- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- इनके घरों में पौधों के रूप में हैं...
इनके घरों में पौधों के रूप में हैं बाप्पा, बीज गणेश का पिछले वर्ष घर पर ही किया था विसर्जन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए पिछले वर्ष भी लोगों ने मिट्टी के गणपति बनाए थे। गणपति बनाते समय उसमें अनार, जामुन, तुलसी आदि के बीज भी डाले गए थे, फिर उस मूर्ति को घर में ही गमले में विसर्जित किया गया। 1 वर्ष में पौधों के रूप में गणेश जी साक्षात सामने नजर आ रहे हैं। शहर के लोगों ने चर्चा के दौरान अपने अनुभवों शेयर किये। 12 महीने गणेश जी उन लोगों के सामने रहे, जिन्होंने गणेश जी की प्रतिमा बनाई थी। घर-घर में पौधों के रूप में वर्षभर बाप्पा विराजमान हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए बीज गणेश का चलन बढ़ने लगा है।
पौधा संरक्षण के साथ देखभाल भी जरूरी
मूर्ति के अंदर बीज डालकर गणेश जी तो बनाए जा रहे हैं, लेकिन कई लोग इसकी देखभाल नहीं करते हैं। बीज अंकुरित होने के बाद उसकी देखभाल जरूरी है। आज के समय सभी बहुत जागरूक हैं। हमारे कॉलेज में सभी ने गणपति बनाए और उसमें बीज डाले। विसर्जन के 15 दिन बाद उसमें पौधा अंकुरित हुआ और उस पौधे की देखभाल हम दोनों भाई-बहन करते हैं। मम्मी-पापा ने हमारी ड्यूटी पौधे की देखभाल के लिए लगाई है। मम्मी का कहना है कि, पौधा लगाने से ज्यादा उनका संरक्षण जरूरी है। इस वर्ष भी हमने बीज डालकर मूर्ति बनाई है और उसका विसर्जन करने के बाद फिर बीज अंकुरित होगा। पौधा के रूप में गणेश जी हमारे सामने रहेंगे, यह सोचकर ही बहुत अच्छा लगता है। -शैफाली शाहू, सुरेन्द्र नगर
बेटी ने तुलसी के बीज डालकर बनाई थी मूर्ति
मेरी बेटी को पिछले वर्ष उसके स्कूल में मिट्टी की मूर्ति बनाना सिखाया गया था और उसमें बीज डालकर बीज गणेश की भी स्थापना की गई थी। इस बार भी गणेश जी की मूर्ति जामुन के बीज डालकर बनाई है। बच्चों को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक देखकर बहुत अच्छा लगता है। मेरी बेटी दसवीं कक्षा में है और इस वर्ष उसने कॉलोनी के बच्चों को बीज गणेश बनाने सिखाए हैं। साथ ही जल संरक्षण के बारे में संदेश भी लिखा है। कॉलोनी के हर घर में बीज गणेश विराजमान हैं, जो अगले वर्ष पौधों के रूप में नजर आएंगे। -श्रुति जैन, देव नगर
अनार के पौधे के साथ होते हैं बप्पा के दर्शन
हमने पिछले वर्ष गणेश प्रतिमा बनाते समय उसमें अनार के बीज डाले थे, फिर उसे घर में गमले में विसर्जित कर दिया था। अब वो पौधा धीरे-धीरे बड़ा हो गया है और अनार के पौधे के रूप में बाप्पा के रोज दर्शन होते हैं। हमें बहुत अच्छा है, जब गणेश जी को अपने सामने देखते हैं। इस बार भी हमने गणेश मेकिंग कार्यशाला में भाग लेकर आंवले के बीज डालकर गणपति बनाए हैं, उसे भी पिछले वर्ष की तरह विसर्जित करने वाले हैं। इस तरह हरियाली बढ़ेगी और हमारे सामने बाप्पा पूरे वर्ष भर रहेंगे। -दिव्या चांडक, स्नेह नगर
Created On :   4 Sept 2019 3:48 PM IST