंदिर का निर्माण इस ढंग से किया जाएगा कि मंदिर के सामने से गुजरने वाली मेट्रो में सवार यात्री भी साईंबाबा के दर्शन कर सकेंगे। देश के सबसे ऊंचे और गुंबदाकार आठ मंजिल वाले मंदिर की ऊंचाई करीब 190 वर्गफीट होगी। राजस्थान के गुलाबी पत्थर मंदिर की सुंदरता में चार चांद लगाएंगे। मंदिर के पहले गुबंद के बाहरी हिस्से में साईंबाबा की आशीर्वाद मुद्रा वाली आदमकद प्रतिमा की स्थापना की भी योजना है। बाबा की प्रतिमा करीब 15-20 फीट ऊंची होगी। बता दें कि पूरी दुनिया में प्रसिद्ध साईंबाबा के शिर्डी स्थित मंदिर और नागपुर के साईं मंदिर में कई समानताएं हैं। शिर्डी के साईंबाबा की ही प्रतिकृति नागपुर के वर्धा रोड स्थित साईं मंदिर में है। शिर्डी की तर्ज पर ही साईंबाबा का न केवल गर्भगृह है, बल्कि पूजा-आरती भी शिर्डी की तरह होता है।
75 करोड़ की लागत
श्री साईं सेवा मंडल के सचिव अविनाश शेगांवकर ने बताया कि विशाल मंदिर के निर्माणकार्य पर करीब 75 करोड़ रुपए खर्च आएगा। मेट्रो रीजन के अंतर्गत चार एफएसआई मिलेगा, जिसके लिए करीब 20 करोड़ रुपए देने होंगे। मंदिर के एफएसआई की रकम माफ करने और मंदिर के निर्माण में आर्थिक सहयोग के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया है। केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितीन गडकरी तथा शिर्डी संस्थान से भी आर्थिक मदद मांगी गई है।
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8 हजार वर्गफीट का विशाल सभागृह होगा
1 लाख वर्गफीट में मंदिर का निर्माणकार्य प्रस्तावित है। गर्भगृह से सटकर मंदिर के दक्षिणी हिस्से में पंखुड़ियों की भांति निर्माणकार्य किया जाएगा। वाहनों की पार्किंग की समस्या को देखते हुए अंडरग्राउंड पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी, जिसमें करीब 40 कार और 500 दोपहिया वाहन पार्क किए जा सकेंगे। भूतल पर साईंबाबा का मंदिर होगा। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए गर्भगृह के सामने करीब 8 हजार वर्गफीट का विशाल सभागृृह बनाया जाएगा। भूतल और पहले माले के बीच मैजनाइन माला होगा, जिसमें मंदिर के प्रशासनिक कामकाज के लिए कार्यालय का निर्माण किया जाएगा। पहले माले पर प्रसादालय और रसोईघर होगा। दूसरे माले पर ध्यान कक्ष बनाया जाएगा। इसके अलावा स्वास्थ्य सेवा तथा अन्य सेवाभावी कार्य किए जाएंगे। आठ माले में होने वाली भीड़ को देखते हुए तीन लिफ्ट लगाई जाएंगी। नए मंदिर का नक्शा वर्तमान मंदिर का नक्शा बनाने वाले आर्किटेक्ट सुदानमल मोखा के पुत्र अशोक मोखा ने बनाया है।
दोनों मूर्तियांं वन पीस
शिर्डी के मंदिर में स्थापित साईंबाबा की मूर्ति बनाने वाले मुस्लिम मूर्तिकार हरीश तालीम ने ही नागपुर के साईं मंदिर में स्थापित बाबा की प्रतिमा बनाई थी। तालीम ने गिरगांव स्थित स्टूडियो में दोनों मूर्तियों का निर्माण किया। शिर्डी की मूर्ति का निर्माण इटालियन मार्बल से किया गया है, तो नागपुर की मूर्ति जयपुर के मार्बल से बनाई गई है। विशेष बात यह है कि दोनों मूर्तियां ‘वनपीस’ मार्बल से बनी हैं।
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सोने से मढ़ा है गर्भगृह
जिस प्रकार शिर्डी में साईंबाबा का गर्भगृह सोने से मढ़ा है उसी तरह नागपुर के साईं मंदिर में भी बाबा का गर्भगृह सन् 2018 में सोने से मढ़ा गया है। बाबा की चरण पादुका, लोटा भी सोने का है। गर्भगृह में दो दरवाजे हैं और गैलरी में बाबा के जीवन से जुड़े प्रसंगों के छायचित्रों की आकर्षक गैलरी तैयारी की गई है। पुजारियों का पहनावा भी शिर्डी की तरह ही है। पूजा-अर्चना भी एकसमान है। सोने की थाली से बाबा को भोग लगाया जाता है। सोने का हार, रुद्राक्ष की माला और लॉकेट भी सोेने का ही है।
धर्मेंद्र और हेमामालिनी का विशेष शो
वर्ष 1976 में वर्धा रोड स्थित साईं मंदिर का भूमिपूजन हुआ था और 3 दिसंबर 1979 को बाबा की मूर्ति की स्थापना हुई। भूमिपूजन और मूर्ति स्थापना के दौरान शिर्डी से बाबा की पादुका विशेष रूप से लाई गई थी। बाबा की समकालीन गोदावरी माता ने बाबा की मूर्ति की स्थापना की थी। शिर्डी संस्थान के सभी पदाधिकारी नागपुर आए थे। मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह करने के लिए प्रसिद्ध अभिनेता धर्मेंद्र और अभिनेत्री हेमामालिनी के विशेष स्टेज शो का आयोजन धंतोली स्थित यशवंत स्टेडियम में किया गया था। भीमसेन जोशी का गायन कार्यक्रम भी हुआ था।
Created On :   18 Feb 2020 6:27 AM GMT